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2 जून 2019 को जोधपुर के कपरड़ा के पास इनकी SUV के ट्रक से भिड़ने के कारण क्वीन हरीश और उनके साथ के कलाकारों रवीन्द्र, भिखे खान, और लतीफ़ खान की मौत हो गई.
1997 से डांस कर रहे थे. कालबेलिया, घूमर, चाकरी, भवाई, घूमर, तेरह ताली जैसे राजस्थानी लोकनृत्यों में गजब की ट्रेनिंग थी. 60 से ज्यादा देशों में परफॉर्म कर चुके थे. अचानक से इस तरह चले जाने पर उनके साथ के लोग भी शॉक में चले गए. किसी को यकीन नहीं हुआ. अभी तो टूर कर रहे थे. क्वीन हरीश शो नाम से शो चलता था. जगह-जगह जा कर उनका ग्रुप परफॉर्म करता था. क्वीन हरीश का आखिरी फेसबुक पोस्ट दिखाता है कि उन्होंने जैसलमेर में चेक इन किया.
बचपन में ही मां-बाप गुज़र गए थे हरीश के. 12 साल के थे, तब मां गुज़र गईं. कुछ ही महीनों में पिताजी भी नहीं रहे. घर में दो छोटी बहनें थीं. और संपत्ति के नाम पर एक छोटा सा घर. घर चलाने के लिए हरीश ने पोस्ट ऑफिस में काम करना शुरू किया. जो समय बचता था, उसमें शाम को टूरिस्ट्स के सामने लड़कियों के कपड़े पहन कर फोक डांस (लोकनृत्य) करते थे. इससे भी पैसे आ जाते थे.
धीरे-धीरे नाम फैला, तो कमाई भी बढ़ी. यूरोप में परफॉर्म करने के लिए बुलाया गया. नाम के साथ लोगों का ध्यान भी गया, उन्होंने मज़ाक उड़ाना शुरू किया. लेकिन हरीश ने अपने इसी तरीके को अपनी खासियत बना लिया. हर जगह इसी की वजह से पॉपुलर हुए.
म्यूजिक डिरेक्टर राम संपत ने लिखा कि जब हरीश नाचते थे तो ऐसा लगता था कि पूरा ब्रह्मांड नाच रहा हो.