मिलिए उन औरतों से जिन्होंने अकबर को इस्तीफे के लिए मजबूर कर दिया
इन औरतों के नाम इतिहास में लिखे जा रहे हैं, आपने पढ़े?
मोबशर जावेद अकबर. यौन शोषण के आरोपी. भूतपूर्व मंत्री. जर्नलिस्ट प्रिया रमानी ने अपने साथ उनके बुरे व्यवहार की कहानी कुछ इस तरह कही, कि एक एक करके उनके पुराने सभी कुकर्म खुल कर सामने आ गए. बहस चली, एक या दो नहीं बल्कि कई औरतों ने अकबर पर आरोप लगाए.
अकबर एशियन एज के संपादक रहे.'अपनी पॉवर और पोजिशन का फायदा उठाकर कई लड़कियों को हैरेस किया. यौन शोषण किया' ऐसा कहने वाली औरतों की संख्या बढ़ती गई. प्रिया के नाम लेने के बाद जो अकाउंट सामने आए उनको पढ़कर कलेजा हलक से बाहर आने जैसा हो जाता है. तुशिता पटेल ने खुलकर अपना अनुभव बताया. बताया कैसे अकबर ने ज़बरदस्ती किस किया उन्हें.
तुशिता पटेल. फोटो: इन्स्टाग्राम
ये सब हुआ, इस्तीफे की मांग बढ़ी. अकबर ने प्रिया रमानी पर क्रिमिनल डिफेमेशन का केस कर दिया. मैदान में उतरे करंजवाला एंड कम्पनी के साथ. वो लॉ फर्म जिसके सीनियर पार्टनर पर भी सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप है. अरुण जेटली के करीबी माने जाने वाले वकील की ये फर्म उतरी अपने 97 वकील लेकर. लोगों के बीच काफी थू थू हुई इस बात को लेकर कि एक इकलौती जर्नलिस्ट जिसने अपने हैरेसमेंट का अनुभव शेयर किया और उसकी वजह से इतनी लड़कियां और महिलाएं आगे आ सकीं, उस पर इतनी बड़ी टीम लेकर हल्ला क्यों बोल रहे हैं अकबर. अकबर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोप झूठे करार दिए. प्रिया पर हल्ला बोला गया तो उनके साथ खड़ी हो गईं 20 और पत्रकार. ये वही औरतें हैं जिनके सामने आ जाने से पूरे मी टू मूवमेंट एक झटके में कई कदम आगे पहुंच गया. अकबर ने आखिरकार इस्तीफ़ा दे दिया.
अकबर के इस्तीफे ने मी टू मूवमेंट को काफी ताकत दी.
हर जगह ये बात चल रही है कि अकबर ने इस्तीफ़ा कैसे दिया, कब दिया, क्यों दिया, और अब आगे वो क्या करने वाले हैं. प्रिया रमानी ने भी कहा है कि वो लड़ने को तैयार हैं. एडिटर्स गिल्ड, जिसके प्रेसिडेंट खुद अकबर भी रह चुके हैं, उसने भी यह मांग की है कि अकबर ये डिफेमेशन का केस वापस ले लें. लेकिन ये 20 औरतें कौन हैं जिन्होंने सामने आकर प्रिय रमानी को हिम्मत दी? इन औरतों के बारे में जानना उतना ही ज़रूरी है जितना ये जानना कि इस पूरे मामले को आगे कैसे बढ़ाया जा रहा है. क्योंकि ये सिर्फ एक केस नहीं है, ये इतिहास बनने की शुरुआत है.
- सुपर्णा शर्मा: द एशियन एज में तीन साल (1993- 96) पत्रकार रहीं. फ़िलहाल डेकन क्रॉनिकल के साथ काम कर रही हैं. फिल्म क्रिटिक के तौर पर.
- मालविका बनर्जी: गेमप्लान नाम की कम्पनी लांच की, जो खेल की मार्केटिंग में है. 1995 से लेकर 1998 तक द एशियन एज में काम कर रही थीं.
- सुजाता दत्ता सचदेवा: टाइम्स ऑफ इंडिया और बिजनेस स्टैण्डर्ड के साथ काम कर चुकी हैं. 1999 से लेकर 2000 तक द एशियन एज में थीं.
- होइह्नु हौज़ेल: द एशियन एज में जर्नलिस्ट रह चुकी हैं. 1999 से 2000 तक. फिलहाल लेखन में हैं.
- मीनाक्षी कुमार: फ्रीलांस लेखक और सम्पादक हैं. द एशियन एज में 1996 से 2000 तक काम कर रही थीं.
- रेशमी चक्रबर्ती: द एशियन एज से अपना करियर शुरू किया था. चैनल वी और फेमिना मैगजीन के लिए भी काम किया.
- कुशलरानी गुलाब: फ्रीलांस एडिटर हैं. द एशियन एज में 1993 से लेकर 1997 तक काम किया था.
- रमोला तलवार बादम: फिलहाल दुबई में काम कर रही हैं, द नेशनल के साथ. द एशियन एज में 1994 से 1995 तक काम किया था.
- मीनल बघेल: 1993 से लेकर 1996 तक द एशियन एज में काम किया. इस वक़्त मुम्बई मिरर की एडिटर हैं. 25 सालों का अनुभव है पत्रकारिता में. अकबर के इस्तीफे के बाद उन्होंने ये ट्वीट किया.
A very big thanks to everyone who backed each of us. #MJAkbar
— Meenal Baghel (@writemeenal) October 17, 2018मीनल बघेल. फोटो: विकिमीडिया
- तुशिता पटेल: द एशियन एज में 1993 से लेकर 2000 तक काम किया. बाद में विजय माल्या के साथ काम किया उनकी पॉलिटिकल एडवाइसर और फिर एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट के तौर पर.
- क्रिस्टीना फ्रांसिस: क्रिस्टीना ने डेकन क्रॉनिकल के साथ 2004 से लेकर 2011 तक काम किया. फिलहाल द हैदराबाद टाइम्स की एडिटर हैं.
- हमीदा पारकर: द एशियन एज में 1996 से लेकर 1999 तक काम किया. फिलहाल फ्रीलांस पत्रकार हैं.
- ए टी जयंती: फिलहाल डेकन क्रॉनिकल की एडिटर इन चीफ यानी मुख्य सम्पादक हैं. द एशियन एज में एक साल का अनुभव रहा उनका.
- किरण मनराल: द एशियन एज में 1993 से लेकर 1995 तक काम किया. फर्स्टपोस्ट को दिए स्टेटमेंट में उन्होंने कहा कि अकबर के इस तरह के बिहेवियर के बारे में सभी को पता था और इस बारे में चर्चा होती रहती थी. जब महिलाओं ने अकबर पर आरोप लगाए, तो इसमें उन्हें कुछ भी आश्चर्य नहीं हुआ.
And good riddance.
— Kiran Manral (@KiranManral) October 17, 2018 - जोनाली बुरहगोहैन: द एशियन एज ई पूर्व एम्प्लोई.
- आयशा खान: द एशियन एज के साथ काम कर चुकी हैं. 1995 से 1998 तक.
- कनिज़ा गज़री: द एशियन एज के साथ काम कर चुकी हैं. 1995 से 1997 तक.
- संजारी चैटर्जी: द एशियन एज की पूर्व इम्प्लोई.
- मनीषा पांडे: द एशियन एज के साथ 1993 से लेकर 1998 तक काम कर चुकी हैं.
- कनिका गहलोत: 1995 से 1998 तक द एशियन एज में काम किया था.
इंडिया टुडे ऑनलाइन के एडिटर कमलेश सिंह ने भी इस पूरे मुद्दे पर सभी महिलाओं का साथ देते हुए ये ट्वीट किया:
I worked at the Asian Age with @TushitaPatel @prernabindra @ghazalawahab @SuparnaSharma @RuthsDavid @kanikagahlaut @kadambarim @writemeenal. I trust them and believe every word they have said and stand with @priyaramani, who now faces the might of a minister of state. #TimesUp
— Kamlesh Singh | Bana de Lohagarh (@kamleshksingh) October 17, 2018
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