फ्लाइट में पीरियड आने पर एक लड़की के साथ क्या हुआ
एक पैड के लिए इतना हलकान होना पड़ा
पीरियड सभी लड़कियों को आते हैं. महीने में एक बार. लेकिन कई वजहों से महीने में दो बार या डेट से कुछ दिन पहले या बाद में भी आ जाते हैं. हो सकता है ऐसे टाइम पर आप रास्ते में, मार्केट, कॉलेज, ऑफिस, ट्रेन या फ्लाइट में हों. इनमें से ज्यादातर जगहों पर आपको पैड मिल जाएगा. लेकिन काजोल रस्तगी के साथ ऐसा नहीं हुआ.
काजोल हाल ही में एयर इंडिया की फ्लाइट से सफर कर रही थीं. इस दौरान उन्हें पीरियड हो गए. इसके बाद उनके साथ क्या हुआ, उन्होंने अपना एक्सपीरियंस 'इंडियन एक्सप्रेस' के साथ शेयर किया.
उन्होंने बताया कि वो इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर थीं. दिल्ली से चेन्नई जा रही थीं. फ्लाइट के लिए बोर्डिंग गेट की तरफ जा रही थीं, तभी उन्हें अचानक पीरियड क्रैंप्स होने लगे. वो वॉशरूम गईं. देखा कि अनएक्सपेक्टेड पीरियड आ चुके हैं.
उन्होंने अपने बैग में पैड ढूंढ़ा, लेकिन नहीं मिला. उन्होंने क्लीनिंग स्टाफ में काम कर रही महिला से पूछा तो उस महिला ने बताया कि एयरपोर्ट के वॉशरूम में पैड वेंडिंग मशीन नहीं है. उन्हें एयरपोर्ट फार्मेसी तक जाना होगा.
काजोल ने लिखा कि आजकल लगभग हर जगह पैड वेंडिंग मशीन लगी हैं, लेकिन राजधानी के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पैड वेंडिंग मशीन का न होना, हैरान कर देने वाला है.
वो दर्द में 6-7 किलो के कैमरा बैग के साथ एयरपोर्ट पर फार्मेसी ढंढ़ने लगीं. तभी एयर इंडिया के ग्राउंड स्टाफ ने उन्हें फोन कर कहा कि वो पांच मिनट के अंदर बोर्डिंग गेट पर पहुंचें, नहीं तो फ्लाइट निकल जाएगी.
उन्होंने स्टाफ को बताने की कोशिश की कि उन्हें इमरजेंसी है. उसे फार्मेसी से पैड लेना है, लेकिन स्टाफ ने वही जवाब दिया. कोई ऑप्शन न होनी की वजह से वो बोर्डिंग गेट पर पहुंचीं.
वहां उन्होंने मेल क्रू मेंबर को बताया कि उन्हें अनएक्सपेक्टेड पीरियड आ चुके हैं. ये सुनकर मेल क्रू मेंबर ने ऐसा चेहरा बनाया जैसे उसे नहीं पता पीरियड क्या होता है और वो किस बारे में बात कर रही हैं. साथ खड़ी महिला क्रू मेंबर ने कहा कि फ्लाइट क्रू के फर्स्ट-एड किट में पैड हो सकते हैं.
इसके बाद वो फ्लाइट में पहुंचीं. वहां उन्होंने इस बारे में एयर हॉस्टेस से मदद करने को कहा. एयरहोस्टेस ने कहा कि वो फ्लाइट में पैड नहीं रखते. काजोल ने उन्हें बताया कि पैड के बिना उसे बहुत मुश्किल होगी.
इसके बाद उन्होंने अपने आसपास यात्रा कर रही महिलाओं से पैड के लिए पूछा, लेकिन नहीं मिला.
कुछ देर बाद एक क्रू मेंबर आई और कहा कि वो उनकी कोई मदद नहीं कर सकेंगे. दूसरी महिला क्रू मेंबर ने उसे कहा कि फ्लाइट तीन घंटे की है, तो वो चाहें, तो उतर भी सकती हैं. लेकिन फ्लाइट रीशेड्यूल करने के बारे में क्रू मेंबर ने कुछ नहीं कहा.
काजोल ने लिखा कि वो फ्लाइट नहीं छोड़ सकती थीं. इसीलिए उसे बिना पैड के सफर करना पड़ा.
'इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के मुताबिक, इस बारे में 'एयर इंडिया' के पीआर प्रवीण भटनागर ने कहा कि फ्लाइट में हमेशा पैड होते हैं, बल्कि ये उड़ान से पहले की चेक लिस्ट का हिस्सा है. जब उनसे पूछा गया कि अगर किसी पैसेंजर के साथ ये सिचुएशन होती है, तो क्या किया जाएगा, उन्होंने कहा कि केबिन क्रू मेडिकली ट्रेंड होते हैं. उन्हें सिर्फ खाना परोसना ही नहीं, इस तरह की इमरजेंसी को हैंडल करना भी सिखाया जाता है.
'इंडिगो' और 'स्पाइसजेट' पीआर ने फ्लाइट में पैड होते हैं या नहीं सवाल वाले मेल का कोई जवाब नहीं आया, ऐसा इसी खबर में बताया गया.
इसी खबर के मुताबिक़ 'स्पाइसजेट' के कस्टमर केयर ने कहा कि उसने पता नहीं सैनिटरी पैड्स क्या होता है. 'इंडिगो' के कस्टमरकेयर ने कहा कि हम फ्लाइट में पैड्स नहीं मुहैया कराते, लेकिन पैसेंजर चाहे तो पैड्स के साथ सफर कर सकती है.
काजोल के मुताबिक, उनके एक पायलट दोस्त ने बताया कि 'एमिरेट्स एयरलाइन्स' की सभी फ्लाइट के वॉशरूम में पैड्स होते हैं. उन्हें मांगने की जरूरत नहीं होती.
उनकी एक महिला दोस्त ने बताया कि एक बार क्रू मेंबर ने उनके बैग से सेनेटरी पैड बाहर निकाल दिए थे. उनकी एक अन्य साथी ने बताया था कि उसे पुणे से दिल्ली जाते समय ऐसी ही परेशानी का सामना करना पड़ा था. क्रू मेंबर ने उन्हें सीधा कह दिया था, 'उनके पास कोई पैड नहीं है'.
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