उन्नाव रेप केस: पीड़िता को टक्कर मारने वाले ट्रक का नंबर इस वजह से घिसा हुआ था?

ट्रक मालिक ने पेंट लगाने की जो वजह बताई है उसका गले से नीचे उतरना मुश्किल है

अभिषेक कुमार अभिषेक कुमार
जुलाई 29, 2019
पीड़िता और वकील दोनों अभी लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं

28 जुलाई 2019. उन्नाव-रायबरेली हाईवे पर दिन के करीब एक बजे भयंकर हादसा होता है. रायबरेली की तरफ से आ रही ट्रक, उन्नाव की तरफ से आ रही गाड़ी को ज़ोरदार टक्कर मारती है. इस टक्कर में कार के परखच्चे उड़ जाते हैं. गाड़ी में सवार 2 महिलाओं की मौके पर ही मौत हो जाती है. जबकी गाड़ी में बैठी तीसरी महिला गंभीर रूप से घायल होती है. इस हादसे में गाड़ी के ड्राइवर को भी गंभीर चोटें आती हैं.

हादसे के बाद हाईवे पर काफी लोगों की भीड़ जमा हो जाती है. पता चलता है इस हादसे की शिकार और कोई नहीं बल्कि उन्नाव रेप केस की पीड़िता है. साथ ही गाड़ी चलाने वाला पीड़िता का वकील होता है. कुछ ही देर में इस हादसे की खबर देश के लगभग हर चैनल्स पर फ्लैश होने लगती है. सोशल मीडिया पर लोग बातें करने लगते हैं. कहते हैं ये हादसा नहीं बल्कि सोची समझी साजिश है, जिसमें उन्नाव रेप केस की पीड़िता को मारने की कोशिश की गई. 

अब इस मामले में वाकई में पीड़िता को मारने की कोशिश की गई या फिर ये महज़ एक हादसा था, ये जांच का विषय है. लेकिन मामले मामले में अपडेट ये है कि पीड़िता और उसके वकील को लखनऊ को ट्रॉमा सेंटर में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है.

इस मामले में FIR भी दर्ज कर ली गई है. लखनऊ ज़ोन के एडीजी राजीव कृष्ण ने बताया पीड़िता की चाचा की तरफ से तहरीर देने के बाद रायबरेली में विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है. एफआईआर में विधायक समेत 9 लोगों के नाम हैं.

इस मामले में यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने भी कहा है कि अगर परिवार इस मामले की सीबीआई जांच कराना चाहेगी, तो राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं होगी.

कैसे हुआ हादसा?

एडीजी राजीव कृष्ण ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया. पीड़िता ज्यादा वक्त दिल्ली में ही रहती थी. उसे 9 पुलिसकर्मियों की सुरक्षा दी गई थी. जिसमें से 6 पुलिसवाले पीड़िता के घर पर ही रहते थे, जबकि 3 पुलिसवाले पीड़िता के साथ हमेशा घूमते थे.

पीड़िता 20 जुलाई को दिल्ली से उन्नाव आई थी और 28 जुलाई को रायबरेली अपने चाचा से मिलने जा रही थी. तभी रायबरेली जाने के दौरान वो हादसे की शिकार हो गई. रायबरेली के जेल में ही पीड़िता के चाचा बंद है.

रायबरेली जेल में बंद चाचा से ही मिलने पीड़िता जा रही थीरायबरेली जेल में बंद चाचा से ही मिलने पीड़िता जा रही थी

सुरक्षाकर्मी कहां थे फिर?

इस सवाल के जवाब पर एडीजी ने कहा-

सुरक्षाकर्मी ने साथ चलने की पेशकश की, लेकिन पीड़िता ने गाड़ी में जगह नहीं होने की बात करके उन्हें मना कर दिया. उन लोगों ने कहा कि गाड़ी में पहले से 4 लोग हैं और रास्ते में एक और व्यक्ति को पिक करना है. इसीलिए आप लोग रहने दीजिए. हम चले जाएंगे. हालांकि ये बयान हमारे सुरक्षाकर्मियों की तरफ से मिला है. इस मामले में पीड़िता का बयान आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

ट्रक के नंबर पर कालिख क्यों पुती थी?

ये सवाल सभी लोगों को परेशान कर रहा है. पुलिस ने बताया कि ट्रक के मालिक, ड्राइवर और खलासी (हेल्पर) को गिरफ्तार कर लिया गया है. जब उनसे पूछा गया कि गाड़ी के नंबर प्लेट पर कालिख क्यों पुति थी? इस पर उन लोगों ने एडीजी को बताया कि गाड़ी उन्होंने लोन पर ले रखी थी. उन्हें डर था कि जिन लोगों से उन्होंने पैसे लिए थे वो कहीं उनकी गाड़ी कब्जे में न ले लें. इसी वजह से उन्होंने नंबर पर कालिख पोत दी थी.

ट्रक के सामने वाले नंबर प्लेट पर कालिख पुति थी जबकि पीछे की साइड का नंबर प्लेट साफ थाट्रक के सामने वाले नंबर प्लेट पर कालिख पुति थी जबकि पीछे की साइड का नंबर प्लेट साफ था

हालांकि गाड़ी में सिर्फ आगे का नंबर घिसा हुआ था, जबकि गाड़ी के पीछे की नंबर प्लेट बिल्कुल साफ थी. ये बातें शक पैदा करती है.

ट्रक मालिक का सेंगर कनेक्शन?

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एडीजी ने बताया कि ट्रक मालिक, ड्राइवर और हेल्पर तीनों के मोबाइल नंबर की जांच की जा रही है. पुलिस इस बात की जांच करेगी कि इन तीनों में से किसी का भी विधायक सेंगर या भी उनके किसी सहयोगी से कोई कनेक्शन है या नहीं. इस बात की जानकारी मिलने के बाद मामले में आगे कार्रवाई होगी. पुलिस के मुताबिक ये मामला फिलहाल एक्सीडेंट का ही लग रहा है.

पीड़िता को हमले का अंदेशा था!

20 जुलाई को पीड़िता दिल्ली से अपने गांव पहुंची थी. चूंकि उन्नाव रेप केस की जांच सीबीआई कर रही थी इसीलिए सीबीआई भी पीड़िता के गांव पहुंची थी. क्योंकि कुछ ही दिन पहले पीड़िता ने जिल प्रशासन को एक शिकायत की कॉपी सौंपी थी, जिसमें उसने रेप का मामला वापस लिए जाने को लेकर दबाव बनाने की बात थी. पीड़िता ने सीबीआई के सामने भी हमले को लेकर अंदेशा जता दिया था.

सीबीआई के सामने पीड़िता ने हमले का अंदेशा जता दिया थासीबीआई के सामने पीड़िता ने हमले का अंदेशा जता दिया था

क्या है उन्नाव रेप केस?

इस मामले को बेहद हाईप्रोफाइल माना जाता है. क्योंकि इस मामले में रेप के आरोपी थे बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर. उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर जून 2017 में एक नाबालिग लड़की ने रेप का आरोप लगाया था. पीड़िता के मुताबिक विधायक ने उसके साथ तब रेप किया था जब वो अपने रिश्तेदार के साथ उनके घर नौकरी मांगने गई थी.

इस मामले में केस दर्ज करने के नाम पर आनाकानी करने के बाद पीड़िता कोर्ट पहुंच गई थी. कोर्ट के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था और जांच की ज़िम्मेदारी सीबीआई को सौंपी गई थी. जिसके बाद अप्रैल 2018 में सीबीआई ने विधायक को गिरफ्तार किया था.

अप्रैल 2018 में आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर की गिरफ्तारी हुई थीअप्रैल 2018 में आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर की गिरफ्तारी हुई थी

मामले में कई मौतें और गिरफ्तारियां हुईं

अभी इस मामले में पीड़िता की चाची और मौसी की हत्या तो हुई ही है. लेकिन पीड़िता को अपने पिता को भी खोना पड़ा था. मामला हाईप्रोफाइल होने के बाद पीड़िता के पिता पर आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा हुआ था. मुकदमा के बाद गिरफ्तारी हुई थी. जिसके बाद अप्रैल 2018 में जेल में ही संदिग्ध हालात में उनकी मौत हो गई थी. खबरें आईं थी कि जेल में ही विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सेंगर ने पीड़िता के पिता को पीटा था.

इसी मामले में पिता की मौत से जुड़े गवाह यूनुस खान की भी बाद में मौत हो गई थी. संदिग्ध हालात में. पिता के बाद पीड़िता के चाचा के ऊपर भी कई मुकदमें दायर किए गए. उनकी भी गिरफ्तारी हुई जिसके बाद से वे रायबरेली जेल में बंद हैं.

अब परिवार का क्या कहना है?

पीड़िता की मां और बहन के मुताबिक, ये सीधी तरह से विधायक कुलदीप सेंगर का काम है. पीड़िता की मां ने कहा-

इस हादसे के बीच में कई बार विधायक के आदमी मुकदमा वापिस लेने का दबाव बनाने घर आते थे. वे धमकी देते थे कि मुकदमा वापिस ले लो नहीं तो मार दिए जाओगे.

अब जो विधायक के ऊपर फ्रेश मुकदमा दर्ज हुआ है, उसमें कई धाराएं लगाई गई हैं. उन धाराओं में पीड़िता के परिवार को धमकी देने का भी ज़िक्र है.

मामले में हो रही राजनीति पर नजर

इस मामले में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी से लेकर बीएसपी तक सभी अपने-अपने हिसाब से बीजेपी को घेर रही है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले में मीडिया से बात करते हुए कहा-

पुलिस का कहना है कि हादसा बारिश की वजह से हुआ. वे सिर्फ और सिर्फ सरकार में ऊपर बैठे लोगों की जुबान बोल रहे हैं. समाजवादी पार्टी ने पीडिता की आवाज़ पहले भी उठाई थी इस बार भी उठा रही है.

इस मामले पर कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी ने कमान संभाली है. प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके कहा-

उन्नाव बलात्कार पीड़िता के साथ सड़क दुर्घटना का हादसा चौंकाने वाला है. इस केस में चल रही CBI जांच कहां तक पहुंची? आरोपी विधायक अभी तक भाजपा में क्यों हैं? पीड़िता और गवाहों की सुरक्षा में ढिलाई क्यों? इन सवालों के जवाब बिना क्या भाजपा सरकार से न्याय की कोई उम्मीद की जा सकती है?

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी मामले में ट्वीट करके कहा कि ये मामला प्रथम दृष्टया उन्नाव रेप पीड़िता को जान से मारने का लग रहा है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी मामले में ट्वीट करते हुए सरकार पर सवाल उठाए. उन्होंने ट्विटर पर लिखा-

यह एक सुनियोजित तरीके से हुई घटना प्रतीत हो रही है. इस घटना के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे कानून के शासन का मजाक बन रहा है. एक सभ्य समाज में इस तरह के कृत्य की इजाजत कैसे दी जा सकती है.

अब पुलिस का कहना है कि परिवार के कहने के बाद वो इस मामले की भी सीबीआई से जांच करवा सकती है. बस परिवार की तरफ से तहरीर का इंतजार है. दूसरी तरफ लखनऊ ट्रॉमा सेंटर के मीडिया इंचार्ज का कहना है लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर लेटी रेप पीड़िता की स्थिति अभी भी क्रिटिकल बनी हुई है.

 

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