ATM कार्ड यूज करते वक्त इस बात का ध्यान रखें, नहीं तो होगा बड़ा नुकसान
कार्ड को क्लोनिंग से बचाने के लिए आपको थोड़ा सतर्क रहना होगा.
26 साल की सुनैना. दिल्ली में रहती है. पेशे से डेंटिस्ट है. एक दिन उसके पास मैसेज आया कि ऑनलाइन शॉपिंग में उसके 99 रुपये कट गए हैं. पेमेंट उसके एटीएम कार्ड से किया गया था. पेमेंट सुनैना ने नहीं किया था. उसने तुरंत अपना पर्स चेक किया तो कार्ड उसके पास ही था. इस बीच उसके पास 450 रुपये कटने का एक और मैसेज आ गया. सुनैना ने बिना देरी किये कस्टमर केयर पर फोन किया. शिकायत दर्ज करवाई और अपना कार्ड ब्लॉक करवा दिया.
ये सब होने के करीब 15 दिन बाद सुनैना के पास फिर मैसेज आया. लिखा था आपका ट्रांजैक्शन फेल हो गया है क्योंकि आपका कार्ड ब्लॉक हो चुका है. यानी किसी और व्यक्ति के पास सुनैना के कार्ड की पूरी जानकारी थी. और वह उससे शॉपिंग करने की कोशिश कर रहा था.
इस बारे में हमने एसबीआई, जबलपुर के एक असिस्टेंट मैनेजर से बात की. उन्होंने बताया कि ओटीपी के बिना पैसे कट गए इसका मतलब है कि कार्ड की क्लोनिंग हुई है.
कैसे होती है क्लोनिंग?
उन्होंने हमें बताया कि जिस डिवाइस से कार्ड की क्लोनिंग की जाती है उसे स्किमर कहते हैं. स्किमर को आमतौर पर एटीएम मशीन के कार्ड स्लॉट पर कवर की तरह लगा दिया जाता है. बहुत अधिक ध्यान न दिया जाए तो पता भी नहीं चलता है कि कार्ड स्लॉट के ऊपर कुछ लगा हुआ है. इसी तरह स्वाइप मशीन में भी कार्ड स्लॉट के पास वैसा ही स्किमर लगाया जाता है जो आसानी से पकड़ में न आए. कार्ड स्वाइप करते ही स्किमर कार्ड की पूरी जानकारी यानी कि उसका नंबर, सीवीवी और अन्य डिटेल कॉपी कर लेता है.
कार्ड स्लॉट के ऊपर कवर की तरह फिट किया जाता है स्किमर
अब इसी डिटेल को एक दूसरे कार्ड में कॉपी किया जाता है. बस हो गया कार्ड का क्लोन तैयार. ये क्लोन ओरिजिनल कार्ड की डिट्टो कॉपी होता है. शक्ल, फीचर, नंबर सब सेम टू सेम. ऐसे एटीएम में हैकर्स कैमरा भी इस एंगल से लगाते हैं कि जब आप पिन डालें तो वो आसानी से कैप्चर हो जाए.
कहीं भी हो सकती है क्लोनिंग
क्लोनिंग कहीं भी हो सकती है. किसी दुकान, होटल या पेट्रोल पंप की स्वाइप मशीन में या फिर पैसे निकालने वाली एटीएम मशीन में. कम भीड़भाड़ वाली, सुनसान जगहों पर लगाए गए एटीएम मशीनों में क्लोनिंग का खतरा अधिक रहता है.
कैसे बच सकते हैं क्लोनिंग से?
-कार्ड इंसर्ट करने से पहले चेक कीजिए कि स्लॉट के आसपास कुछ अलग सी चीज़ तो नहीं लगी है.
-बैंक एटीएम में सीसीटीवी कैमरा लगाते हैं लेकिन उनका डायरेक्शन कभी भी कीबोर्ड की तरफ नहीं होता है. एक बार चेक कर लें, यदि कोई कैमरा की-बोर्ड की तरफ फोकस करता हुआ है तो उस एटीएम से पैसे न निकालें. और इसकी शिकायत बैंक से करें.
-पैसे निकालते वक्त अपने आसपास किसी को खड़ा न होने दें, ध्यान रखें कि पिन डालते वक्त किसी की नजर न पड़े.
सांकेतिक तस्वीर
-किसी शॉप में कार्ड स्वाइप करते वक्त भी चेक करें कि मशीन में कोई अलग से डिवाइस नहीं लगा है.
-दुकानदार यदि कार्ड कहीं और से स्वाइप करके लाने की बात कहे तो इनकार कर दें. कार्ड अपने सामने ही मशीन में स्वाइप करें. ध्यान रखें आपका पिन कोई और न देख सके.
इन सबके अलावा ये भी जरूरी है कि आप अपने एटीएम पिन को समय-समय पर बदलते रहें. और हां, पिन अपना या परिवार के किसी मेंबर के बर्थडे को न बनाएं. किसी भी ऐसे नंबर को अपना पिन न बनाएं जिसे आसानी से गेस किया जा सकता है. अपने फोन पर आने वाला ओटीपी या पिन किसी और से बिल्कुल भी शेयर न करें.
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