क्या इन बच्चों को पीटे जाने की वजह उनकी जाति नहीं थी?
जिग्नेश मेवानी के ट्वीट पर लोगों और पुलिस की अलग-अलग प्रतिक्रिया.
हर दिन सैकड़ों वीडियो वायरल होते हैं. जिनमें से कुछ इतने संवेदनशील होते हैं कि समझ ही नहीं आता क्या करें. ऐसा ही एक और वीडियो वायरल हुआ है. इस वीडियो में कुछ लोग दो बच्चों को नग्न अवस्था में बुरी तरह से मार रहे हैं. वीडियो के बीच में कोने में एक बच्चा और है, उसे भी ये लोग मार रहे हैं. लड़कों ने केवल कुछ पत्तियों से अपने शरीर को ढका हुआ है.
यह वीडियो महाराष्ट्र की जामनगर तहसील के गांव वाकड़ी से वायरल हुआ है. जहां दलित समाज के कुछ बच्चे गर्मी से बचने के लिए एक कुएं में तैरने चले गए. वो कुआं गांव में ऊंची जाति के ईश्वर जोशी का था. जब उन्होंने देखा कि उनके खेत के कुएं में बच्चे तैर रहे हैं तो उन्होंने तीनों बच्चों को बाहर निकलवाया. बाद में उन्हें अपने नौकर के हाथों पिटवाया. और-तो-और इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर वायरल भी किया.
इन बच्चों में से दो अनुसुचित जाति के हैं और एक अनुसुचित जनजाति का है. पुलिस ने ईश्वर जोशी और उनके नौकर प्रहलाद लौहार के खिलाफ शिकायत दर्ज़ की है. उन दोनों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है. पुलिस का कहना है कि उनके खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट, भारतीय दंड संहिता की धारा 324, 504 और 506 के तहत मामला दर्ज़ किया गया है.
इस केस का एक रूप और भी सामने आया है. संवाददाता पंकज बताते हैं कि पुलिस का कहना है कि इस केस को जातिगत रंग नहीं देना चाहिए. जो लोग उन बच्चों को मार रहे हैं, वो वहीं के आदिवासी लोग हैं. वो बच्चों को पहले बहुत बार कुएं में जाने के लिए मना कर चुके थे. वो क्या है न कि कुआं बहुत गहरा है लगभग 70 फीट गहरा. इसलिए गांव के लोगों ने बच्चों को उसमें जाने से मना किया था. बच्चे तो बच्चे हैं, कब किसी की सुनते हैं. वो कुएं में तैरने के लिए चले गए. उन्हें सबक सिखाने के लिए मारा गया है न कि वो तथाकथित छोटी जाति से हैं इसलिए. हालांकि इस तरह किसी को भी मारना अपराध है. उन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज़ की गई है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.
इस घटना की सच्चाई जो भी हो लेकिन यह अपराध है. चाहे बच्चे किसी भी जाति के हों, उन्हें इस तरह मारना कानून अपराध है. साथ ही वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल करना भी अपराध है.
इस घटना के बारे में जिग्नेश मेवानी ने ट्वीट किया-
Now, Una happens in Maharashtra. Dalit boys are humiliated and beaten up only for jumping into the well of non dalit caste people. Had the justice be ensured to the victims of Una, this wouldn't have happened. 1/2 pic.twitter.com/rYL9vR2Olw
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) June 14, 2018
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