सुनीता दुग्गल: पांच साल पहले राजनीति के लिए बड़ा त्याग किया था, अब परचम लहरा दिया

हरियाणा के हिसार से जीत गई हैं.

सिरसा लोकसभा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार सुनीता दुग्गल. तस्वीर-ट्वीटर.

सुनीता दुग्गल, हरियाणा के हिसार से बीजेपी की लोकसभा प्रत्याशी थीं. इस सीट पर सुनीता दुग्गल का मुकाबला कांग्रेस के अशोक तिवारी, जननायक जनता पार्टी यानी JJP और आम आदमी पार्टी के संयुक्त प्रत्याशी निर्मल सिंह और भारतीय नेशनल लोक दल यानी INLD के प्रत्याशी चरणजीत रोरी से हुआ. सुनीता ने कांग्रेस के अशोक तिवारी को भारी मतों से हरा दिया है. पहली बार लोकसभा चुनाव में खड़ी हुईं और परचम लहरा दिया है.

दुग्गल ने साल 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए सरकारी नौकरी छोड़ दी थी. हालांकि तब उन्हें टिकट नहीं मिला था. उनका नाम कई विवादों में सामने आ चुका है. फतेहाबाद में सुनीता दुग्गल का एक रोड शो हो रहा था. इस दौरान इनके रोड शो में एक एंबुलेंस फंस गई. उसमें एक गर्भवती महिला थी. बीजेपी कार्यकर्ताओं की तरफ से इस एंबुलेंस को रास्ता नहीं दिया गया. बल्कि उस एंबुलेंस में टक्कर मार दी गई. जिससे महिला को चोटें आईं. ये एंबुलेंस आधे घंटे तक उसी रोड शो में फंसी रही और उसके बाद महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया. सुनीता ने बाद में मीडिया के जरिए माफी मांगी.

sunita-3_042519040227.jpgतस्वीर : ट्विटर.

हसंगा, फतेहाबाद का एक गांव हैं, जो सिरसा लोकसभा क्षेत्र में आता है. वहां कुछ दिनों पहले सुनीता दुग्गल ने किसानों को 'बावला' कह दिया था जिसके बाद उनकी काफी किरकिरी हुई थी. हुआ यूं कि किसानों ने फसल की खरीद न होने की समस्या बताई. और बीजेपी नेताओं को इसका जिम्मेदार बताया. किसानों और सुनीता के बीच बहस होने लगी. इसी बीच सुनीता ने गुस्से में किसानों को कहा 'बावला है के'. बाद में यह वीडियो वायरल हो गया. विपक्ष ने सुनीता दुग्गल को खरी-खरी सुनाई.

कुछ वक्त पहले सुनीता के पति IPS राजेश दुग्गल के खिलाफ एक शिकायत दर्ज करवाई गई थी. ये शिकायत हरियाणा कांग्रेस कमेटी के महासचिव नवीन केडिया ने की थी. उन्होंने कहा था कि राजेश दुग्गल, भारतीय पुलिस सेवा में कमांडेंट हैं, वो अपनी पत्नी को चुनाव में मदद कर रहे हैं. अपने पद का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. हिसार से कुछ पुलिस वालों को सादी वर्दी में उन्होंने मदद के लिए भेज रखा है. हालांकि उनके पति के खिलाफ आयोग ने अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया है.

swati-n-hubby_042519040324.jpgसुनीता दुग्गल अपने पति राजेश दुग्गल के साथ. तस्वीर : ट्विटर.

हरियाणा के फतेहाबाद में एक गांव है, अलीका. वहां एक मंदिर है दुर्गा जी का. इसी मंदिर में सुनीता दुग्गल चुनाव प्रचार कर रहीं थीं. आचार संहिता लगी हुई है, तो ऐसे में चुनाव आयोग ने सख्ती दिखाई. रतिया (हरियाणा) के सह निर्वाचन अधिकारी और SDM यानी सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट ने दुर्गा मंदिर के नाम पर नोटिस भेज दिया. सुनीता दुग्गल से चुनावी सभा के बारे में भी जवाब मांगा.

सुनीता ने मेरठ के चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से साइंस में पोस्ट ग्रैजुएशन किया है. ये तीन साल तक एक एथलीट भी रहीं. आयकर विभाग में नौकरी की. पहले कोई राजनीति बैकग्राउंड नहीं था. 2014 के लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए नौकरी छोड़ी थी. लेकिन टिकट नहीं मिल पाया था. उसके बाद इन्होंने 2015 में हरियाणा सरकार के अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया. सुनीता के दो बच्चे हैं, एक बेटा और एक बेटी. दोनों ही समाज सेवा कर रहे हैं. पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ेंगी. इस सीट से अकेली महिला प्रत्याशी हैं.

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