एशियन गेम्स: कैसे खेलते हैं 'वूशू', वो खेल जिसमें 3 इंडियन महिलाएं भाग ले रही हैं

ज़कार्ता, इंडोनेशिया में आज से शुरु होने वाले एशियन गेम्स का ये 18वां संस्करण है.

आपात प्रज्ञा आपात प्रज्ञा
अगस्त 17, 2018
वूशू एक तरह का मार्शल आर्ट्स है. फोटो क्रेडिट- Getty Images

18 अगस्त 2018 से एशियन गेम्स शुरू हो चुके हैं, 18.8.18 से. इन दो 18 के अलावा इसमें एक 18 और भी जुड़ा है. ज़कार्ता, इंडोनेशिया में आज से शुरु होने वाले एशियन गेम्स का ये 18वां संस्करण है. एशियन गेम्स में इस साल 45 देश भाग ले रहा हैं और 40 से ज़्यादा खेल प्रतियोगियाएं होने वाली हैं. भारत इनमें से 36 प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाला है. एशियन गेम्स 2018 के अधिकतर खेलों में भारतीय महिला खिलाड़ी भाग लेंगी. कुल 261 महिला खिलाड़ी एशियन गेम्स 2018 में अलग-अलग खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली हैं. कुछ खेल तो ऐसे भी हैं जिनका हमने और आपने नाम तक नहीं सुना है. पहली बार इन खेलों का नाम मैंने भी जाना. ज़ाहिर है, इच्छा जागी कि ये होते क्या हैं और खेले कैसे जाते हैं? आप भी जानिए कि वो कौन सी खेल प्रतियोगिताएं हैं जिनमें भारतीय महिला खिलाड़ी भाग ले रही हैं और हम उनके बारे में जानते तक नहीं.

 261 महिला खिलाड़ी एशियन गेम्स 2018 में अलग-अलग खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली हैं. 261 महिला खिलाड़ी एशियन गेम्स 2018 में अलग-अलग खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली हैं.

इस सीरीेज़ में सबसे पहले जानते हैं 'वूशू' के बारे में-

वूशू एक तरह का मार्शल आर्ट्स है. आसानी से समझा जाए तो ये एक तरह का बॉक्सिंग गेम है. जैसे बॉक्सिंग खेला जाता है वैसे ही वूशू भी खेला जाता है. दो खिलाड़ी एक-दूसरे से फाइट करते हैं और अलग-अलग मूव्स और पंचेज़ के ज़रिए पॉइंट्स जीतते हैं. फाइट के अंत में जिसके पॉइंट्स ज़्यादा होते हैं वो खिलाड़ी जीत जाता है.

वूशू कहां खेला जाता है?

बॉक्सिंग, रिंग में खेली जाती है. वैसे ही वूशू भी एक लकड़ी के प्लेटफॉर्म पर खेला जाता है बस उसमें चारों तरफ रिंग्स नहीं होती. 800*800 सेंटीमीटर का एक प्लेटफॉर्म होता है. इसकी हाइट 80 सेंटीमीटर होती है. इस प्लेटफॉर्म के ऊपर नर्म चटाई बिछी होती है ताकि खिलाड़ियों को चोट न लगे.

800*800 सेंटीमीटर का एक प्लेटफॉर्म. फोटो क्रेडिट- Getty Images 800*800 सेंटीमीटर का एक प्लेटफॉर्म. फोटो क्रेडिट- Getty Images

प्लेटफॉर्म के चारों तरफ एक रेड लाइन बनी होती है जिसकी चौड़ाई 5 सेंटीमीटर होती है. इस रेड लाइन के 90 सेंटीमीटर अंदर येलो लाइन बनी होती है जिसकी चौड़ाई 10 सेंटीमीटर होती है. इसे वॉर्निंग स्क्वायर कहा जाता है. प्लेटफॉर्म के चारों तरफ प्रोटेक्टिव मैट्स भी रहते हैं. प्रोटेक्टिव मैट्स की चौड़ाई 200 सेंटीमीटर होती है और इनकी हाइट 30 सेंटीमीटर होती है.

वूशू खेला कैसे जाता है?

वूशू दो खिलाड़ियों के बीच खेला जाता है. वूशू के अलग-अलग तरीके भी होते हैं. इस बार एशियन गेम्स में वूशू दो तरीकों में खेला जाएगा, ताउलू (Taolu) और सांडा (Sanda).

1. ताउलू (Taolu)

ताउलू जिम्नास्टिक्स की तरह होता है. इसमें कोई एक खिलाड़ी या दो खिलाड़ी या एक टीम ताउलू की एक्सरसाइज़ दिखाते हैं-

ताउलू जिम्नास्टिक्स की तरह होता है. फोटो क्रेडिट- Getty Images ताउलू जिम्नास्टिक्स की तरह होता है. फोटो क्रेडिट- Getty Images

2. सांडा (Sanda)

सांडा में दो खिलाड़ी बॉक्सिंग की तरह खेलते हैं. ज़रूरी है कि दोनों खिलाड़ियों का वजन एक ही कैटेगरी में हो. वूशू में अलग-अलग वजन की कैटेगरी होती है. एशियन गेम्स, 2018 में महिलाओं के लिए वूशू दो कैटेगरी में खेला जाएगा, 52 और 60 किलोग्राम.

सांडा में दो खिलाड़ी बॉक्सिंग की तरह खेलते हैं. फोटो क्रेडिट- Getty Images सांडा में दो खिलाड़ी बॉक्सिंग की तरह खेलते हैं. फोटो क्रेडिट- Getty Images

वूशू तीन राउंड्स में खेला जाता है. ये तीनों राउंड्स दो-दो मिनट के होते हैं. इनके बीच में एक मिनट का ब्रेक दिया जाता है. वूशू में बॉक्सिंग की ही तरह मूव्स पहले से निर्धारित होते हैं. आप अपने हाथों और पैरों से प्रतिद्वंदी खिलाड़ी पर प्रहार कर सकते हैं. बॉक्सिंग में आप केवल हाथों का इस्तेमाल कर सकते हैं. वूशू में खिलाड़ी सर, कुहनी और घुटनों से प्रतिद्वंदी खिलाड़ी पर प्रहार नहीं कर सकते. साथ ही प्रतिद्वंदी खिलाड़ी के सर के पिछले हिस्से, गले और प्राइवेट पार्ट्स पर खिलाड़ी नहीं मार सकते. अगर कोई खिलाड़ी ऐसा करता है तो ये फाउल माना जाता है. फाइट शुरू होने से पहले और खत्म होने के बाद भी दूसरे खिलाड़ी को मारने पर फाउल माना जाता है. अगर कोई खिलाड़ी ऐसा करता है तो उसे वॉर्निंग दी जाती है. तीन वॉर्निंग मिलने पर खिलाड़ी डिस्क्वालीफाय हो जाता है.

वूशू में अलग-अलग किक और पंच होते हैं. फोटो क्रेडिट- Getty Images वूशू में अलग-अलग किक और पंच होते हैं. फोटो क्रेडिट- Getty Images

वूशू में अलग-अलग किक और पंच होते हैं. हर किक और पंच के लिए पॉइंट्स होते हैं. किसी के लिए एक तो किसी के लिए दो पॉइंट्स होते हैं. आप पंचों के अनुसार पॉइंट्स जीतते हैं. जिस खिलाड़ी के फाइट के अंत में ज़्यादा पंच होते हैं वो विजेता घोषित होता है.

अगर खिलाड़ी प्रतिद्वंदी खिलाड़ी को नॉक आउट करने में कामयाब होते हैं तो वो फाइट जीत जाते हैं. नॉक आउट तब माना जाता है जब कोई खिलाड़ी दूसरे खिलाड़ी के पंच से गिर जाए और दस सेकेंड के भीतर वापस फाइट के लिए न उठ पाए. अगर खिलाड़ी दस सेकेंड के अंदर उठ कर खुद को डिफेंड करने में कामयाब होता है तो फाइट दोबारा शुरू होती है.

वूशू का प्रदर्शन करतीं खिलाड़ी. फोटो क्रेडिट- Getty Images वूशू का प्रदर्शन करतीं खिलाड़ी. फोटो क्रेडिट- Getty Images

हर राउंड के लिए अलग-अलग पॉइंट्स जोड़े जाते हैं. अगर एक राउंड में कोई खिलाड़ी दूसरे खिलाड़ी को दो बार प्लेटफॉर्म से बाहर करने में कामयाब होता है तो वो उस राउंड को जीत जाता है. दूसरे राउंड में भी अगर ऐसा ही होता है तो खिलाड़ी फाइट जीत जाता है.

वूशू में बॉक्सिंग की ही तरह रैफरी होते हैं. जो प्लेटफॉर्म पर मौजूद रहते हैं.

  • भारत से कौन?

एशियन गेम्स, 2018 में भारत की तरफ से वूशू में तीन महिला खिलाड़ी भाग ले रही हैं-

1. सनाथोयी देवी 52 किलोग्राम सांडा में भाग ले रही हैं. 

सनाथोयी देवी 52 किलोग्राम सांडा में भाग ले रही हैं. फोटो क्रेडिट- Youtube सनाथोयी देवी 52 किलोग्राम सांडा में भाग ले रही हैं. फोटो क्रेडिट- Youtube

2. रोशिबिना देवी 60 किलोग्राम सांडा में भाग ले रही हैं. 

रोशिबिना देवी 60 किलोग्राम सांडा में भाग ले रही हैं. फोटो क्रेडिट- Youtube रोशिबिना देवी 60 किलोग्राम सांडा में भाग ले रही हैं. फोटो क्रेडिट- Youtube

3. ताउलू में सानातोंबी चानू भाग ले रही हैं. 

ताउलू में सानातोंबी चानू भाग ले रही हैं. फोटो क्रेडिट- Youtube ताउलू में सानातोंबी चानू भाग ले रही हैं. फोटो क्रेडिट- Youtube

रोशिबिना देवी ने वूशू में कांस्य पदक जीता है. रोशिबिना 17 साल की हैं और मनिपुर राज्य से आती हैं.

 

लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे      

Copyright © 2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today. India Today Group