सबरीमाला में घुसने के लिए औरत को आधार दिखाना पड़ा

ललिता को काफी विरोध का सामना करना पड़ा मंदिर के अन्दर जाने में

केरल के सबरीमाला मंदिर में इस साल सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 50 साल की औरतों की एंट्री पर लगा बैन हटा दिया था. तब से दर्शन करने का समय 17 अक्टूबर से शुरू हो गया है. तब भी पट खुलने पर कोई भी महिला भक्त सबरीमाला मंदिर के अन्दर नहीं जा पाई है. जिन भी औरतों ने सबरीमाला के मंदिर तक जाने वाली 18 सीढ़ियों के आस पास भी आने की कोशिश की, उन्हें प्रदर्शनकारियों का सामना करना पड़ा.

सोमवार शाम को खुले मंदिर में एक दिन का ख़ास पूजा विधान होना था जिसे श्री चितिर अट्टाथिरूनल पूजा कहा जाता है. ये पूजा त्रावणकोर राजवंश के आखिरी राजा श्री चितिर तिरुनाल बालरामा वर्मा की याद में की जाती है.

sabari-750x500_110618043955.jpgसांकेतिक तस्वीर सबरीमाला मंदिर से. फोटो: सबरीमाला मंदिर फेसबुक पेज

इसी के लिए एक महिला सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए आ रही थी जिसे प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया. उसका नाम ललिता बताया गया है, और वो थ्रिसुर की रहने वाली है. उसने लोगों को बताया कि उसकी उम्र 50 साल से ज्यादा है, लेकिन कोई माना नहीं और उसे वहां से हटा दिया गया. पुलिस ने भी ललिता का समर्थन किया कि वो सही बोल रही है. बाद में ललिता ने अपना आधार कार्ड दिखाया. उसमें उसकी उम्र 52 साल साबित हुई. उसके बाद प्रदर्शनकारी ललिता को दर्शन कराने मंदिर तक ले गए.

ख़बरों में ये भी आया है कि आंध्र प्रदेश की 12 औरतों को भी रोका गया था दर्शन करने से लेकिन उनको जाने दिया गया जब ये साबित हो गया कि उनकी उम्र 50 साल से ज्यादा है. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयरन ने कहा है कि जो लोग भी शान्ति भंग कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई ज़रूर की जाएगी. इससे पहले भी सबरीमाला में रेहाना फातिमा नाम की एक्टिविस्ट ने जब घुसने की कोशिश की थी, उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा था. बाद में सोशल मीडिया पर उनको काफी ट्रोल भी किया गया. 

 

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