हाईकोर्ट का अजीब फैसला: पति को पत्नी के लिए हर महीने देने होंगे तीन जोड़ी सलवार-सूट
इसके अलावा चावल, दाल, चीनी, दूध, और घी भी.
(इस खबर को हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहे अनुराग अनिमेष ने लिखा है)
हमने पिछले दिनों ऋचा भारती के केस में देखा कि किस तरह कोर्ट अजीबोगरीब फैसले सुना सकता है. ऋचा को धर्म-विशेष के खिलाफ टिप्पणी पर 5 कुरान बांटने के लिए कहा गया था. ऐसा ही एक आश्चर्यजनक फैसला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने दिया है.
कोर्ट ने एक तलाक के केस में पति को हर्जाने के तौर पर अपनी पत्नी को घरेलू सामान देने को कहा है. जैसे कि चावल, दाल, चीनी, दूध, घी और कपड़े भी.
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क्या है मामला
पंजाब के रहने वाले एक आदमी का तलाक होना था. तलाक का केस कोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने उस आदमी को हर्जाने के एवज में हर महीने अपनी पत्नी को कुछ पैसे देने को कहा. कानून के हिसाब से पति को तलाक के बाद पत्नी को गुजारा भत्ता देना होता है.
लेकिन पति ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, 'मेरे पास नौकरी नहीं है. मैं बेरोजगार हूं. मैं पैसे नहीं दे सकता. लेकिन रोजमर्रा के घरेलू सामान मैं जरूर दे सकता हूं. जैसे कि चावल, चीनी, दूध, दही आदि. उसकी दलील को मानते हुए कोर्ट ने आदेश दिया कि वह पत्नी को हर महीने 5 किलो दाल, 20 किलो चावल, 5 किलो चीनी, 15 किलो गेहूं, दूध, घी आदि देगा. साथ में यह भी कहा कि उसे अपनी पत्नी को हर महीने तीन जोड़ी सलवार सूट भी देने होंगे.
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि तलाक होने के बाद से लेकर अब तक जितना भी समय गुजरा है उसकी भारपाई भी करनी होगी. कोर्ट ने कहा कि उसकी पिछली नौकरी की सारी जानकारी अगली तारीख पर कोर्ट को उसे देनी होगी ताकि उसके आधार पर कोर्ट आगे की कार्रवाई कर सके.
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