जिनका यौन शोषण हुआ हो, क्या वे कभी अपनी मर्जी से यौन संबंध बना पाएंगी?
विदेशी मार्केट में एक ऐसा टॉय उपलब्ध होगा जो ऐसी औरतों को सहज बनाने में मदद करेगा.
डिएनी जब 19 साल की थी. तब उसके एक्स बॉयफ्रेंड ने अपने दो दोस्तों के साथ उसका रेप किया. दो साल की काउंसलिंग के बाद डिएनी नॉर्मल हुई. लेकिन एक शाम काम से लौटते वक्त उसे ट्रेन में तीन लोग दिखे. जिन्हें देखकर उसे तीनों रेपिस्ट ध्यान में आ गए. उस दौरान अचानक से उसे कंधे पर किसी के छूने का एहसास हुआ. और वो ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी. वो तब तक चीखती रही, जब तक एक स्टाफ मेंबर ने उसे शांत नहीं कराया. डिएनी इसी बात से सहम गई किसी ने उसके कंधे पर हाथ रख दिया.
जब भी यौन उत्पीड़न या रेप की घटना होती है. हम आरोपी की गिरफ्तारी चाहते हैं. कड़ी से कड़ी सजा की मांग करते हैं. कानूनी प्रक्रिया चलती है, जो अपना वक्त लेती है. लेकिन इन सबके बाद क्या हम सोचते हैं कि जिस औरत का यौन उत्पीड़न होता है, वो अपनी नॉर्मल लाइफ में वापस आ पाती है या नहीं. कितना मुश्किल होता है किसी रेप विक्टिम का एक हेल्दी सेक्स लाइफ जीना.
रेप के बाद एक औरत का अपने ही शरीर को लेकर नज़रिया और फीलिंग बदल जाती है. रेप और यौन उत्पीड़न की शिकार औरतों के लिए तमाम साइकोलॉजिकल ट्रीटमेंट के बाद भी सामान्य जीवन जीना मुश्किल होता है. और ये मुमकिन होता है कि वो सेक्स को लेकर सदमे में आ जाएं. ऐसी ही सर्वाइवर्स के लिए नये तरीके के सेक्स टॉय बनाने की तैयारी हो रही है. जिससे उनका उपचार किया जा सके.
पिछले साल ही एक डच डिज़ाइनर निएन्के हेल्डर ने सेक्सुअल रिकवरी टूल डिज़ाइन किया था. हेल्डर ने कुछ ऐसे ऑबजेक्ट बनाए, जिससे यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाएं सेक्स और कामुकता को लेकर सहज हो सकें. हेल्डर के मुताबिक ऐसे सेक्स टॉय उनके सदमे को कम करने का जरिया बन सकते हैं. निएन्के हेल्डर के 'सेक्सुअल हीलिंग' कलेक्शन में तरह-तरह के ब्रश, और ऐसे टूल हैं, जिनका इस्तेमाल औरतें सहजता से अपने प्राइवेट पार्ट्स पर कर सकें. इस तरह धीरे-धीरे उन्हें एहसास हो कि अगर उन्हें प्रेम से छुआ जा रहा है, तो वो हिंसा नहीं है.
हालांकि हेल्डर के कलेक्शन अभी बाज़ार में उपलब्ध नहीं हुए हैं. लेकिन कुछ सेक्स शॉप पर इस तरह के टूल्स पाए जा सकते हैं. ईस्ट लंदन में महिलाओं के लिए एक सेक्स शॉप है, जहां इससे जुड़ी जरूरी जानकारी दी जाती है. इस शॉप की मैनेजर रेनी डेनियर बताती हैं, 'बहुत से डॉक्टर सेक्स के बारे में बात करना पसंद नहीं करते.' डेनियर ने 'माय बॉडी बैक' प्रोजेक्ट के 'कैफे वी' ग्रुप की शुरुआत की थी. ये ग्रुप यौन हिंसा की शिकार महिलाओं की मदद करता है.
इस ग्रुप के बारे में रेनी डेनियर कहती हैं, 'रेप और यौन उत्पीड़न की सर्वाइवर्स को अपने ही शरीर से चिढ़ हो जाती है. तमाम थेरेपी और काउंसलिंग के बाद सामान्य होती महिलाएं जब भी सेक्स के बारे सोचना शुरू करती हैं. हमने उनके लिए ऐसे स्पेस की शुरुआत की है.'
डेनियर के मुताबिक सेक्स टॉय की मदद से रेप सर्वाइवर्स अपने बॉडी और सेक्स लाइफ को लेकर सामान्य हो सकती हैं. विशेष तौर पर जिनका बचपन से यौन उत्पीड़न हुआ हो, वो बाद में अपने लाइफ पार्टनर के साथ भी कंफर्टेबल नहीं हो पातीं. ऐसे में ये टॉएज मददगार साबित हो सकते हैं.
आपसी सहमति से बनाए गए संबंध किसी भी व्यक्ति के लिए सुखद एहसास होते हैं. ऐसे में औरतों का एक ग्रुप, जिनके साथ यौन हिंसा हुई है, इससे वंचित रह जाए, ये ठीक नहीं है.
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