सपना चौधरी का ये गाना दस करोड़ बार क्यों देखा है लोगों ने?
गांव की कामुकता और शहर की कामुकता में फर्क बस इतना है- गांववाली सूट पहन लेती है
भोजपुरी गानों को उनके लिरिक्स की वजह से काफी ट्रोल किया जाता है. इस बात से भोजपुरी बोलने वाले भी इत्तिफाक रखते हैं. लेकिन इस बाबत पलट कर जवाब देने के लिए उनके पास मालिनी अवस्थी, शारदा सिन्हा के कुछ गिने-चुने गाने ही बचते हैं. ऐसे गाने सिर्फ भोजपुरी की बपौती नहीं. मराठी, हरियाणवी इत्यादि भाषाओँ में भी आइटम नंबर खूब बनते हैं. लोकल भाषा में बने ये आइटम नंबर चौराहों दुकानों पर बजते हैं, इन पर नाच गाना होता है. यूट्यूब के आ जाने के बाद हरियाणा की रागिनियां भी बहुत लोकप्रिय हुई हैं. इन्हीं के साथ लोकप्रिय हुए सतीश कुमार सिवाणी, विक्की काजला, और सपना चौधरी.
सपना चौधरी का एक गाना यूट्यूब पर 100 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है. अपनी भाषा में कहें तो 10 करोड़ बार.
इस गाने में सपना चौधरी अपने ट्रेडमार्क स्टेप्स करती हुई देखी जा सकती हैं. कमोबेश हर गाने में उनके यही स्टेप होते हैं, बस उनकी ऊर्जा और उनके चेहरे पर आने वाले भाव बदलते हैं. सपना अपने इस डांस के लिए फेमस हैं, लाखों की संख्या में लोग उनको देखने आते हैं. यहां पर इस विडियो में भी देखा जा सकता है कि कितने सारे लोग बाड़ के पीछे से इस गाने को देखने के लिए इकट्ठा हुए हैं.
गाना जिस स्टेज पर हो रहा है उस पर बड़ा सा पोस्टर लगा है. जागरण और भंडारा हो रहा है. कोई चौधरी मुख्त्यार सिंह हैं, जो स्वर्गवासी हो चुके हैं. शायद उनके नाम का भंडारा हो. पक्का नहीं कह सकते. लेकिन मौका ऐसा ही कुछ है.
आम तौर पर एक जो स्टीरियोटाइप चलता है, वो ये है कि गांव भारतीय संकृति के सच्चे पहरेदार बने बैठे हुए हैं. शहर भारतीयता को खाए जा रहे हैं, गांव उसे दोनों हाथों पैरों से चिपटाए बचाने में लगे हुए हैं. गांव में असली भारत रहता है. गोरू का सानी और आंख का पानी रहता है. गांव में रिश्तों की इज्जत होती है, परिवार टूटता नहीं है, गांव की बेटी सबकी बेटी होती है, ये सब अक्सर कहकर लोग ठंडी सांस लेते हैं. सीने पर हाथ रख लेते हैं. दो आंसू ढलका कर गांव गांव के साथ दफ़्न होते संस्कारों का फ़ातिहा पढ़ लेते हैं.
वैसे ही एक गांव में लोग धक्कम धक्का करते हुए एक लड़की को उसके कूल्हे और स्तन मटकाते हुए देखना चाह रहे हैं. और ये सिर्फ उस गांव के लोग नहीं, दस करोड़ लोग और हैं जिन्होंने इस विडियो को यूट्यूब पर देखा है. सपना चौधरी कोई स्पेशल डांस के फॉर्म में ट्रेंड नहीं हैं. ऐसा नहीं है कि वो जो कर रही हैं वो पहले नहीं किया जा चुका है. लेकिन उत्तेजना की खोज में लोग औरत के शरीर के ‘कामुक’ हिस्सों को ताड़ने का लोभ छुपा नहीं सकते. चाहे गांव हो या शहर. ये विडियो उसी बात का सुबूत है. सिर्फ यही नहीं, कई और भी.
यहां पर इस बात का ध्यान रखना ज़रूरी है कि ये बात सपना को टार्गेट करने के लिए नहीं कही जा रही है. सपना एक कलाकार हैं. वो परोस रही हैं जो समाज देखना चाह रहा है. जिसे देखने के लिए उन पर नोट उड़ा रहा है. लेकिन ये इस बात को साबित करने के लिए काफी है कि जिस ‘सभ्यता और संस्कृति’ की बात कर ‘इंडिया’ और ‘भारत’ के बीच फर्क किया जाता है, वो असल में एक खोखला बांस है और कुछ नहीं.
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