कठुआ गैंगरेप-मर्डर केस में फैसला आ गया है

सात में से छह आरोपी दोषी करार, यहां पढ़ें पूरा मामला

कुसुम लता कुसुम लता
जून 10, 2019

जम्मू-कश्मीर का कठुआ. पिछले साल चर्चा में आया था. यहां आठ साल की एक बच्ची का कई दिनों तक रेप हुआ. एक नहीं कई लोगों ने किया. और बाद में उसे मारकर फेंक दिया गया. घटना जनवरी, 2018 की है. सामने तीन महीने बाद यानी अप्रैल, 2018 में आई थी. पठानकोट के स्पेशल कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. घटना के ठीक डेढ़ साल बाद यानी आज 10 जून को इस केस में फैसला आ गया है.

कोर्ट ने मास्टरमाइंड सांजी राम समेत 6 लोगों को दोषी करार दिया है. सभी आरोपियों को रनबीर पीनल कोड (RPC) की धारा 201 (सबूत मिटाने), 376 (रेप), 120 बी और धारा 302 (मर्डर) के तहत दोषी पाया गया है.

जिन्हें दोषी करार दिया गया है उनके नाम ये रहे.ग्राम प्रधान सांजी राम (मुख्य आरोपी), स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजुरिया, रसाना गांव का रहने वाला परवेश दोषी, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर तिलक राज, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता और पुलिस ऑफिसर सुरेंद्र कुमार. पुलिस ने मास्टरमाइंड सांजी राम के बेटे विशाल जंगोत्रा को भी आरोपी बनाया था. पुलिस ने उसे सभी आरोपों से बरी कर दिया है. विशाल ने कोर्ट में दलील दी थी कि जब घटना हुई तब वह मेरठ में था.

एक आठवां आरोपी भी है. सांजी राम का भतीजा. परिवार का दावा है कि वह नाबालिग है. हालांकि, पुलिस ने इस साल फरवरी में उसकी मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में जमा की थी. जिसमें उसकी उम्र 20 साल से ज्यादा बताई गई है. उम्र लेकर अभी सुनवाई चल रही है. उसके खिलाफ अभी गैंगरेप-मर्डर केस में सुनवाई शुरू नहीं हुई है.

क्या था पूरा मामला?

10 जनवरी, 2018 को इस बच्ची को उसके घर से किडनैप किया गया. 12 जनवरी को उसके पिता ने पुलिस में बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई. 17 जनवरी को उसकी लाश गांव के करीब एक जंगल में मिली. मामला अप्रैल, 2018 में चार्जशीट दाखिल होने के बाद चर्चा में आया. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मामले में 15 पन्नों की चार्जशीट फाइल की थी. इस चार्जशीट में लिखी बातें रोंगटे खड़े करने वाली थीं. चार्जशीट में लिखा था-

बच्ची को किडनैप करके एक स्थानीय मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया. चार दिनों तक उसे नशे की गोलियां दी गईं. इस दौरान उसका कई बार रेप किया गया. अलग-अलग लोगों ने उसके साथ रेप किया. और आखिर में उसे मारकर फेंक दिया गया. रेप के सबूत मिटाने के लिए हत्या के बाद आरोपियों ने बच्ची को नहलाकर उसके कपड़े भी धोए थे.

चार्जशीट के एक हिस्से में लिखा है कि मामले के एक आरोपी को रेप करने के लिए ही मेरठ से जम्मू बुलाया गया था. वहीं नाबालिग आरोपी की उम्र को लेकर भी काफी विवाद हुआ था. द वायर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर की क्राइम ब्रांच ने इस साल फरवरी में उसकी मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में जमा की थी. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपी की उम्र 20 साल से अधिक है. अभी उसकी उम्र को लेकर सुनवाई चल रही है, इसलिए कठुआ मामले में उसके खिलाफ केस शुरू नहीं हुआ है.

अप्रैल, 2018 में जब क्राइम ब्रांच की टीम जम्मू की अदालत में चार्जशीट फाइल करने पहुंची तो वहां वकीलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की. काफी हंगामा हुआ. इस वजह से सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई पठानकोट में करने के आदेश दिए थे.

दीपिका सिंह लड़ रही हैं पीड़िता का केसदीपिका सिंह लड़ रही हैं पीड़िता का केस

बकरवाल समुदाय को सबक सिखाने के लिए बच्ची को बनाया शिकार

बच्ची का परिवार घुमंतू बकरवाल समुदाय से आता है. ये समुदाय सर्दी के दिनों में जम्मू में रहता है जबकि गर्मियों में अपने जानवरों को लेकर कश्मीर चला जाता है. चार्जशीट के मुताबिक, आरोपी बकरवाल समुदाय को सबक सिखाना चाहते थे. उन्हें डराना चाहते थे ताकि वे इलाका छोड़कर भाग जाएं. इसलिए बच्ची को निशाना बनाया गया. बच्ची का अपहरण करने, उसका गैंगरेप करने और उसकी हत्या की पूरी योजना सांजी राम ने बनाई थी. घटना जब सामने आई तब जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन की सरकार थी. महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री थीं. बीजेपी के दो नेता चौधरी लाल सिंह और चंदर प्रकाश गंगा ने फरवरी, 2018 में आरोपियों के समर्थन में रैली निकाली थी. ये दोनों उस वक्त राज्य सरकार में मंत्री भी थे. बाद में दोनों से इस्तीफा ले लिया गया था.

एक समुदाय विशेष से सांजी राम की नफरत ने एक मासूम की जिंदगी छीन ली. आए दिन इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं जिनमें आपसी रंजिश में लोग छोटे-छोटे बच्चों को निशाना बनाते हैं. हाल ही में सामने आया अलीगढ़ केस भी ऐसा ही है जिसमें पांच हजार रुपये की लड़ाई में एक ढाई साल की बच्ची को मारकर कुत्तों के खाने के लिए उसे कूड़े में फेंक दिया गया. आखिर कब तक ये मासूम बड़ों के मन में भरी नफरत का खामियाजा भुगतते रहेंगे?

 

लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे      

Copyright © 2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today. India Today Group