सबरीमाला में औरतें घुसीं तो बंद कर देंगे मंदिर: मुख्य पुजारी

कानून से ज्यादा यहां कर्मकांड चलता है.

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अक्टूबर 19, 2018
फोटो: ANI

आज सुबह सबरीमाला में अन्दर जाने की कोशिश में लगी पत्रकार कविता जक्कल और एक्टिविस्ट रेहाना फातिमा ने सबरीमाला मंदिर में घुसने का अपना फैसला पलट लिया. उन्होंने ये निश्चित किया कि वो और ऊपर नहीं जाएंगी क्योंकि प्रदर्शनकारी हिंसक हो रहे हैं. 

सबरीमाला मंदिर के पट 17 अक्टूबर की शाम से खुले थे, तब से महिलाएं अन्दर जाने की कोशिश में लगी हैं, लेकिन काफी ज्यादा भयानक प्रोटेस्ट चल रहा है वहां. अभी सबरीमाला के मुख्य पुजारी ने बयान दिया है कि अगर कोई भी औरत (10 से 50 साल की उम्र के बीच की ) सबरीमाला मंदिर की सीढ़ियां चढ़कर ऊपर आईं, तो वो पूजा नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि ‘मैं भक्तों के साथ हूं. उनसे धोखाधड़ी करके पूजा नहीं करवा सकता. इस उम्र की कोई स्त्री मंदिर में आएगी तो मंदिर में ताला बंद कर चाभी मैनेजमेंट को दे देंगे और चले जाएंगे. इस वक़्त सबरीमाला के मुख्य पुजारी कन्द्रारू राजीवारू हैं. 

वहां पर मौजूद आईजी श्रीजीत ने कोशिश की कि प्रदशंकारियों को समझा बुझा कर कविता और रेहाना को अन्दर जाने दें, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़ रेहाना फातिमा के घर पर भी हमला किया गया. जो प्रदर्शन कर रहे हैं उनके काफी हिंसक होने की आशंका जताई जा रही है. 

जब मुख्य पुजारी ने जाने की बात कह दी है तो अब मंदिर के खुले रहने पर ही बन आई है. सबरीमाला मंदिर जब भी खुला हो वहां पर तंत्री (सबरीमाला के पुजारियों को यही कहा जाता है) या उनके किसी रिप्रेजेंटेटिव का होना ज़रूरी है. सबरीमाला में कई पूजा विधान ऐसे भी हैं जिनको बिना तंत्रियों के नहीं किया जा सकता. जैसे कलश पूजा, पड़ी पूजा इत्यादि.

 

 

 

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