इन पांच वजहों से औरतों के प्राइवेट पार्ट में खुजली होती है

सिर्फ सफाई न रखना या गंदी अंडरवियर पहनना ही नहीं हैं वजहें.

सरवत फ़ातिमा सरवत फ़ातिमा
अगस्त 16, 2018
वेजाइना में होने वाली खुजली को इगनोरे मत करिए. फ़ोटो कर्टसी: Shutterstock

आपने टीवी और अखबार में ऐड देखे होंगे कि गुप्तांग में खुजली से निपटने के लिए ये करिए. ऐसे ऐड्स अक्सर पुरुषों के लिए बनते हैं. अब खुजली तो औरतों को भी होती है. और ये बहुत आम भी है. पर अगर ऐसा हो रहा है तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए.

वेजाइना में खुजली की पांच वजहें हो सकती हैं:

1. खाल की बीमारी

एक्जिमा एक तरह की खाल की बीमारी होती है. ये शरीर में कहीं भी हो सकती है. वेजाइना के आसपास भी. यह ख़ासतौर पर उन महिलाओं को ज़्यादा होती है जिनको दमे की दिक्कत है या किसी तरह की एलर्जी है. सबसे पहले तो खाल में लाल रंग के निशान पड़ जाते हैं. ये खुरदुरे से होते हैं. इसमें काफ़ी खुजली होती है. ये वेजाइना की वॉल पर होता है. ये अपने आप ठीक नहीं होता. इसलिए डॉक्टर को फौरन दिखाना ज़रूरी है. नहीं तो मामला लंबा लटक जाएगा.

2. इन्फेक्शन

इन्फेक्शन तो दस हज़ार तरह के होते है. पर जो वेजाइना और उसके पास हो जाता है उसे 'यीस्ट इन्फेक्शन' कहते हैं. यीस्ट एक तरह की फंगस होती है. और ये कुदरती तौर पर वेजाइना में मौजूद रहती है. आमतौर पर इससे कोई परेशानी भी नहीं होती. पर जब ये इन्फेक्शन का रूप ले लेता है तो लेने के देने पड़ जाते हैं. इस तरह के इन्फेक्शन को 'वैजाईनल यीस्ट इन्फेक्शन' कहते हैं. जैसे की हमने बताया था कि ये बहुत आम होता है. इसलिए हर चार में से तीन औरतों को ज़िन्दगी में एक बार तो होता ही है.

ऐसा अक्सर एंटीबायोटिक्स दवाइयां खाने के बाद हो जाता है. एंटीबायोटिक्स बुरे बैक्टीरिया के साथ-साथ वेजाइना में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को भी मार देते हैं. अच्छे बैक्टीरिया का वेजाइना में जिंदा रहना बहुत ज़रूरी है. वो ही यीस्ट इन्फेक्शन को कंट्रोल में रखते हैं.

यीस्ट एक तरह की फंगस होती है. और ये ख़ुदरति तौर पर वेजाइना में मौजूद रहती है. फ़ोटो कर्टसी: Shutterstock यीस्ट एक तरह की फंगस होती है. और ये ख़ुदरति तौर पर वेजाइना में मौजूद रहती है. फ़ोटो कर्टसी: Shutterstock

3.मेनोपॉज़

जिन औरतों को मेनोपॉज़ हो गया है या होने वाला है, उनको वेजाइना में ज़्यादा खुजली होती है. ये इसलिए होता है क्योंकि मेनोपॉज़ के दौरान एस्ट्रोजन नाम के हॉर्मोन में काफ़ी कमी आ जाती है. इसका नतीजा होता है- वेजाइना में सूखापन आना. और जितनी सूखी खाल, उतनी ज़्यादा खुजली.

4. स्ट्रेस

स्ट्रेस यानि तनाव की वजह से हमारे शरीर में बहुत प्रॉब्लम्स आती हैं. और वेजाइना में खुजली उसी में से एक है. ऐसा अक्सर नहीं होता. पर स्ट्रेस हमारे इम्यून सिस्टम को कमज़ोर बना देती है. इम्यून सिस्टम का काम होता है शरीर को बिमारियों से बचाना. जब शरीर अपने आप को बिमारियों से बचा नहीं पाएगा तो उसे इन्फेक्शन भी जल्दी होंगे. और उसका मतलब हुआ खुजली.

स्ट्रेस की वजह से हमारे शरीर में बहुत प्रोब्लेम्स आती हैं. फ़ोटो कर्टसी: Shutterstock स्ट्रेस की वजह से हमारे शरीर में बहुत प्रोब्लेम्स आती हैं. फ़ोटो कर्टसी: Shutterstock

5. कैंसर

वेजाइना में होने वाली खुजली को हम अक्सर इग्नोर कर देते हैं. पर ऐसा नहीं करना चाहिए. क्योंकि वेजाइना में खुजली वल्वर कैंसर की एक पहचान है. इस प्रकार का कैंसर वल्वा में होता है. ये वेजाइना की अंदरूनी और बाहरी सतह होती है. साथ ही क्लाइटोरिस, जो मांस का छोटा सा टुकड़ा होता है जो वेजाइना के ठीक ऊपर की तरफ होता है. वेजाइना और उसकी ओपनिंग, ये सब मिलकर वल्वा बनता है. जब कैंसर इन जगहों पर फैलता है तो सबसे पहले शुरू होती है, खुजली. फिर दर्द और ब्लीडिंग. अगर एक बार ये कैंसर पकड़ में आ जाए तो इसका इलाज भी मुमकिन है.

इसलिए अगली बार आपको अपनी वेजाइना में खुजली महसूस हो तो उसे नज़रंदाज़ मत करिए. डॉक्टर को दिखाएं. साथ ही वहां सफ़ाई भी रखें.

 

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