अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: रोज़ की परेशानियों से बचाएंगे ये योगासन
भ्रामरी प्राणायाम, मंडूक, सूर्यनमस्कार, कुर्सी, और तितली आसन
आज पूरी दुनिया योग कर रही है. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर चारों तरफ योग की बात हो रही है. हम आज बताने जा रहे हैं ये पांच आसन जो आपको रोज़ होने वाली परेशानियों से बचा सकते हैं. डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर, जोड़ों में दर्द, इस तरह की बीमारियां अब बहुत लोगों को हो रही हैं. इन बीमारियों में आप कुछ योगासन करके स्वस्थ रह सकते हैं.
- अगर आपको डायबिटीज़ है तो आपके लिए सबसे बेहतर मंडूक आसन है.
- मंडूक आसन करने के लिए सबसे पहले दंड आसन में बैठ जाएं. दंड आसन बहुत आसान है. इसमें ज़मीन पर दोनों पैर सीधे कर बैठना होता है. अब पैरों को मोड़ते हुए वज्रासन में बैठ जाएं. अब अपने दोनों हाथों के अंगूठे को अंदर मोड़ते हुए मुट्ठी बंद कर लें. दोनों मुट्ठियों को नाभि पर लगाते हुए श्वास भरें और पूरी तरह छोड़ें. अब आगे की ओर जितना झुक सकते हैं झुकें. 15 से 20 सैकेंड के बाद सांस लेते हुए वापस वज्रासन में बैठ जाएं. ये क्रिया 3 से 5 बार करनी चाहिए.
- इस ही आसन को दूसरी तरह से भी किया जा सकता है. अपने दाहिने हाथ के पंजे को नाभि पर रखें. उस पर बाएं हाथ के पंजे को रखें. अब सांस ले कर छोड़ें. आगे की ओर झुकें और 15 से 20 सैकेंड्स के बाद वापस सांस लेते हुए वज्रासन में बैठ जाएं.
- यह आसन डायबिटीज़ के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक है. साथ ही पेट से जुड़ी सभी बीमारियों में भी इस आसन को करने से फायदा मिलता है. इस आसन को करने से आप अपने वजन को भी नियंत्रण में रख सकते हैं. साथ ही यह आपकी रीढ़ की हड्डी को भी मजबूत बनाता है. हर रोज़ इस आसन को करने से पीरियड्स क्रैम्प्स में भी आराम मिलता है. मंडूक आसन चिंता, अवसाद और मनोवैज्ञानिक बीमारियों के इलाज में भी सहायक है.
- अगर आपको उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर या अल्सर की शिकायत है या आपकी पीठ या कमर में दर्द रहता है या फिर आपको घुटनों में परेशानी है तो आपको मंडूक आसन नहीं करना चाहिए.
- हम सभी वजन कम करना चाहते हैं. एक स्वस्थ शरीर के लिए सही वजन होना ज़रूरी है. वजन कम करने के लिए सबसे बेहतर सूर्य नमस्कार है.
- सूर्य नमस्कार करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं. दोनों पैरों को जाड़ें. अपने दोनों हाथों को जोड़ते हुए नमस्कार की मुद्रा में खड़े हो जाएं. अब सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाते हुए पीछे ले जाएं. सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और सिर को घुटनों से मिलाने का प्रयास करें. अब बाएं पैर को पीछे ले जाएं और दाहिने पैर पर वजन डालते हुए आगे की ओर झुकें और गर्दन को पीछे ले जाएं. अब दाएं पैर को भी पीछे ले जाएं और पर्वत आसन करें. इसके बाद घुटनों, छाती और ठुड्डी को ज़मीन से लगाएं. ध्यान रहे की पेट को ज़मीन से नहीं लगाना है. अब सामने से उठ कर भुजंग आसन करें. अब फिर से पर्वत आसन करें. इसके बाद बाएं पैर को आगे लेकर आएं और तीसरी स्थिति को दोहराएं. अब दाएं पैर को भी वापस आगे लाएं और दूसरी स्थिति को दोहराएं. फिर हाथ पीछे ले जाते हुए वापस नमस्कार की स्थिति में आ जाएं.
- सूर्य नमस्कार आपके पूरे शरीर को स्वस्थ रखता है. शरीर में रक्त के बहाव को सामान्य रखने में मदद करता है. वजन कम करने के लिए ये सबसे बेहतर व्यायाम है. अगर आपके पीरियड्स इरेगुलर हैं तो आपको हर रोज़ सूर्यनमस्कार करना चाहिए. सूर्य नमस्कार पीरियड साइकल को सामान्य रखने में मदद करता है.
- अब जिन लोगों को जोड़ो में दर्द रहता है, खासकर घुटनों और कमर में हमेशा दर्द होता है तो उन्हें कुर्सी आसन करना चाहिए.
- कुर्सी आसन करने के लिए पहले सीधे खड़े हो जाएं. सांस लेते हुए दोनों हाथों को सामने की ओर फैलाएं. हथेलियों को नीचे की ओर रखें. सांस को छोड़ते हुए कुर्सी पर बैठने की तरह झुकें. जितनी देर रुक सकते हैं रुकने का प्रयास करें. अब सांस लेते हुए वापस खड़े हो जाएं.
- यह आसन जोड़ों के दर्द में राहत पहुंचाता है. रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ रखने में कुर्सी आसन बहुत सहायक है. यह आसन हमारी मसल्स को मजबूत बनाता है. खासकर घुटने, कोहनी और पैरों की मसल्स को.
- प्रेग्नेंसी के दौरान आप लगभग सभी आसन कर सकती हैं. बस ध्यान रखिए कि कोई भी आसन करते हुए आपको ज़्यादा ज़ोर न लगाना पड़े. एक आसन जो आपको फायदा देगा वह है तितली आसन, इसे बटरफ्लाई आसन भी कहते हैं.
- इस आसन को करने के लिए दोनों पैरों को सीधा कर बैठ जाएं. अब दोनों पैरों को मिलाते हुए पीछे की ओर लाएं. दोनों पैरों को नीचे करते हुए ज़मीन से लगाने का प्रयास करें. अब दोनों पैरों को ऊपर की ओर उठाएं. इस ही तरह ऊपर-नीचे कर थोड़ी देर तक झुलाते रहें.
- यह आसन प्रेग्नेंसी के दौरान रोज़ करने से आपको इस दौरान होने वाली परेशानियों में राहत मिलेगी. अगर पीरियड्स के दौरान आपको बहुत दर्द होता है तो भी इस आसन को करने से आपको आराम मिलेगा.
- हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ लगभग सभी आसन कर सकते हैं. इन्हें सबसे अधिक जो फायदा देगा वह है भ्रामरी प्राणायाम.
- भ्रामरी प्राणायाम करने के लिए आप पद्मासन या सुख आसन में बैठ जाएं. अब लंबी गहरी सांस लें. अब कान को अंगूठों से बंद कर लें, अपनी पहली उंगली को माथे पर रखकर बाकी तीनों उंगलियों को आंखों पर रख लें. अब सांस छोड़ते हुए ओंकार का नाद करें. इसे 4 से 5 बार करें.
- इस प्राणायम को करने से आपका तनाव दूर होगा. यह प्राणायम मानसिक रोगों के लिए बहुत फायदेमंद है. अगर आपको नींद नहीं आती है, अवसाद का शिकार हैं या आपको माइग्रेन है या मिर्गी की बीमारी है तो भ्रामरी प्राणायाम आपको आराम देगा. यह प्राणायाम आपके याद करने की क्षमता को भी बढ़ाता है. इसलिए विद्यार्थियों के लिए भी यह लाभदायक है.
अगर आपको ये सारे प्राणायाम और योगासन एक जगह देखने और समझने हैं, तो ये विडियो देख लें.
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