अगर आपको शारीरिक संबंध बनाने का मन नहीं करता तो हो सकता है आपको ये दिक्कत हो

हां, औरतों को भी ये दिक्कत हो सकती है.

सरवत फ़ातिमा सरवत फ़ातिमा
अप्रैल 11, 2019
(फ़ोटो कर्टसी: Reuters)

उत्तर भारत का कोई भी छोटे से छोटा शहर ले लीजिए. सबकी दीवारों पर पुता होगा कि मर्दाना कमज़ोरी से कैसे निपटें. कोई गली-नुक्कड़ नहीं छोड़ा गया है. ऐसा लगता है जैसे पूरे के पूरे शहर को शीघ्रपतन की दिक्कत है. बात जब आदमियों की सेक्सुअल बीमारियों की होती है तो उसमें कोई लाज-शर्म नहीं है. सड़कों पर नीम-हकीम बोर्ड लगाए बैठे होते हैं. शीघ्रपतन से ऐसे निपटें. स्तंभन दोष से ऐसे निपटें. पर बात जब महिलाओं की होती है तो टोटल ख़ामोशी. किसी दीवार पर उसका ज़िक्र नहीं होगा. कोई नीम-हकीम उसका बोर्ड नहीं लगाएगा. सब चुपचाप. क्योंकि औरत और सेक्स! तौबा.

पर हम अगर किसी चीज़ के बारे में खुलकर बात नहीं करते, इसका मतलब ये नहीं कि वो चीज़ दुनिया में एक्सिस्ट नहीं करती. जैसे एक कंडीशन है. जिसे अंग्रेज़ी में कहते हैं ‘सेक्सुअल डिसफंक्शन’. सरल शब्दों में समझें तो सेक्स करने में दिक्कत आना. ये माना जाता है कि ये दिक्कत आदमियों में होती है. जिसे ‘मेल सेक्सुअल डिसफंक्शन’ कहते हैं.

औरतों में इसे ‘फीमेल सेक्सुअल डिसफंक्शन’ कहते हैं. एक सर्वे के मुताबिक दुनियाभर में 40 फ़ीसदी औरतें कभी न कभी अपनी ज़िन्दगी में इस दिक्कत की शिकार रही हैं. पर क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होता उनके साथ हो क्या रहा है, इसलिए वो चुप रहती हैं. सहती रहती हैं. जब पता ही नहीं कि कोई दिक्कत है तो उसका इलाज भी क्या ही कराएंगी.

तो क्या होता है ‘फीमेल सेक्सुअल डिसफंक्शन’

ये जानने के लिए हमने डॉक्टर अनुराधा कपूर और डॉक्टर लवलीना नादिर से बात की. वो मैक्स दिल्ली और फ़ोर्टिस मुंबई में स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं. उन्होंने हमें बताया:

“एक चीज़ होती है सेक्सुअल रिस्पांस साइकिल. यानी सेक्स के दौरान अगर आपका पार्टनर आपको उत्तेजित करने की कोशिश कर रहा है पर आप नहीं हो रहीं. किसी भी हाल में. कहने का मतलब आपका पार्टनर अपनी एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दे, पर आपको कोई फ़र्क ही न पड़े. ये है फीमेल सेक्सुअल डिसफंक्शन’. ये किसी भी औरत को कभी भी हो सकता है.”

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(फ़ोटो कर्टसी: Pixabay)

इसके क्या लक्षण हैं

-सेक्स में कोई रुचि न होना

-सेक्स के दौरान भी उसमें मन न लगना

-सेक्स के दौरान दर्द होना

-ऑर्गास्म न होना

-सेक्स के दौरान वजाइना में पर्याप्त मॉइस्चर न बनना

क्यों होता है फीमेल सेक्सुअल डिसफंक्शन

इसकी कई वजहें हो सकती हैं:

-दिल की बीमारी

-डाईबीटीज़

-हॉर्मोन में उथल-पुथल

हालांकि ये वजहें उन औरतों के लिए जायज़ हैं जो या तो 40 पार कर चुकी हैं या उनको मेनोपॉज़ होने वाला है.

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(फ़ोटो कर्टसी: Pixabay)

ये कंडीशन उन औरतों को भी हो सकती हैं जो 20 या 30 साल की हैं. इसके पीछे भी कई वजहें हो सकती हैं. जैसे:

-कोई मानसिक परेशानी

-एंग्जायटी

-स्ट्रेस

-सेक्स के दौरान कॉन्फिडेंस की कमी

-कोई ऐसा हादसा जिसने महिला के दीमाग पर असर डाला हो

-सेक्स की तरफ़ रूढ़िवादी नज़रिया रखना. ये औरतों में बहुत बड़ी दिक्कत है. क्योंकि लड़कियों को बचपन से सिखाया जाता है कि सेक्स एक गंदी चीज़ है. बड़े होने के बाद भी उनका नज़रिया नहीं बदलता. सेक्स के दौरान उनके दिमाग में ये ख़्याल हावी रहता है कि उनको सेक्स नहीं एन्जॉय करना चाहिए.

कैसे पता चलेगा कि आपको फीमेल सेक्सुअल डिसफंक्शन है

इसके लिए आपको किसी स्त्रीरोग विशेषज्ञ के पास जाना पड़ेगा. वो आपके पेडू की जांच करेंगी. देखा जाएगा कि कहीं आपको पेशाब का इन्फेक्शन, या सेक्स से होने वाला कोई इन्फेक्शन तो नहीं है. कुछ इन्फेक्शन जैसे गोनोरिया, हर्पीस, क्लैमाइडिया की वजह से भी आपको सेक्स करने में दर्द होता है. एक बार ये क्लियर हो जाए कि इसमें से कोई दिक्कत नहीं है तो आगे बढ़ा जाता है.

अगर वजह केवल मानसिक है तो उसका इलाज बातचीत है. आप अपनी डॉक्टर से इसके बारे में खुलकर बात कर सकती हैं. जो भी डर हैं उन्हें बता सकती हैं. वो आपको किसी मनोचिकित्सक के पास भेजेंगी. वहां आपकी काउंसलिंग होगी.

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(फ़ोटो कर्टसी: Pixabay)

क्या इसका इलाज मुमकिन है

ये निर्भर करता है कि आपको किस वजह से ये बीमारी है. मतलब हर औरत की वजह अलग हो सकती है. इसलिए इसका इलाज भी अलग होता है. अगर वजह दिल की कोई बीमारी, डायबिटीज, या कोई और है तो उसके लिए दवाइयां हैं. साथ ही लाइफस्टाइल में बदलाव लाने से भी असर पड़ता है. अगर वजह मानसिक है, ख़ासतौर पर अगर किसी हादसे की वजह से आप सेक्स एन्जॉय नहीं कर पातीं तो आपको साइकोलॉजिस्ट के पास जाना चाहिए. वहां आपकी थेरेपी होगी.

इसके बारे में अपने पार्टनर से कैसे बात करें

अव्वल तो इसकी शुरुआत दोष मढ़ने से मत करिए. फीमेल सेक्सुअल डिसफंक्शन आपकी या आपके पार्टनर की गलती की वजह से नहीं हुआ है. खुलकर अपने पार्टनर से बात करिए. उनको बताएं कि आपको क्या दिक्कतें हो रही हैं. किस तकलीफ़ का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ये भी बताएंं कि आप डॉक्टरों की सलाह लेने की सोच रही हैं. अगर वो साथ में चलना चाहें तो चल सकते हैं.

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