डिजाइनर सब्यसाची ने औरतों को लेकर बेढब बात कही, इंटरनेट ने सुट्ट कर दिया तो माफ़ी मांगी

पिछले साल भी ऐसे ही विवाद में फंसे थे.

एक डिजाइनर हैं. सब्यसाची नाम के. इनके कपड़े बड़े-बड़े स्टार लोग अपने शादी-ब्याह में पहनते हैं. साड़ी लाखों की, लहंगे नौलखे. आम आदमी की पहुंच से बाहर. न हुए तो डिजाइनर काहे के. खैर.

sabya-4_750_070719052504.jpgसब्यसाची के कपड़ों की एक बानगी. वैसे इनके कपड़े बिपाशा बासु ने भी अपनी शादी में पहने थे, अनुष्का शर्मा ने भी, और दीपिका पादुकोण ने भी.

इन्होने एक पोस्ट डाला इन्स्टाग्राम पर. चार्ल्स डिकेंस एक बहुत बड़े लेखक हुए हैं अंग्रेजी के. ग्रेट एक्सपेक्टेशंस उनका नॉवल है. उसमें एक किरदार है मिस हैविशाम. उसकी कही गई एक लाइन कोट की सब्यसाची ने. बाकी सब तो ठीक था, लेकिन उसके बाद जो लिखा उसमें रायता  फैला दिया.

पोस्ट ये रही.

 
 
 
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इसमें जो ऊपर लाइन है वो उपन्यास की है. इसमें हैविशाम कहती हैं,

"पीड़ा भी कितनी आनन्ददायक है, नहीं? एक टूटा हुआ दिल. तुम्हें लगता है तुम मर जाओगे. लेकिन तुम जीवित रहते हो. रोज़, हर रोज़, हर भयावह रोज.”

miss-havisham_750_070719052248.jpgबीबीसी ने इस नॉवल पर 2011 में एडेप्तटेशन बनाया था. स्वीर: ट्विटर

यहां तक तो ठीक था, लेकिन उसके बाद चरस बो दिया. कहा,

"अगर आप किसी महिला को ‘ओवरड्रेस्ड’ देखते हैं, खूब सारे मेकअप के साथ, गहनों से लदा हुआ, अधिकतर मामलों में इसका मतलब ये है कि वो घायल है. लहूलुहान है भीतर से. अपने गर्व और सम्मान को भींचे हुए. समय निकालकर उसे अपना बहुमूल्य साथ दो, उसे ठीक होने में मदद करो. इंसानी गर्माहट की जगह कोई चीज नहीं ले सकती. सबसे महंगे गहने भी नहीं". 

सब्यसाची को इन्टरनेट पर उनको फॉलो करने वालों ने ही आड़े हाथों लिया. सब्यसाची की इस स्टेटमेंट के साथ एक दिक्कत नहीं है. कई हैं. खुद ही देखिए:

  1. कोई भी महिला कितने कपड़े पहनती है, कैसे पहनती है, कितना मेकअप करती है, करती है या नहीं करती है, ये उसकी चॉइस है. उसकी मर्ज़ी है. इसको लेकर जज करने का किसी को कोई हक़ नहीं है. अपने मेकअप या कपड़ों की सीमा का निर्धारण करने वाली सिर्फ और सिर्फ वो औरत होगी जिसका शरीर उन्हें पहनेगा. किसी और का ओपिनियन मायने नहीं रखता. ओवरड्रेस्ड या ज्यादा मेकअप की डेफिनिशन कौन तय करेगा? एक रैंडम पुरुष, या फिर पहनने वाले की मर्ज़ी? 
  2. सब्यसाची एक सवर्ण पुरुष हैं. वो समाज में अपने आप एक प्रिविलेज वाले धड़े से आते हैं. किसी महिला के मन का संघर्ष या उसके भीतर की भावनाओं को समझने का अधिकार जता कर वो उनसे ही उनकी एजेंसी छीनने वाले होते कौन हैं? अंग्रेजी में इसे मैंनस्प्लेनिंग कहा गया है. यानी जिस बात पर कोई भी महिला आराम से बात करने या अपना ओपिनियन रखने के लिए क्वालीफाइड है, उस पर उसे ही लेक्चर देना सिर्फ इसलिए कि आप पुरुष हैं और आपको लगता है कि इस वजह से आप की अथॉरिटी ज्यादा है इस सब्जेक्ट पर. कैसे है? किसी पर जजमेंट पास करके उसे फैक्ट की तरह ट्रीट करने की ये कैसी कोशिश है?
  3. सब्यसाची की मॉडल्स और उनके कपड़े ओवर द टॉप होते हैं. रोजमर्रा के कपड़े नहीं होते ये. इनके मॉडल्स (मेल हों या फीमेल) हमेशा ऐसे सजे-धजे होते हैं जैसे अभी किसी पेंटिंग से निकल कर आ रहे हों. ये कैसी हिपोक्रिसी है सब्यसाची की कि एक तरफ वो जिस तरह का ब्रैंड क्रियेट करके लोगों को लुभा रहे हैं, उसी में दिखाई गई तस्वीरों के खिलाफ जजमेंट दे रहे हैं? इस हिसाब से सब्यसाची के कैट्लोग्स में जितनी मॉडल्स दिखती हैं सभी अन्दर से घायल और टूटी हुई हैं?

sabya-6_750_070719053122.jpgसब्यसाची के पुरुष मॉडल. ये भीतर से इतना टूट चुके हैं कि आंखों के आंसू छुपाने के लिए काले चश्मे का सहारा लेना पड़ रहा है इन्हें. तस्वीर : इन्स्टाग्राम

सब्यसाची कोई पहली बार विवादों में नहीं आए हैं. इससे पहले भी अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक कांफ्रेंस में उन्होंने कहा था’

“मुझे लगता है कि अगर आप मुझे बतायेंगी कि आपको साड़ी पहननी नहीं आती तो मैं कहूंगा आपको शर्म आनी चाहिए. ये आपकी संस्कृति का हिस्सा है, आपको इसके लिए खड़ा होना चाहिए”. ये बात पिछले साल की है. ज्यादा समय नहीं हुआ.

अभी जब बवाल मचा इनके इस इन्स्टाग्राम पोस्ट पर तो उन्होंने माफ़ी मांगी है. उन्होंने लिखा है,

“मैं उन सभी स्टेटमेंट्स का सम्मान करता हूं जो हमारी लेटेस्ट इन्स्टाग्राम प्रेजेंटेशन के बारे में दी गई हैं. हम आपको सुन रहे हैं, और भले ही ये एक प्रेम और समानुभूति के सन्देश के रूप में लिखा गया था, और बाहरी रूप के परे देखने की बात कहने की कोशिश कर रहा था, इसे ढंग से नहीं रखा जा सका. मैं समझता हूं कि ये सन्देश को ढंग से पहुंचा पाने में सफल नहीं हुआ. उसके लिए मैं दोष स्वीकार करता हूं और बिना शर्त माफ़ी मांगता हूं’.

sabya-3_750_070719053248.jpgलोगों के कमेंट्स ही काफी हैं ये बता देने के लिए कि उस मैसेज में कितना बड़ा झोल था. तस्वीर: इन्स्टाग्राम

माफ़ी मांग लेने से अगर सब कुछ ठीक हो जाता सब्यसाची जी, तो दुनिया बहुत पहले ही सुधर जाती.

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देखें वीडियो:

 

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