लड़की ने नग्न पुरुष की तस्वीर खींची तो उसे जेल भेज दिया गया
और लेडीज टॉयलेट में कैमरा छिपाने वाले हजारों लड़के मुक्त घूम रहे हैं.
साउथ कोरिया से आई एक ख़बर ने इंटरनेट पर बवाल मचा रखा है. वहां एक 25 साल की फीमेल मॉडल रहती हैं. वो एक न्यूड मॉडल हैं. मतलब वो निर्वस्त्र होकर फ़ोटो खिंचवाती हैं. उसने एक लड़के की छुपकर तस्वीर खींच ली. वो लड़का भी एक न्यूड मॉडल ही है. पर उसने अपना करियर गुप्त रखा हुआ है. ये सब एक आर्ट कॉलेज में हुआ. लड़की ने लड़के की तस्वीर इंटरनेट पर डाल दी. इससे उसकी पहचान सबके सामने आ गई. इसके बाद लड़की को 10 महीने की जेल की सज़ा सुनाई गई.
अब इस सज़ा के ख़िलाफ़ लोग सड़क पर उतर आए हैं. इससे पहले कि आप उन्हें और हमें दोगला बुलाएं, आपको साउथ कोरिया के बारे में कुछ जान लेना चाहिए.
इस देश में ‘स्पाई कैम पॉर्न’ का बहुत चलन है. अब इसका मतलब क्या हुआ? इसका मतलब हुआ यहां आदमी औरतों की छुपकर विडियो बनाते हैं. जब वो किसी दुकान के चेंजिंग रूम में कपड़े बदल रही होती हैं. नहा रही होती हैं. या जब कभी उनकी स्कर्ट हवा में उड़ जाती है. जैसे ही लड़कों को चमड़ी की एक झलक भी मिलती है, वो अपना मोबाइल फ़ोन निकाल विडियो बनाने लगते हैं. फिर उसे इंटरनेट पर डाल देते हैं. पेशाबघरों में सीक्रेट कैमरों के कहर ने यहां की लड़कियों का जीना हराम कर रखा है.
‘स्पाई कैम पावर्न’ के लगभग 6,000 केसेज़ हर साल रिपोर्ट किए जाते हैं. इनमें से 80% में पीड़ित महिलाएं होती हैं.
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जितने लोग छुपकर विडियो बनाते हैं और पकड़े जाते हैं, उनमें से केवल 8.7% लोगों को सज़ा होती है. यानी 10 में से एक आदमी को भी सजा हो जाए रतो गनीमत हो. पिछले साल ऐसे 6,465 मामले रिपोर्ट किए गए थे. उनमें से केवल 119 दोषियों को जेल भेजा गया.
स्यो स्युंग ह्वी ‘कोरिया साइबर सेक्सुअल वायलेंस सिविक ग्रुप’ की हेड हैं. उन्होंने एएफ़पी (AFP) नाम की न्यूज़ एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा:
“इस केस में पुलिस की प्रतिकिया ही अलग है. क्योंकि इस बार पीड़ित एक मर्द है. जिन केसेज़ में पीड़ित महिला होती है, हमने उनको कभी इतनी फुर्ती से काम करते हुए नहीं देखा. ”
जब कोर्ट ने फ़ैसला सुनाया था तब ये कहा था कि फीमेल मॉडल ने उस आदमी की इज्ज़त को ठेस पहुंचाई है. इसलिए उसे सज़ा होनी चाहिए. साथ ही ये भी कहा कि पीड़ित बहुत सदमे में है. और इस बात की वजह से डिप्रेशन से गुज़र रहा है. अब आगे वो अपना करियर नहीं बढ़ा पाएगा क्योंकि उसकी पहचान गुप्त नहीं रह गई.
हां, ये सच है कि इस पुरुष मॉडल के साथ गलत हुआ है. मगर दुख की बात ये है कि ऐसा साउथ कोरिया में औरतों के साथ रोज़ होता है. वो डरी रहती हैं कि कहीं कोई उनकी आपत्तिजनक तस्वीर न खींच ले. और तो और जब ऐसा होता है ज़्यादातर अपराधियों को सज़ा भी नहीं होती.
2004 में साउथ कोरिया में एक रूल बना था. बोला गया था कि हर स्मार्टफ़ोन के कैमरे से तस्वीर खींचते समय आवाज़ आना ज़रूरी है. ताकि पता चल जाए जब कोई फ़ोटो खींचे. पर जैसे की दुनिया में हर चीज़ का तोड़ है, इसका भी निकाल लिया गया. ऐसी ऐप्स बनाई गईं, जिनसे कैमरे की आवाज़ को बंद कर सकते हैं. यही नहीं. कुछ लड़के इतने शातिर होते हैं कि कैमरा बहुत ही अजीब-ओ-ग़रीब जगह छुपाते हैं. उनका पता ही नहीं चलता. जैसे दीवारों में, बैग, जूते, टॉयलेट के किसी खोपचे में, वगैरह.
ऐसा करना किसी भी इंसान की प्राइवेसी को भंग करना है. पर बात जब औरतों की आती है तो लोग मज़े लेते हैं. मर्द के साथ होता है तो तुरंत सज़ा मिल जाती है. काश हम 2018 में समानता के थोड़े और करीब होते.
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