राखी सावंत, ताला अंडरवियर पर नहीं आपके मुंह पर लगाने की ज़रूरत है

बड़े बॉलीवुड चैनल बॉयकॉट करने की जगह फुटेज दे रहे हैं राखी को

कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जिनको देखकर आप नाक भौं चढाते हैं. मज़ाक बनाते हैं उसका. फिर अपने रास्ते चले जाते हैं. थोड़े समय के लिए ये मजेदार बात लग सकती है. थोड़े समय के लिए शायद हम उसे एंटरटेन भी कर लें. जैसे रास्ते में धुन बजाता भोंपू. उसे देख कर आप रुकेंगे शायद, थोड़ा सा हंसेंगे, सिर हिलाएंगे और निकल जाएंगे. लेकिन वही भोंपू आपके सामने हर समय बजना शुरू हो जाए तो क्या करेंगे आप?

राखी सावंत का नाम सुना होगा आपने. नाचती अच्छा हैं. बोलने में डिपार्टमेंट कतई बेहाल है. मी टू मूवमेंट पर काफी समय से हल्ला बोला हुआ है. तनुश्री दत्ता को भला-बुरा कहा. नाना पाटेकर को डिफेंड किया. खैर वो उनकी पर्सनल चॉइस है. इसमें कोई कुछ कह भी नहीं सकता. लेकिन पिछले कुछ दिनों से उन्होंने जो गंद मचाई है, उस पर भी अगर किसी ने कोई एक्शन नहीं लिया तो शायद कई लोगों के गुनाहगार एक साथ बनने की नौबत आन पड़ेगी.

rakhi-4_750x500_110218033450.jpgराखी सावंत अपने आप में एक परिभाषा बन गई हैं. फोटो: ट्विटर

हमने राखी की कही गई बातों को कवरेज नहीं दी. सीधी सी बात है – हमें नहीं लगा कि उनके द्वारा की गई बकवास किसी कवरेज के लायक है. उसमें सब्सटेंस यानी कोई तत्त्व नहीं था. आप ये कह सकते हैं कि ये शायद बहुत एलीटिस्ट तरीका है. लेकिन ऐसा है नहीं. पिछले कुछ दिनों से राखी सावंत के विडियोज पर विडियोज आ रहे हैं. किसी में कभी कुछ बोलती हुई दिखाई देती हैं किसी में कभी कुछ.

इन विडियोज पर भी रिएक्शन देने की ज़रुरत नहीं पड़ती, अगर इन सभी विडियोज और प्रेस कांफ्रेंसेज में राखी के आगे रखे माइकों की संख्या इतनी ज्यादा नहीं होती तो. थोड़ा फ्लैशबैक दे दें, अगर आप उन लकी लोगों में से हैं जिन्होंने राखी के ये विडियोज नहीं देखे, तो आपको ज़रूरत पड़ेगी.

फ़टाफ़ट के पॉइंटर्स:

तनुश्री दत्ता ने हॉर्न ओके प्लीज फिल्म में एक गाना करने से मना कर दिया था क्योंकि वो नाना पाटेकर के साथ कम्फ़र्टेबल नहीं थीं. उन्होंने कहा नाना पाटेकर सेक्सुअली हैरेस कर रहे हैं उन्हें. उन्होंने वो गाना छोड़ दिया. बहुत छीछालेदर हुई उनकी. उनकी गाड़ी पर हमला हुआ. CINTAA को की गई शिकायत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला. उनके बाद उस गाने में राखी सावंत को लिया गया. ये बात यहां ख़त्म हुई.

rakhi_750x500_110218041913.jpgराखी सावंत पहली बार कंट्रोवर्सी में नहीं आई हैं. फोटो: ट्विटर

दस साल बाद एक इंटरव्यू में तनुश्री ने ये बात मेंशन की कि किस तरह नाना पाटेकर के मसले पर उन्होंने बोला भी फिर भी कुछ नहीं हुआ. तो कैसे कोई मी टू मूवमेंट के सफल होने पर बात कर सकता है. तनुश्री के इस बयान ने बॉलीवुड के भीतर फ़ैल रही सड़ांध को एक आउटलेट दे दिया. जो बोल नहीं पा रही थीं उनको एक प्लेटफ़ॉर्म दे दिया. वहां से बात शुरू हुई, और जो हॉलीवुड में शुरू हुई मुहिम थी उसने तकरीबन एक साल बाद बॉलीवुड में ऐसी रफ़्तार पकड़ी कि बाकी के फील्ड भी इसके चपेटे में आ गए. कॉर्पोरेट जगत से लेकर जर्नलिज्म तक- सभी मूर्तियां बेनकाब हुईं. 

सब ताज उछाले जाएंगे, सब तख़्त गिराए जाएंगे.

इसके बाद आईं राखी सावंत. तनुश्री पर हमला बोला. मोटी भैंस कहा. कहा कि वो ड्रग्स करती है. वो लेस्बियन है. इस वजह से तनुश्री ने अपना सिर गंजा कर लिया था. राखी ने कहा कि लड़कियां खुद ‘देती’ हैं. नाना पाटेकर को डिफेंड करते हुए वही पुराना राग अलापा जो सलमान खान के फैन्स से लेकर केविन स्पेसी तक के फैन्स इस्तेमाल करते हुए देखे गए हैं, ‘कितना अच्छा काम करते, कितनी समाज सेवा करते. ये सब थोड़ी करेंगे’.

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अब जैसा कि देखा जा सकता है कि ना तो तनुश्री के मामले से राखी का कोई निजी तौर पर लेना देना था, ना ही तनुश्री दत्ता पर पर्सनल कमेन्ट जारी करने की कोई ज़रूरत. लेकिन राखी ने ऐसा किया. तनुश्री ने डिफेमेशन का केस ठोकने की बात कही. राखी ने तनुश्री पर रेप का इल्जाम लगा दिया.

साड़ी लपेट कर प्रेस कांफ्रेंस करने आईं. हम वो विडियो नहीं दिखाएंगे. हम राखी सावंत को फुटेज नहीं देंगे. जितनी मिलनी चाहिए थी उससे कहीं ज्यादा फुटेज खा चुकी हैं. लब्बोलुआब ये है कि सेक्सुअल हैरेसमेंट से लेकर रेप तक जैसी गंभीर बातों का राखी ने मज़ाक उड़ाया. सब देखते रहे. राखी ने रेप-रेप चिल्लाकर अपना चेहरा साड़ी से छुपाया, और चेहरा चमका कर बोल दिया, ‘तनुश्री दत्ता ने मुझ अबला का तबला बजाया है’.

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माइक और आगे सरक आए.

राखी ने कहा कि तनुश्री दत्ता अन्दर से लड़का है. शरीर औरतों का है, ख्वाहिशें मर्दों वाली हैं.

एक लीडिंग बॉलीवुड पोर्टल ने राखी को बुलाकर अपने साथ एक घंटे का इंटरव्यू किया.

राखी ने अपनी कमर पर चेन और अंडरवियर पर ताला लगाया, और कहा इससे लड़कियों की ‘इज्जत’ बचेगी.

कई मीडिया पोर्टलों ने उस विडियो को एम्बेड किया और चलाया. लोगों ने देखा.

मी टू मूवमेंट ने सत्ता में बैठे पावरफुल मर्दों को उनकी जगह से उखाड़ फेंकने की हिम्मत दी है उनके विक्टिम्स को. दुनिया के एक छोर से दूसरे छोर तक अगर लोगों को बांधने वाली कोई चीज़ है तो वो है उनका एक ही तरह के दमन से जूझना. उस अत्याचार से निकली सिसकारी की आवाज़ हर जगह, हर भाषा में एक थी. उसने हर जगह की औरतों को एक हिम्मत के सिलसिले में खींच कर खड़ा कर दिया. राखी सिर्फ एक मूवमेंट का मजाक उड़ाने तक सीमित नहीं रह गई हैं. मेरी सहेली से इस बाबत मेरी बात हो रही थी. उसने एक बेहद सधी हुई बात कही. कहा कि इस मूवमेंट ने हजारों नहीं, लाखों नहीं, करोड़ों औरतों को हौसला दिया है. एक अटेंशन की भूखी औरत इसे मार नहीं सकती. इसे इसकी जगह से हिला नहीं सकती.

लेकिन जो काम वो कर रही है, वो इस मूवमेंट से बाहर भी बहुत डैमेज कर रहा है. यही काम अगर एक मर्द ने किया होता, क्या लगता है वो इससे बचकर निकल जाता? राखी ने जिस तरह के आरोप लगाए हैं, जिस तरह की बातें कहीं हैं, जिस तरह से भावनाओं को ठेस पहुंचाया है और गलीज हरकतें की हैं, उस तरह यदि कोई मर्द व्यवहार करता तो उसके सिर पर बाल नहीं बचते. फिर राखी को क्यों छोड़ा जा रहा है? सिर्फ इसलिए कि वो एक औरत हैं? क्या औरत होने की वजह से राखी सावंत को किसी भी तरह की बकवास करने की छूट मिल जाती है? अगर ऐसा है तो हम एक बेहद खतरनाक ट्रेंड की ओर बढ़ रहे हैं जहां कोई भी अच्छा काम सिर्फ इसलिए नहीं किया जाएगा क्योंकि कुछ बेशऊर, बेलिहाज,नालायक लोग उसकी तबाही मचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.

rakhi-lock_110218042224.jpgराखी की जगह ये सब कुछ अगर एक मर्द ने किया होता तो रिएक्शन कैसा होता?

आप कहेंगे, छोड़ो जाने दो, वो बेवकूफी कर रही है तो उसे करने दो. अजी क्यों छोड़ दें? क्यों इग्नोर करें? इग्नोर करने से ट्यूमर कैंसर बन जाता है. आज राखी कमर पर ताला और चेन लगाकर नाचते हुए कह रही है कि लड़कियों गोदरेज का ताला लगाकर इज्जत बचाओ अपनी. क्या लड़कियों की इज्जत सिर्फ उनकी वजाइना में होती है? उसपर चेन और ताला लगाने से कोई मर्द रेप नहीं कर पाएगा? क्या योनि में किसी का लिंग जाएगा तभी किसी लड़की को अनकम्फ़र्टेबल होना चाहिए? उसे तभी ना कहनी चाहिए? सोच कर देखिए. राखी का विडियो कोई ऐसी लड़की देखे जिसने अपनी जिन्दगी में रेप का ट्रॉमा झेल रखा हो. जिसकी रातें जागकर गुजरी हों क्योंकि उससे बर्दाश्त नहीं होता कि किसी और ने उसकी मर्जी के खिलाफ़ उसके शरीर को हाथ लगाया. वो रोज खुद को दोष देती हुई शायद जी रही हो. वो शायद खुद को उस ट्रॉमा से निकाल कर खुद को समझाने की कोशिश कर रही हो कि गलती उसकी नहीं है. उसके सामने इस फूहड़ नाचती हुई महिला का विडियो आए जो तमंचे पे डिस्को गाने पर कूल्हे मटकाते हुए कह रही हो ताला पहनो, रेप से बचो. सोचिए क्या गुजरेगी उस पर. अगर सोच कर आपका खून नहीं खौल रहा तो अपने परिवार की किसी महिला का चेहरा वहां रख कर देखिए. शायद तब आपको गुस्सा आए.    

राखी सावंत ने तो कह दिया मुंह बिचका कर कि तनुश्री दत्ता लेस्बियन है. इसे एक नीचा दिखाने वाले शब्द की तरह इस्तेमाल कर के राखी सावंत क्या दिखाना चाहती हैं? कि लेस्बियन होना एक गंदी चीज है? राखी ने चिल्लाकर कहा कि हाथ खाना खाने के लिए, नहाने के लिए होते हैं उन्हीं हाथों से तनुश्री दत्ता ने पता नहीं क्या-क्या किया. क्या एक हेटेरोसेक्सुअल इंटरकोर्स में हाथों का इस्तेमाल नहीं होता?  तनुश्री पर आरोप लगाने की भी सोची तो ऐसे आरोप जिनका कोई सर पैर नहीं है.

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राखी ने कहा कि 12 साल पहले तनुश्री ने मेरा रेप किया. अब इसलिए बोला क्योंकि सभी अब बोल रही हैं. सब ने देखा कि तनुश्री ने राखी पर जब डिफेमेशन का केस किया तब राखी आपे से बाहर हुईं. उसके बाद के अपने एक विडियो में राखी ने ये कहा भी कि अब वो 50 करोड़ का डिफेमेशन केस करेंगी. उसके बाद साड़ी पहन कर ये तनुश्री दत्ता पर रेप का आरोप लगाने वाली प्रेस कांफ्रेंस की.

राखी की हिस्ट्री नौटंकी मचाने और उसके आधार पर टीआरपी खाने की रही है, ये पॉपुलर ओपिनियन रहा है क्योंकि काफी ऑब्वियस सी बात है. प्रत्यूषा बैनर्जी ने जब आत्महत्या की थी, तब ये पहुंची थीं, टेबल फैन लेकर. प्रेस कांफ्रेंस करने. कहा सरकार सीलिंग फैन्स बैन कर दे क्योंकि प्रत्यूषा ने पंखे से लटक कर जान दी थी. कहा हर घर से सीलिंग फैन हटाओ और टेबल फैन लगाओ. पीछे लौट आओ प्रत्यूषा का बड़ा सा बैनर लगा रखा था. इस नौटंकी को भी कवरेज मिली. राखी को पब्लिसिटी. होना कुछ नहीं था. आत्महत्या का मजाक बन कर रह गया बस.

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दिक्कत लोगों को राखी सावंत से होनी चाहिए. स्क्रीन पर उलटी जा रही बकवास से होनी चाहिए. मगर इससे भी ज्यादा उन मीडिया हाउसेज से होनी चाहिए जो एक अटेंशन सीकर को एयर टाइम दे रहे हैं. स्क्रीन टाइम दे रहे हैं. कमाल आर खान भी इसी कैटेगरी के इंसान हैं. उनको तो कोई बुलाकर इंटरव्यू नहीं करता. क्यों? क्योंकि सेंसेशनलिज्म नहीं है न केआरके को बुलाने में. वो ये नहीं कहेगा कि उसे बूब्स डोनेट करने हैं. वो ये नहीं कहेगा कि उसका रेप हुआ है. इसलिए कोई मसाला नहीं होगा उसमें. राखी सेंसेशनलिज्म दे सकती हैं, तो उनको एयर टाइम मिलेगा. दिक्कत CINTAA से होनी चाहिए कि अगर राखी सावंत की जगह किसी मर्द ने ऐसी बातें की होतीं तो अब तक वो एक्शन ले चुके होते. राखी को क्यों छोड़ रखा है? उन पर भी एक्शन लिया जाना चाहिए. इंडस्ट्री को ही नहीं, उससे जुड़े आस-पास के लोग और दर्शकों को भी अपने साथ पीछे घसीट रही है ये औरत और आप चुपचाप देख रहे हैं?

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अगर हिपोक्रिसी इतनी ही प्यारी है तो अब से पहले तक क्या ही बुरा था. सब कुछ तो चल ही  रहा था. आखिर तनुश्री की कम्प्लेंट भी नज़रंदाज़ कर के ठंडे बस्ते में डाल ही दी गई थी. अगर मीडिया का बवाल नहीं मचता तो उसे भी नहीं निकाला जाता. आज तक भी तनुश्री ने कहा कि CINTAA की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया है उनकी कम्प्लेंट पर. क्या फर्क हुआ फिर तब की CINTAA में  और आज की CINTAA में? अगर अपनी इंडस्ट्री में फ़ैल रही इस तरह की गंद को नहीं रोकना, तो खुद को प्रोग्रेसिव कहने का कोई हक नहीं है. मुखौटा उतार कर साइड में रख दें, वही बेहतर होगा. कम से कम किसी को गफलत तो नहीं होगी.  

 

 

 

 

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