सेरेना विलियम्स की ये ड्रेस आपको अश्लील लगती है?
क्या एक अश्वेत औरत के शरीर के उभार दुनिया झेल नहीं पा रही?
'अब हम किसी भी महिला खिलाड़ी को कैटसूट में खेलने की इजाज़त नहीं दे सकते. कभी-कभी बात हद से आगे निकल जाती है. खेल की एक गरिमा है और हमें उसका सम्मान करना चाहए.' ऐसा कहा बर्नार्ड गूदिचेली ने, जो फ्रेंच टेनिस फेडरेशन के प्रेसिडेंट हैं.
और इसी के साथ उनको न सिर्फ स्त्री-विरोधी, बल्कि नस्लभेदी भी पाया गया.
सेरेना विलियम्स बीते साल सितंबर में मां बनीं. मां बनने के बाद उन्होंने शारीरिक और मानसिक रूप से काफी कष्ट झेले. उनके अपने ही शब्दों में कहें तो वो मरने की कगार पर थीं. जो बीमारी उनके लिए जानलेवा बन गई थी, वो है पल्मोनरी एंबोलिजम. इस बीमारी में हाथ या पांव की किसी नस में खून का थक्का बन जाता है. ये थक्का बाकी खून के साथ दिल या फेफड़ों तक पहुंचता है. पर वहां की नस पतली होने की वजह से नस में ब्लॉकेज हो जाता है. ऐसे में खून की सप्लाई बंद हो जाती है.
मगर सेरेना वापस आईं और फ्रेंच ओपन के दौरान उन्हें काले रंग के बॉडी सूट में खेलते देखा गया. मई 2018 की बात है ये. सेरेना ने कहा उन्हें इस सूट में सुपरहीरो जैसा महसूस हो रहा है. मजाकिया लहजे में उन्होंने कहा कि ये सूट ब्लैक पैंथर फिल्म के काल्पनिक देश 'वाकांडा' के कपड़ों से प्रेरित है.
वजह केवल काले सूट का लुक ही नहीं था. इस सूट को नाइकी कंपनी ने सेरेना की मेडिकल जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया था. ये एक कम्प्रेशन सूट था, यानी बॉडी में सही जगह दबाव बनाने वाला, जिससे उनके हाथ और पांव में खून के थक्के न जमें. ध्यान रहे, सेरेना मां बनने के नौवें महीने से ही कोर्ट में उतर आई थीं. ये खेल के प्रति उनका लगाव था.
मगर फ्रेंच टेनिस फेडरेशन के मुताबिक़ ये सूट अश्लील था. इसको पहनकर सेरेना ने खेल की गरिमा को ठेस पहुंचाया था.
क्या होता है कैटसूट?
आम भाषा में इसे बॉडी सूट या यूनिटार्ड कहते हैं. अक्सर जिमनास्ट इसे पहने देखे जाते हैं. मगर जब हम इसे 'कैटसूट' पुकारते हैं तो इसमें ग्लैमर जुड़ जाता है. फैशन की दुनिया में इसे 'फेटिश', यानी कामुकता बढ़ाने वाले कपड़ों में गिना जाता है. फैशन के लिहाज से बॉडी सूट और कैट सूट में वही फर्क है जो 'अंडरवियर' और 'लॉन्जरी' में है.
बैन क्यों?
टेनिस में फ्रॉक या स्कर्ट महिलाओं के लिए स्टैण्डर्ड कपड़े माने गए हैं. फ्रेंच ओपन में इसे ही स्टैण्डर्ड माना गया. अनकहे तौर पर, मगर ये साफ़ है कि चूंकि कैटसूट में सेरेना के शरीर के कर्व्स दिखते हैं, ये ड्रेस आपत्तिजनक हो जाती है.
नस्लभेदी और सेक्सिस्ट क्यों?
ये समझना जरूरी है कि नैसर्गिक तौर पर श्वेत और अश्वेत लोगों के शरीर का ढांचा अलग होता है. एक अश्वेत महिला होते हुए, सेरेना का शरीर श्वेत लड़कियों के मुकाबले भारी और ज्यादा कर्वी है. ये जाहिर है कि अगर वो शरीर से चिपके हुए कपड़े पहनेंगी तो कई लोगों को चोट लगेगी. सवाल ये भी है कि साल 1985 में इसी तरह का सूट सब श्वेत खिलाड़ी ऐन वाइट ने विंबलडन में पहना था, तब कुछ अश्लील क्यों नहीं था.
लंबे समय से समाज में ये माना गया है कि औरत का शरीर लोगों का ध्यान भटकाता है. फिर वो स्त्री के शरीर के उभार हों, तो दुनिया काम छोड़ कर उन्हें ही देखती है. मगर ऐसे में सेरेना की ड्रेस बैन करने के पहले ये सवाल पूछना जरूरी है कि अगर सेरेना को देख खेल की गरिमा चोटिल हो जाती है तो ये प्रॉब्लम किसकी है--सेरेना या खेल की?
लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे