फ्रांस: सुहागरात मनाने को बेताब बेचारे कपल्स को इस तरह तंग किया जाता है

दुनियाभर से शादी की अजीब रस्में जो हैरान करने वाली हैं.

ऑडनारी ऑडनारी
अगस्त 29, 2018

दुनिया के अलग अलग हिस्सों में शादी और प्रेम से जुड़े कई रस्मों, रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है. इनमें से कई रोमैंटिक हैं और कई इतनी वाहियात कि कह नहीं सकते. हम आपके लिए लेकर आए हैं दुनिया भर से शादी की कुछ अजीबोग़रीब रस्में जिनके बारे में जानकार आप यक़ीनन अपनी हंसी नहीं रोक पाएंगी.

1. मुंह काला करने का रिवाज, स्कॉटलैंड 

सौजन्य: द स्कॉट्समैन सौजन्य: द स्कॉट्समैन

आपकी अभी अभी शादी हुई है. शादी के जोड़े में नई-नवेली दुल्हन आप और आपके हमसफ़र आपके ससुराल के लिए निकल रहे हैं. अचानक आपके दोस्त और परिवारवाले आपको धर दबोचते हैं और बाहर एक पेड़ पर मज़बूत रस्सी से बांध देते हैं. इससे पहले कि आप कुछ कह सकें, आपके और आपके हज़्बंड के चेहरे पर काली स्याही पोत दी जाती है. और फिर शुरू होती है कीचड़, तेल, अंडों, कचरे की बौछार. आपकी सजावट का सत्यानाश करके आपको फिर सारे मेहमानों के सामने परेड किया जाता है.

किसी हॉरर फ़िल्म की कहानी लग रही है न? यही होता है स्कॉटिश शादियों में. माना जाता है कि यह रिवाज पति-पत्नी के संबंध को मज़बूत बनाता है ताकि वे एक-दूसरे के साथ रहकर सारी कठिनाइयों से जूझ सकें.

2. रोने की प्रैक्टिस, चीन 

सौजन्य: Pinterest/Renee Robinson सौजन्य: Pinterest/Renee Robinson

विदाई के समय दुल्हन का रोना स्वाभाविक है. मगर चीन की तूजिया जनजाति की कोई दुल्हन अपनी विदाई पर न रोए तो उसे बेशर्म और फूहड़ माना जाता है. इसीलिए शादी के एक महीने पहले से शुरू हो जाती है रोने कि प्रैक्टिस. रोज़ रात को दुल्हन कमसकम एक घंटा रोती है. सात दिन बाद उसकी मां रोने में शामिल होती हैं और उसके तीन दिन बाद, उसकी दादी या नानी. फिर एक एक करके घर की सारी औरतें एकसाथ होकर रोती हैं. और हां, यहां प्रैक्टिस सिर्फ़ रोने की ही नहीं होती. सही सुर में रोना ज़रूरी है ताकि मेहमानों के कानों को अच्छा लगे. आप भी रोईं होंगी अपनी विदाई में मगर ऐसे भी रोया जाता है किसे पता था?

3. चूज़े की हत्या, मोंगोलिया 

सौजन्य: पिक्साबे सौजन्य: पिक्साबे

होनेवाले पति-पत्नी के सामने एक चूज़ा पेश किया जाता है, एक बारीक चाकू से जिसे वे मारते हैं. मारने के बाद चूज़े का पेट चीरकर देखा जाता है कि उसका जिगर किस हालत में है. अगर जिगर ठीक है, शादी का मुहूरत तय किया जा सकता है. अगर उसमें कोई डीफ़ेक्ट है तो और चूज़ों को मारते रहना होता है जब तक कोई स्वस्थ जिगर वाला न निकले.

4. किसिंग पार्टी, स्वीडन 

सौजन्य: पिक्साबे सौजन्य: पिक्साबे

अगर आप अपने पार्ट्नर को लेकर पोज़ेसिव हैं तो शुक्र मनाइए आप स्वीडन में पैदा नहीं हुईं. यहां शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन बाक़ी मेहमानों के साथ इकट्ठा होते हैं. बीच में अगर दुल्हन को किसी वजह से कमरे से बाहर जाना पड़े, वहां मौजूद सारी लड़कियां दूल्हे पर लपककर चूमने और लिपटने की कोशिश करतीं हैं. वैसे ही अगर दूल्हे को किसी वजह से बाहर जाना पड़े तो सारे मर्द दुल्हन के साथ चुम्मा-चाटी में लग जाते हैं. किसी भी इंसान को अपने नए पार्ट्नर को दूसरों के साथ ऐसे देखना अच्छा नहीं लगेगा. उसके बावजूद स्वीडन में यह रिवाज़ बहुत मज़े से पालन किया जाता है.

5. ‘हंसना मना है’, कांगो 

सौजन्य: पिक्साबे सौजन्य: पिक्साबे

कांगो में विवाह एक गंभीर मामला है. शादियों में इसलिए हंसना, गाना या किसी भी तरह की मौज-मस्ती सख़्त मना है. सबसे ज़्यादा गंभीरता नवविवाहित दम्पति को बनाए रखनी पड़ती है. दूल्हा दुल्हन में से कोई भी हल्का-सा मुस्कुराते दिख जाए तो समझ लिया जाता है कि वह इस रिश्ते को तवज्जो नहीं देते और एक भरोसेमंद पार्टनर नहीं बन सकते.

6. कुंवारियों का केक, पेरू 

सौजन्य: पिक्साबे सौजन्य: पिक्साबे

दुल्हन की कुंवारी बहनों और सहेलियों के लिए एक बड़ा सा केक बनवाया जाता है. इस केक के अंदर छिपी होती है एक अंगूठी. केक को बराबर हिस्सों में काटकर सारी औरतों को परोसा जाता है. अंगूठीवाला हिस्सा जिस औरत को मिलता है, दुल्हन के बाद अब अगला नम्बर उसका है.

 7. शारीवारी, फ़्रांस 

विलीयम होगॉर्थ द्वारा चारिवारि का चित्रण विलीयम होगॉर्थ द्वारा चारिवारि का चित्रण

शादी हो गई, मेहमान चले गए, अब चैन से सुहागरात मनाएंगे. पर यह क्या? कमरे के बाहर से यह कैसी आवाज़ आ रही है? ओह नो!

शारिवारि में नवदम्पति के दोस्त शादी की रात उनके बेडरूम के पास इकट्ठा होकर रातभर शोर मचाते हैं. यह शोर कैसे भी किया जा सकता है. शीशा तोड़ना, बर्तन गिराना, लाउड म्यूज़िक बजाना, चीख़ना-चिल्लाना इस ख़ुराफ़ात के कुछ तरीक़े हैं. मक़सद है दूल्हा-दुल्हन के अंतरंग पलों को डिस्टर्ब करक उन्हें कमरे से बाहर लाना और उनसे ख़ातिरदारी और मेहमाननवाजी की मांग करना.

इसलिए कभी फ़्रान्स में शादी की तो अपने दोस्तों को मत बुलाना. या साउंडप्रूफ़ कमरा बुक करना. जब दोस्त ही ऐसे हों तो दुश्मनों की क्या ज़रूरत?

इन मज़ेदार रस्मों के बारे में क्या कहना है? कॉमेंट करके ज़रूर बताइए.


ये स्टोरी ईशा ने लिखी है. 

 

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