फिल्म रिव्यू: बदला

फिल्म आपसे सवाल नहीं करेगी, आपको जवाब देगी. आपका काम सवाल ढूंढना है

एक लड़की. कहानी सुनाती हुई. कहानी में प्यार है. नफरत है. नफरत से बड़ा डर है. डर से भी बड़ी शर्म है. आप उस कहानी में डूब उतरा रहे होते हैं. आपको लगता है, इस कहानी में झोल है.. ये कहानी ऐसे नहीं चल सकती.

आप उस कहानी के सिरे ढूंढते हैं. एक की जगह चार सिरे निकल आते हैं. इनको बांधने की कोशिश में आपकी उंगलियां घिस जाती हैं. खून निकल आता है.

फिर पता चलता है कि लड़की कहानी नहीं सुना रही थी. देख रही थी कि आप किस हद तक उलझ सकते हैं.

The Usual Suspects एक फिल्म है. उसमें केविन स्पेसी ने मुख्य किरदार निभाया है. उस फिल्म में डिटेक्टिव के सामने काइज़र सोजे की कहानी सुनाता है वो. वो काइज़र सोजे जिससे हर कोई थरथराता है. और कैसे उसने एक बहुत बड़े क्राइम को अंजाम दिया. अंत में पता चलता है कि काइज़र सोजे नाम का तो कोई था ही नहीं.

वो पूरी फिल्म एक इमेजिनेशन पर आधारित है. उसकी ताकत पर. कि कोई आपको कहानी सुना रहा है. आप उसमें कमियां और खूबियाँ ढूंढने में लगे हुए हैं. लेकिन एक नजरिया है जो आप कभी नहीं देख पाएंगे. वो जो बताने वाला आपसे छुपा जाता है.

बदला फिल्म में अमिताभ बच्चन (बादल गुप्ता) और तापसी पन्नू (नैना सेठी) इसी तरह के ब्रेन गेम में उलझे दिखाई देते हैं.

badla-3_750x500_031119114406.jpgतस्वीर: ट्विटर

इस फिल्म की सबसे खास बात ये है कि ये वैल्यू जजमेंट नहीं देती अंत तक. फिल्म के ट्रेलर से जो आपको समझ आया फिल्म में वही है. लेकिन उसके परे बहुत कुछ है जो फिल्म धीरे-धीरे खोलती है. और आप उसमें उलझते चले जाते हैं.  अंत में जब खट से फिल्म सारे धागे खींच कर साथ बांध देती है, तब आप सीट पर बैठे मुंह बाए रह जाते हैं. थ्रिलर है, इसलिए इसकी स्टोरी के बारे में ज्यादा नहीं कह सकते क्योंकि आपको फिल्म देखनी पड़ेगी. स्पॉइल नहीं करना चाहते हम आपके लिए.

badla-2_750x500_031119114420.jpgतस्वीर: ट्विटर

अमिताभ का किरदार थोड़ा सा रेपेटिटिव लगता है, लेकिन यह भी फिल्म का ही हिस्सा है. ज़रूरी है. ये बाद में पता चलता है. अंत में अमिताभ कहते हैं,  महाभारत द्रौपदी के बदले की कहानी है. लेकिन यहां इस फिल्म  में द्रौपदी वो नहीं जो आप देख रहे हैं. वो द्रौपदी वो है जिसकी कहानी नहीं सुनाई गई. वो द्रौपदी जो अपनी कहानी नेपथ्य से चीख कर कहती रही, लेकिन किसी ने सुना नहीं. अंत में उसने बदला लिया. 

बदला कैसा? बदला किसका?

भरी सभा में अपमान का? जुए में अपने तथाकथित ‘धर्मराज’ युधिष्ठिर द्वारा हार दिया जाना? रजस्वला होते हुए भी बालों से खींच लाए जाना?

या स्त्रीत्व की उसकी अपनी परिभाषा को ही बार-बार, हर बार छिन्न-भिन्न करते आने की प्रथा पर आख़िरकार सवाल उठा देना?

badla-4_750x500_031119114435.jpgतस्वीर: ट्विटर

महाभारत कौरवों-पांडवों की नहीं, द्रौपदी की कहानी है. उसके बदले की कहानी है. लेकिन क्या कभी कसी ने उसे इस तरह पढ़कर देखा?

चलते चलते बता दें, अमृता सिंह का किरदार बेहद बढ़िया है. ध्यान से देखिएगा. 

 

लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे      

Copyright © 2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today. India Today Group