11 साल की उम्र में पीरियड हमेशा के लिए रुक गए थे, 31 साल में मां बनकर दुनिया को चौंकाया

बीमारी के चलते शुरू होते ही ख़त्म हो गए थे पीरियड.

सरवत फ़ातिमा सरवत फ़ातिमा
सितंबर 11, 2018
ये देखकर तो साइंस भी चक्कर में है. फ़ोटो कर्टसी: Paul Tonge - The Sun

अमांडा लूइस इंग्लैंड में रहती हैं. 11 साल की उम्र में उनको मीनोपॉज़ हो गया था. यानी हमेशा के लिए पीरियड रुक गए थे. तब डॉक्टरों ने उनको बोला था कि वो कभी मां नहीं बन पाएंगीं. पर हाल-फिलहाल में जो हुआ वो मेडिकल साइंस का नया करिश्मा है. अमांडा मां बन गई हैं. उन्होंने पीरियड्स न होने के बावजूद भी एक बेटे को जन्म दिया. अब वो और उनके पार्टनर टॉम हिल बहुत ख़ुश हैं. उन्होंने बेटे बेटे का नाम ओरियन रखा है.

क्योंकि अमांडा नेचुरल तौर पर प्रेगनेंट नहीं हो सकती थीं, इसलिए उन्होंने IVF का सहारा लिया. टॉम का स्पर्म और एक डोनर के अंडे की मदद से वो प्रेगनेंट हुईं.

अमांडा अभी 31 साल की हैं और एक फ़िटनेस इंस्ट्रक्टर हैं. वो आगे भी मां बन सकें इसलिए उन्होंने हॉर्मोन्स रिप्लेसमेंट थेरेपी ली. साथ ही अपना भ्रूण भी फ्रीज़ करवाया. फ्रीज़ करवाने का मतलब हुआ वो कोई शरीर का अंग आगे भी इस्तेमाल हो सके, इसलिए उसे ठंड में जमा दिया जाता है. एक मशीन के अंदर.

अमांडा का मां बनना इसलिए बड़ी बात है क्योंकि उनको 11 साल की उम्र से पीरियड्स नहीं हुए हैं.

अमांडा को 11 साल की उम्र से पीरियड्स नहीं हुए हैं. फ़ोटो कर्टसी: Collect अमांडा को 11 साल की उम्र से पीरियड्स नहीं हुए हैं. फ़ोटो कर्टसी: Collect

एक अंग्रेजी वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में वो कहती हैं:

“मैंने काफ़ी वेट गेन कर लिया था साथ ही मेरा मूड भी काफ़ी ख़राब रहता था. मुझे 13 साल की उम्र में पता चला कि मुझे कभी पीरियड्स नहीं होंगे. डॉक्टर ने कहा कि मैं कभी बच्चा नहीं पैदा कर सकती. मैं काफ़ी दुखी हो गई. पर अब जब में मां बन गई हुई तो मुझे ये एक चमत्कार सा लग रहा है. मुझे हमेशा से मां बनने का बहुत शौक था. मैं ओरियन को पाकर बहुत ख़ुश हूं.”

जिस समय डॉक्टरों को पता चला था कि अमांडा को मीनोपॉज़ हो गया है, उस समय उनकी हालत के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध थी. इसकी एक वजह ये भी थी कि ऐसे बहुत कम केसेज डॉक्टरों की जानकारी में थे. जब वो बीस साल की हो गईं, तब जाकर पता चला कि उनकी ओवरीज़ अंडे नहीं बना पातीं.

क्योंकि अमांडा नेचुरल तौर पर प्रेगनेंट नहीं हो सकती थीं, इसलिए उन्होंने IVF का सहारा लिया. फ़ोटो कर्टसी: Shutterstock क्योंकि अमांडा नेचुरल तौर पर प्रेगनेंट नहीं हो सकती थीं, इसलिए उन्होंने IVF का सहारा लिया. फ़ोटो कर्टसी: Shutterstock

पिछले साल उन्होंने और उनके पार्टनर ने सोचा कि वो किसी डोनर का अंडा इस्तेमाल कर सकते हैं. मतलब गर्भ अमांडा का और स्पर्म उनके पार्टनर का. पर ऐसी प्रेगनेंसी का खर्चा नौ लाख से ऊपर था. दोनों ने क्रेडिट कार्ड और लोन की मदद से डॉक्टरों का खर्चा भरा.

इलाज के दौरान पांच दिन तक अमांडा को हॉर्मोन दिए गए. पांचवे दिन भ्रूण उनके गर्भ में ऑपरेशन द्वारा ट्रांसप्लांट किया गया. छह दिन बाद जब अमांडा ने प्रेगनेंसी टेस्ट लिया तो पता चला वो प्रेगनेंट हैं.

लगभग 38 हफ़्तों की प्रेगनेंसी के बाद अमांडा ने ऑपरेशन द्वारा बच्चा पैदा किया. पर क्योंकि अमांडा प्राकृतिक तौर पर मां नहीं बनी हैं, इसलिए वो अपने बच्चे को दूध नहीं पिला पाएंगीं. इस वजह से उनके हॉर्मोन्स में भी गिरावट आएगी और उनको दुबारा मीनोपॉज़ होगा.

 

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