रानी मुख़र्जी: बॉलीवुड की 'खंडाला गर्ल' जिसने 'हीरोइन' होने के मायने बदल दिए
आमिर खान जब कारगिल गए तो जवानों ने एक ही सवाल पूछा था, 'रानी नहीं आईं?'
तनुजा. काजोल. देबश्री रॉय. शोभना समर्थ. शोमू मुख़र्जी. ये भारी-भरकम नाम अगर किसी व्यक्ति से जुड़े हों, तो उसका बॉलीवुड में आना कोई बड़ी बात नहीं लगती. बॉलीवुड की मुख़र्जी-समर्थ फैमिली लगभग 90 सालों से इंडस्ट्री से जुड़ी हुई है. लेकिन इसी परिवार में 21 मार्च 1978 को जन्मीं रानी मुख़र्जी का फिल्मों में आने का कोई प्लैन नहीं था. पर लाइफ जो है न बॉस, कब क्या करा दे मालूम नहीं.
काजोल 90s के दौर की सबसे सफल एक्ट्रेसेज में से एक मानी जाती हैं. जब उनका करियर बन रहा था और पॉपुलैरिटी मिल रही थी, उन्हीं के परिवार से एक और स्टार के आगाज़ की तैयारी चुपचाप चल रही थी. ये थीं रानी. निर्देशक और फिल्मालय स्टूडियोज के संस्थापकों में से एक, राम मुख़र्जी और प्लेबैक सिंगर कृष्णा मुख़र्जी की बेटी. काजोल की चचेरी बहन. स्कूल में पढ़ रही थीं, तभी इनके पास सलीम खान ‘आ गले लग जा’ का ऑफर लेकर आए थे. लेकिन मना कर दिया था रानी ने. पढ़ाकू थीं, शॉपिंग का शौक था. मां बताती हैं कि बचपन में स्कूल टेस्ट के लिए अगर वो तैयार नहीं होती थीं तो रोने लगती थीं. उसके बाद मां कृष्णा उन्हें समझातीं कि अगर रेडी नहीं हो तो मत जाओ टेस्ट देने. रानी पलट कर कहतीं, कैसी मां हो तुम, मुझे टेस्ट नहीं देने के लिए कह रही हो. उसके बाद जाकर एग्जाम में कमाल का परफॉर्म कर आतीं. बॉलीवुड जर्नलिस्ट को दिए गए इस इंटरव्यू में कृष्णा मुख़र्जी ने कई बातें बताईं.
मां कृष्णा कहतीं, बेटी रानी बिलकुल अपने पापा पर गई है.
‘मुझे एक फैमिली पार्टी याद है जहां काजोल ने डांस फ्लोर पर धूम मचा रखी थी. जैसे ही उसने रानी को देखा, उसने रानी को भी जॉइन करने के लिए कहा. लेकिन जब तक रानी ने कहना खा नहीं लिया, तब तक वो डांस फ्लोर पर नहीं गई. उसे हमेशा सही समय पर खाना होता था, और डिनर ख़त्म करने की डेडलाइन होती थी.’
ऐसी डिसिप्लिन वाली रही हैं रानी मुख़र्जी. उसके बाद जब 18 साल की हो गईं, तब ‘राजा की आएगी बारात’ से डेब्यू किया. इस फिल्म की स्टोरीलाइन उस समय के हिसाब से काफी कंट्रोवर्शियल थी. एक रेप विक्टिम का अपने रेपिस्ट से शादी करने का ख्याल सिनेमा के परदे पर उतारा जाएगा, ये किसी ने नहीं सोचा था. लेकिन फिल्म बनी, रानी ने डेब्यू किया. फिल्म पिट गई.
कॉलेज लौटीं, पढ़ाई पूरी करने. बीच में पिता की तबियत खराब रहने लगी थी. जुहू के अपने फ़्लैट से वो लोग यारी रोड शिफ्ट हो गए थे. इस वजह से भी फिल्में करना एक करियर आप्शन की तरह सामने रहा उनके. 1998 में आई ग़ुलाम. और उसी फिल्म ने उन्हें खंडाला गर्ल बना कर लोगों के दिलों में बसा दिया. उसी साल आई कुछ कुछ होता है. इस फिल्म में रानी का रोल बहुत छोटा सा था. इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि इस रोल का ऑफर लेकर करन जौहर आठ एक्ट्रेसेज के पास गए थे. सबने मना कर दिया था. बाद में आदित्य चोपड़ा और शाहरुख़ खान ने उनसे कहा था रानी को कास्ट करने के लिए. इन रोल्स ने रानी को पहचान ज़रूर दिलाई. लेकिन तारीफ मिलनी शुरू हुई साथिया (2002) से. इस फिल्म ने उनके लिए नए कैरेक्टर्स की लिमिट खोल दी. ब्लैक, चलते चलते, वीर ज़ारा, इन सभी से रानी खुद को प्रूव करती गईं.
अब इसके बाद वो दौर आया जब रानी को नंबर 1 कहा जाने लगा. आमिर खान ने रानी के लिए कहा था, ‘माधुरी और काजोल के बाद अगर किसी स्टार में वैसा दम है, तो वो रानी है’.
2000 के बाद रानी की असली स्टार अपील सामने आई
फिर आई ब्लैक. जिसने रानी को एक अलग ही लीग में खड़ा कर दिया. उसके बाद रानी ने कई फिल्मों में काम किया. पॉपुलैरिटी का ग्राफ ऊपर-नीचे होता रहा. कई फिल्में उन्होंने यशराज बैनर की कीं, जो अच्छी नहीं चलीं. इसके पीछे कई लोगों ने वजह बताई कि वो आदित्य चोपड़ा को डेट कर रही हैं इस वजह से यशराज बैनर की फिल्में कर रही हैं. अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर रानी ने कभी ज्यादा बात की नहीं. उनकी आदित्य के साथ रिलेशनशिप की बात भी शत्रुघ्न सिन्हा ने गलती से कन्फर्म कर दी थी. यश चोपड़ा के देहांत के बाद उनकी याद में एक इवेंट हुआ था. उसमें शत्रुघ्न सिन्हा ने चोपड़ा परिवार का नाम लेते हुए कहा था,
‘पामेला चोपड़ा, उदय, रानी,और दूसरे परिवार वाले... अभी मेरी पत्नी ने बताया कि मैंने आदित्य चोपड़ा का नाम मिस कर दिया. जब मैंने रानी चोपड़ा का नाम लिया तो ज़ाहिर सी बात है कि आदित्य का भी नाम ले लिया’.
बात है 2013 की. तब तक केवल कानाफूसियां चल रही थीं. कुछ पक्का नहीं कहा गया था मीडिया में भी. लेकिन अगले साल ही कन्फर्मेशन मिल गया. 2014 में शादी हुई. एक बेटी है, नाम है आदिरा. शादी के बाद रानी ने थोड़े समय का ब्रेक लिया. फिर वापस आईं मर्दानी फिल्म से. इसके बाद हिचकी नाम की फिल्म की जो टूरेट सिंड्रोम पर आधारित थी. इस फिल्म ने ना सिर्फ रानी को तारीफ़ दिलाई, बल्कि बॉक्स ऑफिस पर कमाई भी की.
रानी को लेकर बॉलीवुड ने पहले उत्साह नहीं दिखाया था, जिस तरह का डेब्यू आजकल के स्टार किड्स को मिलता है, वैसा तो कतई नहीं
रानी के पूरे करियर में जिस चीज़ ने उनको बाकी सभी से हटकर खड़ा किया, वो थी उनकी एक्सेसिबिलिटी.
रानी परदे पर उस सपने जैसी नहीं लगतीं जिसे छूना नामुमकिन हो. बोल्डनेस, और सेक्स अपील को एक ऐसी लड़की में देख पाना जो अपनी सी लगती हो, बेहद खुशनुमा अहसास था कईयों के लिए. रानी की ‘हस्की’ आवाज़ को पहले नकार दिया गया था. डबिंग करवा दी गई थी. लेकिन फिर रानी ने अपनी असली आवाज़ को अपना लिया, और वो उनकी पहचान बन गई. उनकी मादकता, आकर्षण का एक अटूट हिस्सा.
द गर्ल नेक्स्ट डोर, रानी.
चलते चलते कुछ छोटे मोटे फैक्ट्स. रानी ओडिसी नृत्य में क्लासिकल ट्रेनिग ले चुकी हैं. लम्बी और बेतुके टाइम पर शेड्यूल की हुई फ्लाइट्स लेने में उनको चिढ़ होती है. सुबह की चाय बेहद बेहद पसंद है. फिल्मों में नहीं आतीं तो शायद फैशन डिजाइनिंग कर रही होतीं.
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