अगर आपका बच्चा समय से पहले पैदा हुआ है तो इन पांच बातों का ध्यान रखिए
प्रीमच्यौर बच्चों का ख़ास ख़याल रखना होता है.
वंदना की डिलीवरी दिसंबर में होनी थी. उसी हिसाब से उसने सारी तैयारीयां भी कर रखी थीं. पर वंदना का बच्चा समय से पहले ही पैदा हो गया. प्रीमच्योर. उसकी डिलीवरी अक्टूबर में हो गई. क्योंकि पूरे नौ महीने नहीं हुए थे इसलिए बच्चा काफ़ी कमज़ोर था. उसका वेट भी कम था. हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद वंदना काफ़ी डरी-डरी रहती थी. नई मांओं के लिए ये समय वैसे भी थोड़ा मुश्किल होता है. ऊपर से प्रीमच्योर बच्चा. वंदना को उसकी सेहत के लिए डर लगता था, कि कहीं कुछ हो न जाए.
ये चिंता बेफ़िजूल नहीं थी. अक्सर मांएं प्रीमच्योर बच्चे के समय टेंशन में आ जाती है. क्योंकि उनकी देखभाल के समय कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखना पड़ता है. क्या हैं वो बातें? ये जानने के लिए हमने बात की डॉक्टर नलिनी कपूर से. वो मैक्स हेल्थ क्लिनिक मुंबई में स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं.
उन्होंने हमें पांच टिप्स बताईं:
बच्चे को कैसे दूध पिलाएं
आपको अपने बच्चे को ब्रेस्टफ़ीड कराना चाहिए. पर हो सकता है आपका बच्चा आपके निप्पल को मुंह से पकड़ न पाए. या उसे ऐसा करने में दिक्कत आए. इस केस में आप दूध पंप करके बोतल में भर सकती हैं. फिर बोतल से बच्चे को दूध पिला सकती हैं. कई बार डॉक्टर बच्चे को फार्मूला मिल्क पिलाने के लिए भी कहते हैं. ये ख़ास तरह का दूध होता है प्रीमच्योर बच्चों के लिए. ताकी उन्हें पोषण मिले.
कितनी बार फ़ीड करना है
प्रीमच्योर बच्चे को दिन में आठ से दस बार फीड कराना चाहिए. इसलिए हर कुछ घंटों में उसे फीड करती रहिए. ध्यान रहे कि चार घंटों से ज़्यादा का गैप न हो. क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो बच्चा डीहाइड्रेट हो सकता है.
आप दूध पंप करके बोतल में भर सकती हैं. फिर बोतल से बच्चे को दूध पिला सकती हैं. (फ़ोटो कर्टसी: Pixabay)
बच्चे को कैसे सुलाएं
प्रीमच्योर बच्चों को अच्छा-ख़ासा सुलाना पड़ता है. वो अपना ज़्यादातर समय सोते हुए ही निकालते हैं. आप उसे थोड़े सख्त गद्दे पर सुलाइए. ध्यान रहे, तकिया मत रखिए. कभी भी बच्चे को उसके पेट के बल मत सुलाइए. हमेशा पीठ के बल ही सुलाइए.
सॉलिड खाना कब खिलाएं?
क्योंकि आपका बच्चा समय से पहले पैदा हुआ है, उसे सॉलिड खाना खाने में समय लगेगा. वजह? उसे निगलने में तकलीफ़ होगी. तो आप उसे कब सॉलिड खाना खिला सकती हैं? जिस दिन उसकी डिलीवरी असल में होनी चाहिए थी, उसके चार से छह महीने बाद से.
याद रहे, सॉलिड खाने का मतलब है दलिया वगैरह. (फ़ोटो कर्टसी: Pixabay)
बाहर लेकर न जाएं
आपको बच्चे के पैदा होने के कई हफ़्तों तक उसे बाहर लेकर नहीं जाना चाहिए. बच्चा इस वक़्त कमज़ोर होता है. उसे इन्फेक्शन होने का ख़तरा बढ़ जाता है.
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