गुलाब को देखकर रोमांटिक होने वालो, इसका इतिहास जानोगे तो चकरा जाओगे

गुलाब के बारे में ये अतरंगी बातें आपने कभी नहीं सुनी होंगी.

सरवत फ़ातिमा सरवत फ़ातिमा
फरवरी 07, 2019
हैप्पी रोज़ डे! फ़ोटो कर्टसी: Pixabay

7 फ़रवरी. कहने को तो आज गुरुवार है. पर इससे किसी को क्या ही फर्क पड़ेगा! पते की बात ये कि आज के दिन मनाया जा रहा है रोज़ डे. यानी वो दिन जब लड़के-लड़कियां एक दूसरे को गुलाब देते हैं. किसी को भी नहीं, सिर्फ उनको जिन्हें वो पसंद करते हैं. यार पर गुलाब ही क्यों? इतने सारे फूल हैं मार्केट में. गेंदें के, मोगरे के, चंपा-चमेली के, और हां, कमल का फूल तो है ही. तो बाकी सारे फूलों को इतना इग्नोर क्यों किया जाता है? सिर्फ गुलाब को ही ये इज़्ज़त नसीब है. बन बैठा है अकेला प्यार की निशानी बनकर. वो इसलिए क्योंकि ये सिर्फ़ फूल नहीं है. अच्छी-खासी हिस्ट्री है इसके पीछे. वो भी मज़ेदार.

ये रहे कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स:

# पता है पहला गुलाब ज़मीन पर कब उगा था?

1. साढ़े तीन करोड़ साल पहले! यानी इंसानों के आने से काफी पहले से गुलाब धरती पर है. उड़ गए न तोते? एक रिसर्च के मुताबिक़ गुलाब का पहला पौधा 35 मिलियन साल पहले उगा था. और ये बात तो आप जानते ही होंगे कि इंसान इस ज़मीन पर लगभग दो लाख सालों से हैं. यानी गुलाब सिनियोरिटी में काफी तगड़ा है हमसे.

# सिर्फ चाउमीन ही नहीं, रोज़ गार्डन भी चायना की उपज़ है

गुलाबों का गुलदस्ता देखने में लगता बहुत ख़ूबसूरत है. और गुलाबों का बगीचा भी. किसी क्यारी से गुज़र जाओ तो तबियत हरी हो जाती है. गुलाब को बगीचों में उगाने का चलन शुरू हुआ था, आज से लगभग 5,000 साल पहले. पड़ोसी मुल्क चीन में.

# 'फूल आहिस्ता फेंको' गाना जीज़स के समय होना चाहिए था

क्यों? बताते हैं सरकार! एक समय काल था. जिसका नाम था रोमन पीरियड. ये शुरू हुआ था जीसस क्राइस्ट के पैदा होने से 27 साल पहले. और ये चला उनके मरने के 476 साल बाद तक. उस समय गुलाबों से परफ्यूम बनता था. दवाइयां बनती थीं. और सेलिब्रेशन के दिनों में लोग एक-दूसरे पर गुलाब के फूल फेंकते थे.

# गुलाब को देखकर रोमांटिक होने वालो, कभी सबसे बड़े लड़ैयों का प्रतीक था ये

मज़ेदार बात ये है कि गुलाब आज प्यार का सिंबल बना बैठा है. पर ये भाईसाहब 15वीं सदी में जंग का सिंबल थे. सही में. उस वक़्त जो तब के इंग्लैंड को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे थे, वो अपनी निशानी के लिए गुलाब का इस्तेमाल करते थे. एक गुट सफ़ेद गुलाब इस्तेमाल करता, तो दूसरा लाल. यानी उस वक़्त कोई किसी के हाथ में गुलाब देख ले, तो प्यार के इज़हार की जगह तलवार खींच लेने की संभावना ज़्यादा थी.

# 17वीं सदी का पेटीएम था गुलाब

17वीं सदी तक आते-आते, गुलाब की अहमियत और बढ़ गई. शाही लोग गुलाब और गुलाब के पानी को एक लीगल सील की तरह इस्तेमाल करने लगे. मतलब कोई शाही फ़ैसला लिया तो उसे पक्का करने के लिए गुलाब का इस्तेमाल करते थे. यही नहीं. पेमेंट करने के लिए भी गुलाबों का इस्तेमाल किया जाता था.

ये तो बात हुई गुलाब की हिस्ट्री की. अब आते है उसकी खेती पर.

वैसे हिंदुस्तान में तो कई रोज़ फार्म हैं. यहां अच्छी-ख़ासी तादाद में इनकी खेती होती है. बड़े ख़ूबसूरत, रंग-बिरंगे गुलाब. देख के मन करे, तोड़ लो. पर उसके लिए इन फार्म तक जाने की क्या ज़रूरत है. ये काम तो आप अपने बगीचे में भी कर सकते हैं. हां, बस तरीका वही खेती वाला ही होना चाहिए.

आइए आपको शॉर्ट में समझाते हैं कि गुलाबों के सुंदर बगीचे के लिए क्या करना चाहिए.

गुलाब को उगाते समय इन पांच चीज़ों का ध्यान ज़रूर रखें:

1. सबसे पहले तो कोई ऐसी जगह ढूंढिए, जहां छह से आठ घंटे धूप आती हो.

2. गुलाब को अच्छे से उगने के लिए एक ऐसी ज़मीन की ज़रूरत होती है जो कि पानी सोख सके. वो भी अच्छी मात्रा में. मिट्टी सख्त न हो, इसलिए खाद डालना ज़रूरी है.

1_020719050333.jpgखाद फूलों की सेहत के लिए अच्छी होती है. फ़ोटो कर्टसी: Pixabay

3. पहले साल में, गुलाबों को ढेर सारे पानी की ज़रूरत होती है. उस वक़्त उनकी जड़ें निकल रही होती हैं. गुलाबों को पानी देने का सही तरीका है ज़मीन पर पानी छिड़कना. अगर पानी जड़ों के पास जमा रहेगा तो जड़ें सड़ जाएंगीं.

4. जैसे शरीर को उगने के लिए पोषण की ज़रूरत होती है. ठीक वैसे ही गुलाबों के साथ होता है. इसलिए इनमें उर्वरक यानी फर्टिलाइज़र डालना ज़रूरी है. ख़ासतौर पर वो जिनमें नाईट्रोजन, पोटाशियम, और फॉस्फोरस होता है.

2_020719050425.jpgफूलों का वैसे ही ध्यान रखना चाहिए जैसे आपका शरीर. फ़ोटो कर्टसी: Pixabay

5. गुलाब के पेड़ को बीच से छांटना बहुत ज़रूरी है. ये हवा की सर्कुलेशन में मदद करता है. साथ ही फंगस की दिक्कत भी दूर करता है.

गुलाब को अच्छे से खिलने में समय तो लगता है. पर एक बार खिल जाए तो सारी मेहनत रंग लाती है. फिर क्या है! 'रोज़ डे' पर पांच रुपए का फूल पचास में बेचने वालों की ब्लैकमेलिंग पर लानत भेजिए और खुद के उगाए गुलाब को अपने प्यारों की खिदमत में पेश कीजिए. चाहे तो बैकग्राउंड में मुहम्मद अज़ीज़ साहब का गाना भी चला सकते हैं,

'फूल गुलाब का, लाखों में हज़ारों में, चेहरा जनाब का...'

पढ़िए: क्या होता है, जब एक लड़का और एक लड़की साथ रहने लगते हैं

 

लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे      

Copyright © 2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today. India Today Group