अमृतसर ट्रेन हादसे में सबसे ज्यादा इस औरत का नाम क्यों लिया जा रहा है?

आखिर कौन हैं नवजोत कौर सिद्धू?

प्रेरणा प्रथम प्रेरणा प्रथम
अक्टूबर 20, 2018
किकर तस्वीर: पीटीआई

अमृतसर में कल दशहरे के मौके पर हुआ दर्दनाक रेल हादसा आज की ख़बरों की हाईलाईट है. 50 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है.इन ख़बरों में बार बार नवजोत सिंह सिद्धू का नाम लिया जा रहा है. आपने सही पढ़ा, नवजोत सिंह सिद्धू नहीं, नवजोत कौर सिद्धू.

क्या है पूरा मामला?

अमृतसर शहर के जोड़ा बाजार में ये हादसा 19 अक्टूबर को शाम 6.50 बजे हुआ. रावण दहन देखने जुटी सैकड़ों लोगों की भीड़ पर ट्रेन गुजर गई और 62 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है. 150 लोग घायल हैं. कइयों की हालत अभी भी नाजुक है. 250 से ज्यादा लोगों को 5 सेकंड में काटते हुए निकल गई ट्रेन. एक ट्रेन पहले निकली जिससे कोई घायल नहीं हुआ. मगर जैसे ही वहां रावण को आग लगी, तो पटाखों और आतिशबाजी की आवाज से पटरी पर जमा लोगों को शोर में ट्रेन के आने का पता नहीं चला और ट्रेन की चपेट में आ गए. 

रावण के जलने की वजह से हुए शोर शराबे में ट्रेन की आवाज़ दब गई, और लोग जो ट्रैक की तरफ खड़े थे वो ट्रेन की चपेट में आ गए. पटाखे जोर जोर से फूटने की वजह से लोग पीछे की तरफ भी हटे थे जिसकी वजह से ट्रैक की तरफ़ भीड़ बढ़ गई थी. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने कहा है कि लोग मेन लाइन पर जमा थे. मेन लाइन पर ट्रेनें अपनी निर्धारित स्पीड पर चलती हैं. लोहानी के मुताबिक डेमू लोकोपायलट ने हॉर्न बजाया और ब्रेक लगाने की कोशिश भी की. गाड़ी की रफ्तार 92 किलोमीटर प्रति घंटा थी जो टक्कर तक 68 किलोमीटर तक घट गई थी. लेकिन चूंकि ट्रेन को रुकने के लिए 625 मीटर की जगह चाहिए थी, गाड़ी धीमी होते-होते भी भीड़ पर चढ़ गई.

अब इस पूरे मामले में नवजोत कौर सिद्धू के बयान लिए जा रहे हैं. उन पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.

कौन हैं नवजोत कौर सिद्धू?

हर जगह खबर में नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी के तौर पर इनका नाम इस्तेमाल हो रहा है. लेकिन ये सिर्फ नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नहीं हैं. इन पर आरोप लग रहे हैं कि ये हादसे के बाद वहां से निकल भागी  थीं, जिसका खण्डन सुबह से ये कर चुकी हैं. इस बात पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है. 

नवजोत 2012 तक डॉक्टर रहीं. उसके बाद इस्तीफ़ा देकर बीजेपी में शामिल हो गईं. अमृतसर ईस्ट से MLA रहीं. 2016 तक. फिर बीजेपी से इस्तीफ़ा दे दिया. इनके बाद उस सीट से नवजोत सिंह सिद्धू MLA बने. अभी इस वक़्त नवजोत और उनके पति नवजोत, कांग्रेस में हैं.

इस पूरे मुद्दे में नवजोत कौर का नाम इसलिए आ रहा है क्योंकि उनको बतौर चीफ गेस्ट बुलाया गया था. जहां आयोजन हुआ (जोड़ा फाटक के पास) वहां से पार्षद विजय मदान और उनके बेटे सौरभ मदान ने रावण दहन का इंतज़ाम करवाया था. उन्होंने ही नवजोत कौर सिद्धू को भी बुलाया. ये हादसा हुआ उसके बाद नवजोत की सफाई भी आई है:

मेरे मैदान से निकलने के 15 मिनट बाद यह हादसा हुआ. मुझे फोन पर हादसे की जानकारी मिली. जानकारी मिलते ही मैंने कमिश्नर साहब से कहा कि मैं वहां पहुंचती हूं तो उन्होंने कहा कि यहां माहौल ठीक नहीं है. इसलिए मैं सीधे अस्पताल पहुंची और राहत बचाव कार्यों में मदद करने लगी. इस घटना पर राजनीति बहुत गलत है. हर साल यहां दशहरे का आयोजन होता है. यह हादसा बहुत दुखद है. हम यहां अस्पताल में लोगों की मदद कर रहे हैं. पूरी रात यहां रहकर लोगों की मदद करने वाले हैं. इस पर गंदी राजनीति न करें. 

इस पूरे मामले को लेकर जो भी व्हाट्सएप या फॉरवर्ड आपको सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहे हैं, उन पर आंख मूंदकर भरोसा न करें. बहुत संवेदनशील मसला है, कई लोगों की जान चली गई है. लोग अस्पतालों में भर्ती हैं. इस वक़्त कई चीज़ें कही जा रही हैं, धर्म और पार्टी के एंगल जोड़े जा रहे हैं. लेकिन अंत में सच्चाई यही है कि कई घरों के चिराग बुझे हैं, कई माओं के बच्चे चले गए हैं, कई परिवारों के भाई बहन एक झटके में लाश बन गए हैं. इस पूरे मुद्दे पर रिएक्ट करने से पहले पूरी जानकारी सामने आ जाने दें.

  

 

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