बरखा दत्त अपने ही देश को सपोर्ट करने के लिए गाली खा रही हैं, इस बार ट्रोल करने वाले पाकिस्तानी हैं
पाकिस्तानी पत्रकार ने बेहद खराब बात लिखी है.
26 फरवरी को तड़के साढ़े तीन बजे पाकिस्तान के बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के कैम्प पर भारतीय एयर फ़ोर्स ने हमला किया. तकरीबन 1000 किलो बम गिराए गए. इसके बाद से ही जब से ये खबर ब्रेक हुई, तब से सोशल मीडिया पर भी इस को लेकर बवाल मचा हुआ है. काफी समय बाद ऐसा देखने को मिल रहा है कि सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर भी लोग एकमत होकर सरकार के साथ खड़े हैं. एयर फ़ोर्स के साथ खड़े हैं. पिछली बार जब ये हुआ था तो लोगों में संशय और थोड़ा अनमनापन दिखा था. लेकिन इस बार पाकिस्तान ने भी स्ट्राइक की बात स्वीकार की. और इंडियन एयर फ़ोर्स ने डीटेल देते हुए बताया कि कौन से जेट इस्तेमाल हुए, कितना पेलोड (बम) गिराया गया, और कितने बजे ये सारे अटैक हुए.
राहुल गांधी ने भी इंडियन एयर फ़ोर्स को बधाई दी है. इस स्ट्राइक को preemptive कहा जा रहा है यानी इंटेल को खबर मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद एक और फिदायीन हमला करने की तैयारी में है. इसे अवॉयड करने के लिए जैश के टेरर कैम्प्स पर भारत ने पहले ही स्ट्राइक कर दिया. विदेश मंत्रालय के ऑफिशियल स्टेटमेंट में ये कहा भी गया हैकि 2004 में पाकिस्तान ने ये वादा किया था कि अपनी धरती का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं होने देगा. लेकिन अभी तक उस वादे का एक हिस्सा भी पूरा नहीं हो पाया है. इसलिए ये अटैक कर के जैश के ठिकानों को ही तबाह कर दिया गया.
बरखा दत्त ने भी इस मामले पर अपनी बात रखी. उन्होंने इंडियन एयर फ़ोर्स को सपोर्ट किया. इस पर उनके ऊपर लोगों ने आरोप लगाए कि वो युद्ध को भड़का रही हैं. ये रहा वो ट्वीट:
इस ट्वीट में बरखा ने एक ट्वीट का जवाब दिया है. वो कहती हैं,
‘मैंने एक भारतीय जर्नलिस्ट हूं जिसने जान पर खेल कर जंग की फ्रंट लाइन से रिपोर्टिंग की है. पाकिस्तान द्वारा समर्थन पा रहे आतंकी संगठनों के साथ मेरे देश को दशकों से एक नीच लड़ाई लड़नी पड़ रही है, इसमें मैं झूठ-मूठ निष्पक्ष नहीं रह सकती. इंडियन एयर फ़ोर्स को इस बात के लिए मेरा पूरा सपोर्ट है. ये युद्ध भड़काने वाली बात नहीं, ये इंसाफ है.’
तस्वीर: ट्विटर
नदीम पराचा नाम के जर्नलिस्ट हैं. पाकिस्तान के डॉन पेपर के लिए लिखते हैं. उन्होंने बरखा के ट्वीट पर लिखा,
‘माफ़ करना, लेकिन ये युद्ध भड़काने वाली बात है. मैं समझ सकता हूं लेकिन. जिस देश में हर कोई पागल हो गया हो, वहां समझदार लोग पागल माने जाते हैं. तो पागल ही हो जाना ठीक है फिर. अपनी दवाइयां लेना मत भूलना बरखा. इस तरह शायद तुम अपनी समझदारी बचा सको’.
Sorry, but this IS war-mongering. I do understand, though. In a country where everyone seems to have gone psychotic, the sane are labeled mad. So, may as well go crazy too.However, don't forget to take your meds, Barka. This way you just might be able to retain some sanity. https://t.co/OHcXeXeOnn
— Nadeem Farooq Paracha (@NadeemfParacha) February 26, 2019
ये बात बेहद शर्मिंदगी भरी है. सो वजहों से. पहली तो ये कि एक पत्रकार का दूसरे पत्रकार को इस तरह मानसिक रोगी बताना. दूसरी इसलिए, कि मानसिक रोग कोई मजाक नहीं. कि किसी को भी आप दवाएं खाने की नसीहत दें. खैर, बरखा ने पलटकर जवाब दिया:
‘जब अमेरिका आकर बिन लादेन को मार गया था तब भी आपने यही ट्वीट किया था? कोई बात नहीं, मेरा चिंता मत करिए नदीम. ध्यान रखने का शुक्रिया. लश्कर और जैश को सपोर्ट करते रहना बड़ी समझदारी का काम है जैसे. और इस समझदारी की तो कोई दवा भी नहीं’.
you tweeted the same when americans came in and took bin laden? anyway, dont worry about me nadeem. thanks for the concern though. I guess its very sane to keep supporting Lashkar and Jaish. And no meds for such sanity
— barkha dutt (@BDUTT) February 26, 2019
इस पूरे मामले में पाकिस्तान बैकफुट पर धकेला जाता दिख रहा है. अगर भारत ये साबित करने में सफल रहना है इंटरनेशनल मीडिया के सामने कि ये स्ट्राइक जैश के आतंकी ठिकानों को बर्बाद करने में सफल रही है तो पाकिस्तान के लिए दूसरे देशों से सपोर्ट पाना मुश्किल हो जाएगा. आखिरकार पाकिस्तान को विदेशी सहायता के नाम पर जो पैसे मिलते हैं, वो इसी वजह से मिलते हैं क्योंकि पाकिस्तान इनका इस्तेमाल अपने भीतर चल रहे आतंक के ठिकानों को बरबाद करने के नाम पर करता है.
यहां एक बात समझनी बेहद ज़रूरी है. जो लोग इंडियन एयर फ़ोर्स के इस कदम का स्वागत कर रहे हैं, या उसकी तारीफ कर रहे हैं, ज़रूरी नहीं कि उन सभी को युद्ध समर्थक का तमगा दे दिया जाए. Preemptive स्ट्राइक और मिलिट्री एक्शन में बहुत अंतर होता है. जैश-ए-मोहम्मद एक आतंकी संगठन है ज्सिकी वजह से भारत को काफी नुकसान झेलना पड़ा है. अगर पाकिस्तान अपनी ज़मीन पर जैश के ठिकानों को कंट्रोल करने और उसकी गतिविधियां रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा तो अपनी सुरक्षा के लिए भारत ने जो किया उसे बारीकी से समझने की ज़रूरत है.
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