96 साल की उम्र में चौथी क्लास का पेपर देने वालीं अम्मा 98% से पास हो गई हैं

पढ़ने में मन नहीं लगता तो इनसे मिलो.

आपात प्रज्ञा आपात प्रज्ञा
नवंबर 12, 2018
कार्तयायनी अम्मा की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. फोटो क्रेडिट- Twitter

मेरी दादी पढ़ना नहीं जानती थीं. उन्हें जानकारी तो बहुत थी लेकिन अक्षरज्ञान नहीं था. केरल में हम सब की दादी के उम्र की एक महिला हैं. इनका नाम है कार्तयायनी अम्मा. ये अम्मा चर्चा का विषय बनी हुई हैं. कार्तयायनी अम्मा ने अगस्त 2018 में चौथी क्लास के पेपर दिए थे, वो भी 96 साल की उम्र में. तब इनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी. कार्तयायनी अम्मा ने चौथी क्लास पास कर ली है. केवल पास ही नहीं की है, 100 अंकों के पेपर में उन्होंने 98 अंक हासिल किए हैं. कार्तयायनी अम्मा अपनी इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं.

केरल सरकार ‘केरल स्टेट लिट्रसी मिशन’ नाम से एक योजना चलाती है. सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Reuters केरल सरकार ‘केरल स्टेट लिट्रसी मिशन’ नाम से एक योजना चलाती है. सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Reuters

'द हिंदू' से बात करते हुए वो कहती हैं- 'मुझे बहुत खुशी है कि मैंने इतने अच्छे अंकों से परीक्षा पास कर ली है. मैं आगे भी पढ़ना चाहती हूं.'

केरल सरकार ‘केरल स्टेट लिट्रसी मिशन’ नाम से एक योजना चलाती है. इसमें चौथी, सातवीं, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं की पढ़ाई होती है. उसके बाद रीडिंग, राईटिंग और गणित का एक टेस्ट होता है. ये तीनों पेपर कुल 100 नंबर के होते हैं. इस टेस्ट में पास होने के लिए रीडिंग और गणित में 30 में से 9 और राईटिंग में 40 में से 12 नंबर लाना पड़ता है. यानि कुल 30 नंबर लाकर ही आप पास हो सकते हैं.  

लिट्रसी मिशन के अंतर्गत 29500 महिलाओं ने पेपर दिए हैं. सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Reuters लिट्रसी मिशन के अंतर्गत 29500 महिलाओं ने पेपर दिए हैं. सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Reuters

जो लोग पढ़ नहीं पाए हैं या बुज़ुर्ग लोग जो अनपढ़ हैं उन्हें पढ़ाया जाता है. इस योजना के तहत ही इस साल कार्तयायनी अम्मा ने चौथी क्लास के पेपर दिए हैं. इस साल कुल चालीस हज़ार तीन सौ तिरसठ (40363) लोगों ने केरल स्टेट लिट्रसी मिशन के अंतर्गत पेपर दिए हैं. इनमें से 29500 महिलाएं थीं. मतलब कि लगभग एक तिहाई महिलाओं ने इस साल पेपर दिए हैं. ये पेपर 5 अगस्त को हुए थे.

चेप्पड़ के सरकारी स्कूल में कार्तयायनी अम्मा ने पेपर दिए. सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Reuters चेप्पड़ के सरकारी स्कूल में कार्तयायनी अम्मा ने पेपर दिए. सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Reuters

कार्तयायनी अम्मा केरल के चेप्पड़ गांव की रहने वाली हैं. ये गांव अलप्पुझा जिले के हरिपद इलाके में है. चेप्पड़ के सरकारी स्कूल में उन्होंने पेपर दिए.

केरल में साक्षरता दर का स्तर काफी अच्छा है. 2011 की जनगणना के अनुसार केरल में 93.91 प्रतिशत साक्षरता दर है. मतलब यहां लगभग हर इंसान पढ़ना-लिखना जानता है.

केरल में साक्षरता दर 93.91 प्रतिशत है. सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Reuters केरल में साक्षरता दर 93.91 प्रतिशत है. सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Reuters

कार्तयायनी अम्मा का ये जज़्बा हमारे लिए प्रेरणादायी है. 96 साल की उम्र में उनकी पढ़ने के प्रति ललक से हमें सीख लेनी चाहिए. खासकर उन लोगों को जिन्हें लगता है कि पढ़-लिखकर क्या होगा? और वो लोग जो सोचते हैं कि अब तो हम बूढ़े हो गए हैं, अब पढ़ के क्या करेंगे?

 

लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे      

Copyright © 2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today. India Today Group