क्या है ये ex-MP कार्ड जिसके लिए सुषमा स्वराज और सुमित्रा महाजन ने एप्लीकेशन डाली

पूर्व सांसद होने के क्या-क्या फायदे होते हैं?

सुषमा स्वराज ने जब घोषणा की कि वो 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी, तब काफी लोग उदास हो गए थे. उनको सरकार का कार्यकाल ख़त्म होने पर अलविदा कहने वाले लोगों का ट्विटर पर तांता लगा हुआ था. इसी तरह सुमित्रा महाजन ने भी घोषणा की कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगी इस बार.

सुषमा स्वराज विदिशा से सांसद थीं, और सुमित्रा महाजन इंदौर से.

अब ये ख़बरों में इसलिए हैं क्योंकि इन्होंने एक्स-एमपी कार्ड के लिए आवेदन दिया है. ख़बरों के मुताबिक़ सुमित्रा महाजन को उनका ‘पूर्व सांसद’ का कार्ड मिल गया है, और सुषमा स्वराज ने जो एप्लीकेशन डाली थी वो प्रोसेस की जा रही है.

अब ये एक्स एमपी या पूर्व सांसद का कार्ड होता क्या है?

क्या इससे कोई सुविधा मिलती है?

कार्ड आइडेंटीफिकेशन के लिए बनता है. पूर्व सांसदों को कई सुविधाएं मिलती हैं. जैसे:

1. जिसने किसी भी सदन में सांसद की तरह भाग लिया हो या प्रोविजनल पार्लियामेंट का हिस्सा रहे हों, उनको 20,000 हर महीने पेंशन मिलेगी. जिन्होंने पांच साल से ज्यादा सांसद के तौर पर काम किया है उनको हर महीने के 1,500 एक्स्ट्रा मिलेंगे. पांच साल के बाद हर साल.

former-member-card-application-750x500_061919062139.jpgपूर्व सांसद का कार्ड बनवाने के लिए यही एप्लीकेशन दी जाती है

2. फैमिली पेंशन उनको मिलेगी जो सांसद के जीवनसाथी या उन पर निर्भर व्यक्ति रहे हों. उनको सांसद की मृत्यु के समय मिलने वाली पेंशन का आधा हिस्सा मिलेगा. अगर उन्हें पहले से कोई और पेंशन मिल रही है तो फिर ये पेंशन नहीं मिलेगी.

3. पूर्व सांसद किसी भी ट्रेन के AC 2 टियर में एक साथी के साथ ट्रेवल कर सकते हैं सरकार के खर्चे पर. और अगर अकेले जा रहे हैं तो AC फर्स्ट क्लास में. लोक सभा और राज्य सभा सेक्रेटेरियट द्वारा जारी किये गए पूर्व सांसद कार्ड को दिखा कर ये सुविधा ली जा सकती है. अगर सांसद अंडमान निकोबार/लक्षद्वीप से सांसद रही/रहे हैं तो वहां से देश की ज़मीन तक आने के लिए स्टीमर सुविधा भी ले सकते हैं.

app-car-park-750x500_061919062210.jpgगाड़ी पार्क करने के लिए जो लेबल लगता है उसके लिए भी पूर्व सांसद को अलग से एप्लीकेशन डालनी पड़ती है.

4. केंद्र सरकार की हेल्थ स्कीम जो है वो पूर्व सांसदों को भी कवर करेगी. इसके लिए शर्त ये है कि वो CGHS (Central Government Health Scheme) से कवर होने वाले शहरों में रह रहे हों, और अपने सांसद रहने के दौरान जितने पैसे वो इसमें दे रहे थे, उतने ही देते रहें.

5. संसद की लाइब्रेरी से वो किताबें ले सकते हैं पढ़ने के लिए. पांच सौ रुपए देने होंगे.

6. इंडियन पार्लियामेंट्री ग्रुप के आजीवन असोसिएट मेंबर बन सकते हैं, पांच सौ रुपए देने होंगे बस. 

एक्स एमपी कार्ड बनवाने से कयास लोग ये भी लगा रहे हैं कि अब सुषमा और सुमित्रा राज्य सभा की भी सांसद नहीं बनेंगी. राजनीति से रिटायर होने की बात भले ही ना कही हो, लेकिन संसद को अलविदा तो कह ही दिया है, ऐसा लोग कयास लगा रहे हैं. पार्लियामेंट्री नोटिस ऑफिस में सोमवार को महाजन ने नोटिस दिया. मंगलवार को उन्हें मिल गया उनका कार्ड. उन्होंने ट्वीट भी किया और लिखा, ‘आपने मुझे लोकसभा का स्पीकर बनने का अवसर प्रदान किया, शुक्रिया मोदी जी’.

वहीं सुषमा ने इस बाबत कोई बातचीत नहीं की. उनकी एप्लीकेशन मंगलवार को भेजी गई. हिंदुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार उनकी एप्लीकेशन का मिलना कन्फर्म किया गया है और वो जल्दी ही प्रोसेस भी हो जाएगी.

ex-mp-spouse-750x500_061919062301.jpgअपने पति/पत्नी के लिए कार्ड बनवाना हो तो उसकी अलग एप्लीकेशन भरनी पड़ती है.

कैसे मिलता है कार्ड:

एप्लीकेशन भरके अपना पुराना सांसद का आईडी कार्ड जमा करना होता है संसद के ऑफिस में. तीन फोटो भी देनी होती. उसके बाद एक्स एमपी कार्ड बन जाता है. अपने पति/पत्नी के लिए भी स्पाउस कार्ड बनवा सकते हैं पूर्व सांसद. 

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