बच्चा पैदा करने से जुड़े वो आम पांच झूठ जो औरतें आसानी से मान लेती हैं

पढ़ी-लिखी लड़कियां भी भरोसा कर लेती हैं.

सरवत फ़ातिमा सरवत फ़ातिमा
मार्च 12, 2019
(फ़ोटो कर्टसी: Pixabay)

प्रेग्नेंसी और डिलीवरी को लेकर कई मिथक हैं, जो औरतें अक्सर मान लेती हैं. शायद इसलिए क्योंकि ये बातें पीढ़ी दर पीढ़ी कही जाती रही हैं. जैसे वैदेही की डिलीवरी की डेट निकल चुकी थी. पर फिर भी वो लेबर में नहीं गई थी. उसकी मां और सास ने उसे चटपटा और मसालेदार खाने की सलाह दी. उनका मानना था कि ऐसा करने से वैदेही लेबर में चली जाएगी. पर ऐसा कुछ नहीं हुआ. उल्टा प्रेग्नेंसी के दौरान मसालेदार खाना खाकर वैदेही को सीने में जलन शुरू हो गई. पर इसमें उसकी मां और सास की कोई गलती नहीं थी. ये काफ़ी पॉपुलर मिथक है. पर इस बात का कोई मेडिकल प्रूफ नहीं है, कि चटपटा खाने से औरत जल्दी लेबर में चली जाती है.

डिलीवरी को लेकर कई मिथक हैं, जो औरतें बड़ी आसानी से मान लेती हैं. ऐसे ही कुछ मिथकों का पर्दाफाश हम कर रहे हैं. और इसमें हमारी मदद कर रही हैं डॉक्टर अराधना कपूर. ये फ़ोर्टिस हॉस्पिटल मुंबई में स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं.

1. डिलीवरी के बाद औरतों को नहाना नहीं चाहिए न ही पानी छूना चाहिए

हिंदुस्तान में ऐसा कई लोग मानते हैं. नई मांओं को अक्सर ये हिदायत दी जाती है कि डिलीवरी के कुछ दिनों बाद तक उनको नहीं नहाना चाहिए. क्या इसमें कोई सच्चाई है? डॉक्टर अराधना कपूर कहती हैं:

“चाहे आपकी नॉर्मल डिलीवरी हो या सी-सेक्शन. दोनों ही सूरतों में आपको टांके लगाए जाते हैं. उनको ठीक होने में कुछ समय लगता है. अगर नॉर्मल डिलीवरी है तो आपको कम से कम 24 घंटे तो रुकना ही चाहिए. ऑपरेशन से डिलीवरी हुई है तो टांके ठीक होने में तीन हफ़्ते का समय लगता है. दोनों ही सूरतों में थोड़ा केयरफुल रहने की ज़रूरत है. आप कब नहा सकती हैं, इस बारे में अपने डॉक्टर से बात ज़रूर करिए. जब तक टांके पूरी तरह ठीक नहीं हो जाते, तब तक नहाने के लिए शावर लीजिए. टब में बैठकर तो बिल्कुल मत नहाइए. नहाने के बाद खाल को अच्छे से साफ़ करिए. डिलीवरी के 24 घंटों के बाद गरम पानी से मत नहाइए. क्योंकि आपका काफ़ी खून बहा है इसलिए आपको चक्कर आएगा.”

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(फ़ोटो कर्टसी: Pixabay)

2. बच्चे के शरीर से निकलते ही आपकी डिलीवरी खत्म हो जाती है

फिल्मों में अक्सर दिखाते हैं. बच्चा पैदा हुआ. उसे पोंछ-पाछकर मां के हाथों में दिया जाता है. सारे रिश्तेदार और परिवारवाले आकर मां को घेर लेते हैं. पर असलियत में सीन थोड़ा अलग है. बच्चे के शरीर से बहार आने का मतलब ये नहीं कि डिलीवरी ख़त्म हो गयी. पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त. बच्चे के बाहर निकलने के 30 मिनट बाद प्लेसेंटा शरीर के बहार निकलता है. और जब तक ये निकल नहीं जाता तब तक डिलीवरी पूरी नहीं होती. अब ये प्लेसेंटा क्या है?

प्लेसेंटा एक ऐसा अंग है जो प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भाशय में बनता है. इसका काम होता है बच्चे को ऑक्सीजन और पोषण देना. साथ ही उसके खून से गंदगी निकालना. ये डिलीवरी के बाद ही शरीर से निकलता है.

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(फ़ोटो कर्टसी: Pixabay)

3. क्या पानी फटते ही आप लेबर में चली जाएंगी?

फिर पिक्चरों की गलती. फ़िल्मों में दिखाते हैं कि पानी की थैली फटते ही औरत लेबर में चली जाती है. उसे हॉस्पिटल लेकर भागना पड़ता है. पर ये भी सच नहीं है. डॉक्टर अराधना कपूर बताती हैं:

“कांट्रैक्शंस यानी गर्भाशय के सिकुड़ने और फैलने से औरत लेबर में जाती है. बच्चा इसी मूवमेंट की वजह से शरीर के बहार आता है. आमतौर पर ये माना जाता है कि पानी की थैली फटते ही ऐसा शुरू हो जाता है. पर ये सच नहीं है. ज़्यादातर ये थैली फटने के 12 से 24 घंटों बाद शुरू होता है. पर कुछ औरतों में पानी की थैली लेबर में जाने से काफ़ी पहले ही फट जाती है. तब उनका शरीर बच्चा पैदा करने के लिए तैयार नहीं होता.”

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(फ़ोटो कर्टसी: Pixabay)

4. कूल्हे की हड्डी अगर चौड़ी हो तो बच्चा पैदा करने में आसानी होगी

हिंदुस्तान में ज़्यादातर औरतों के शरीर की बनावट कुछ ऐसे होती है कि उनके कूल्हे की हड्डी चौड़ी होती है. ऐसा माना भी जाता है कि ये औरतें बच्चे आसानी से जन्म दे सकती हैं. उनको लेबर के दौरान ज्यादा तकलीफ़ नहीं होगी. क्या ये सच है? डॉक्टर अराधना कपूर कहती हैं:

“नहीं. ये बहुत ही आम धारणा है पर इसमें कोई सच्चाई नहीं है. आप कितनी आसानी से बच्चा शरीर के बाहर निकाल सकती हैं, उससे आपके शरीर की बनावट का कोई लेना-देना नहीं है. कुछ औरतों का निचला हिस्सा चौड़ा लगता है पर उनका पेडू पतला होता है. जितना पतला पेडू, डिलीवरी में उतनी दिक्कत.”

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(फ़ोटो कर्टसी: Pixabay)

5. डिलीवरी के बाद रिकवरी के लिए अजवाइन का पानी पीना चाहिए

अब ये मिथक नहीं सच है. डिलीवरी के बाद अजवाइन का पानी पीने से आपका शरीर हेल्दी और मज़बूत बनता है.

डॉक्टर कपूर कहती हैं:

“डिलीवरी के बाद अगर आपको अपना वज़न घटाना है तो अजवाइन का पानी पीजिए. साथ ही हेल्दी डाइट भी लीजिए. ब्रेस्टफ़ीडिंग कराते समय अजवाइन का पानी पीने से ब्रेस्टमिल्क की क्वालिटी भी अच्छी होती है. उसमें और पोषक तत्व आते हैं जो आपके बच्चे की सेहत के लिए काफ़ी अच्छा है. यही नहीं. डिलीवरी के बाद आपके शरीर में कुछ समय तक दर्द रहेगा. अजवाइन का पानी उससे निपटने के लिए एक अच्छा तरीका है.”

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(फ़ोटो कर्टसी: Pixabay)

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