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डियर आयुषी,कभी भी अपनी जिंदगी की डोर किसी और के हाथ मत आने दो
प्रेरणा प्रथम
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लोगों को समझने में इतनी देर हो जाती है कि तगड़ी चोट लग जाती है
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