प्रिया आनंद के लिए वो घटिया बात बोली गई, जो हजारों औरतों को रोजाना सुननी पड़ती है
श्रीदेवी की मौत से प्रिया आनंद का नाम जोड़ा गया था.
प्रिया आनंद. एक्ट्रेस हैं, और मॉडल भी हैं. हिंदी, तमिल, मलयालम, कन्नड और तेलुगू फिल्मों में काम कर चुकी हैं. इंग्लिश विंग्लिश फिल्म आई थी साल 2012 में. इस फिल्म में लीड रोल में श्रीदेवी थीं. प्रिया आनंद का भी इस फिल्म में अच्छा-खासा रोल था. वो श्रीदेवी की बहन की बेटी बनी थीं. साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की बड़ी स्टार हैं. फैन फॉलोइंग भी बढ़िया है. सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं.
अब ये इस वक्त खबरों में हैं. क्यों? क्योंकि इन्हें ट्विटर पर एक ट्रोल ने बहुत ही भद्दी बात कहकर ट्रोल करने की कोशिश की. एक ट्रोल ने प्रिया को अपशकुनी कह डाला. कहा,
'इंग्लिश विंग्लिश फिल्म में प्रिया ने श्रीदेवी के साथ काम किया था, श्रीदेवी की मौत हो गई. जेके रितेश के साथ प्रिया आनंद ने LKG में काम किया था. अब जेके रितेश भी नहीं हैं. जिस किसी ने भी प्रिया के साथ काम किया है, उसकी मौत होती जा रही है. क्या प्रिया आनंद अपने को-स्टार्स के लिए बदकिस्मती का प्रतीक हैं?'
Sridevi acted with @PriyaAnand in ENGLISH VINGLISH. @SrideviBKapoor is no more now. JK Rithish acted with Priya Anand in LKG. JK Rithish is no more now. WHOEVER ACTS WITH PRIYA ANAND, THEY R DYING. Is PRIYA ANAND a symbol of BAD LUCK for her costars? @RJ_Balaji
— Aanalagan (@lovel0velove143) April 21, 2019
प्रिया आनंंद 'इंग्लिश विंग्लिश' फिल्म में श्रीदेवी की बहन की बेटी बनी थीं. फोटो- वीडियो स्क्रीनशॉट
आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें कि श्रीदेवी की मौत साल 2018 के फरवरी महीने में हुई थी. वहीं जेके रितेश, जो साउथ इंडियन फिल्मों के एक्टर थे, उनकी मौत इसी साल 13 अप्रैल के दिन हुई थी. अब आगे बढ़ते हैं
ट्रोल के ट्वीट पर प्रिया ने जवाब दिया. उन्होंने उस ट्रोल की बढ़िया से झकर उतार कर रख दी. प्रिया ने ट्वीट कर कहा,
'मैं आमतौर पर आप जैसे लोगों को जवाब नहीं देती. लेकिन मैं बस आपको ये बताना चाहती हूं, कि जो कुछ भी आपने कहा है वो काफी असंवेदनशील है. मैं जानती हूं कि सोशल मीडिया पर खुद को मूर्ख दिखाकर कुछ भी लिखकर बचा जा सकता है, ये काफी आसान है. लेकिन मेरे दोस्त आप बहुत ज्यादा गिर गए हैं. मैं आपको नीचा दिखाकर रिस्पॉन्ड नहीं करना चाहती.'
I usually don't respond to people like you. But I just want to let you know that it is a very insensitive thing to say. I get that its easy to get away sounding dumb on social media but you my friend have it an all time low! I'm not going to respond by bringing you down...
— Priya Anand (@PriyaAnand) April 21, 2019
प्रिया आनंद ने ट्रोल करने वाले व्यक्ति की माफी एक्सेप्ट कर ली. फोटो- ट्विटर
प्रिया के इस ट्वीट पर ट्रोल ने माफी भी मांगी. प्रिया ने उस बंदे की माफी को एक्सेप्ट किया और कहा कि आगे से सोशल मीडिया पर इस तरह की बातें लिखने से पहले, थोड़ा ध्यान रखा करें. क्योंकि ऐसी बातों से लोगों को काफी दुख होता है.
खैर, प्रिया और उस सोशल मीडिया यूजर का मामला तो यहीं खत्म हो गया. प्रिया ने क्लास लगाई, उस ट्रोल ने माफी मांगी. प्रिया ने एक्सेप्ट कर ली. खत्म. लेकिन एक सबसे बड़ी बात, जो इस पूरे मामले में दिखाई देती है, उस पर बात करना बहुत जरूरी है.
अक्सर ही हमने देखा है कि अगर किसी घर में कुछ गलत होता है, किसी की तबीयत खराब होती है, या किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो ज्यादातर इन सबका इल्ज़ाम लगता है उस घर की औरतों पर. अगर कोई लड़की शादी करके अपने ससुराल जाती है, और वहां उसके जाने के बाद कुछ बुरा होता है, तो लोग उसे कुलक्षणी, अपशकुनी जैसे शब्द कहने लगते हैं. सारा ठीकरा उसके सिर पर फोड़ देते हैं. फिर कोई इस बात पर ध्यान ही नहीं देता कि, उस लड़की के आने से पहले भी उस घर में मौतें हुई हैं. ये सच है जो आता है वो जाता है. हर घर में पूर्वज मरते हैं, लेकिन ये बात सब भूल जाते हैं. साइंस की ऐसी की तैसी हो जाती है.
प्रिया आनंद एक मॉडल भी हैं. फोटो- ट्विटर
हमारे देश में कई जगहों पर, कई घरों में, औरतों को जबरन दोषी बना दिया जाता है. कुछ भी गलत हो, कुछ भी, सारा इल्ज़ाम औरत पर लग जाता है. अरे भई, लोगों का बीमार पड़ना, उनका मरना, किसी का एक्सीडेंट होना, घटनाएं हैं. जो होती हैं. इस पर किसी का बस नहीं होता. लेकिन लोगों का लॉजिक उस वक्त मर जाता है. बस औरत पर इल्ज़ाम मढ़ने का तरीका लोगों को याद रहता है. श्रीदेवी दुबई में थीं, जब उनकी मौत हुई. प्रिया उनके साथ नहीं थीं. जेके रितेश, को हार्ट अटैक आया था, इसमें प्रिया का क्या दोष?
एक और बात, किसी शादी में, या किसी मंगल काम में कई बार विधवा औरतों को नहीं बैठने दिया जाता. कहा जाता है कि अपशकुन होगा. लेकिन वहीं, वो आदमी आराम से मंगल काम में शामिल हो जाता है, जिसकी पत्नी मर चुकी होती है. उसे कोई नहीं रोकता. क्यों भई, जब विधवा औरतों को रोकते हो, तो आदमी को क्यों नहीं? लेकिन फिर वही बात आती है, कि लोगों का लॉजिक मर जाता है. लॉजिक तो ये है कि अपशकुन जैसा कुछ नहीं होता, लेकिन अब क्या करें. कितनों को ये बात बताएं. जो सोच है वो तो रहेगी ही. अगर बदलेगी भी, तो बदलते, बदलते ही बदलेगी. लेकिन सच तो ये है कि हजारों औरतें, रोजाना ये बात सुनने को मजबूर हैं कि वो अपशकुनी हैं, कुलक्षिणी हैं. उनकी वजह से सब गड़बड़ हो रहा है.
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