नए पिता बने हैं या बनने वाले हैं तो ये बातें 2 के पहाड़े की तरह रट लीजिए
बच्चा आपका भी है, इसलिए आधी ज़िम्मेदारी आपको उठानी है.
वो कहते हैं न, एक मां उस दिन मां बनती है जिस दिन वो प्रेगनेंट हो जाती है. पर एक बाप उस दिन बाप बनता है जिस दिन उसका बच्चा पैदा होता है. मां अपने पेट में बच्चे को 9 महीने पालती है. इसलिए बाप कई चीज़ों के लिए तैयार नहीं होता. बच्चे के साथ-साथ मां को मिलती है नसीहतों की एक लंबी लिस्ट. उसे क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए. रिश्तेदारों के पास तो सुझावों की पूरी पोटली होती है. पर पिता के केस में ऐसा नहीं होता.
आप परेशान मत होइए. हम हैं न. हमने बात की कुछ एक्सपर्ट्स से. डॉक्टर अंशुल बेदी एक मनोचिकित्सक हैं. मुंबई में उनकी लाइफ़केयर नाम की क्लिनिक है. साथ ही हमने वंदना शर्मा से भी बात की. वो फ़ोर्टिस हॉस्पिटल मुंबई में स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं. दोनों नए-नए बने पिताओं के लिए कुछ ज़रूरी टिप्स दीं:
1. एक औरत के लिए मां बनना बड़ी ज़िम्मेदारी का काम होता है. बच्चे के साथ-साथ उसका भी स्वस्थ होना ज़रूरी है. इसके लिए उसे ख़ुद को समय देना होगा. इसमें उसके पार्टनर को उकसी ख़ूब मदद करनी होगी. ज़िम्मेदारी दोनों की है. इसलिए बच्चे की देखभाल का पूरा बोझ पत्नी पर नहीं होना चाहिए. और ये रात में जागने पर भी लागू होता है.
2. बहुत सारे आदमी बच्चा पैदा होने के बाद उससे इमोशनली उतना नहीं जुड़ पाते, जितनी एक मां. अगर आप भी उनमें से एक हैं तो परेशान मत होइए. ये एकदम नॉर्मल है. आपको अपने बच्चे से लगाव तो है ही. बस वो इमोशन महसूस करने में आपको थोड़ा समय लगेगा. इसके लिए ज़रूरी है कि आप अपना ज्यादा से ज्यादा समय बच्चे के साथ बिताइए.
(फ़ोटो कर्टसी: Pixabay)
3. ज़्यादातर बच्चे रात में उठ जाते हैं. रोते हैं. उनको चुप करवाने के लिए आप और आपके पार्टनर को उठना पड़ता है. पर हर दिन रातभर जागना आपकी सेहत खराब कर सकता है. तो क्या करें? जब भी आपका बच्चा सोए, आप भी सो जाइए. इससे आपको भी रेस्ट मिलेगा.
4. अगर बच्चा पैदा होने के बाद आपका मूड थोड़ा खराब रहता है, तो इसका मतलब ये नहीं कि आप एक अच्छे बाप नहीं हैं. हॉर्मोन्स जितना एक औरत को कंट्रोल करते हैं, उतना एक आदमी को भी. इसलिए अगर आप जल्दी चिढ़ने लगे हैं, या गुस्सा आने लगा है तो हो सकता है ये हॉर्मोन्स की वजह से हो.
5. उन और लोगों से बात करिए जो नए पिता बने हैं. उनसे उनका एक्सपीरियंस जानने की कोशिश करिए. उनसे टिप्स लीजिए. इस तरह का सपोर्ट आपके और आपके बच्चे, दोनों के लिए अच्छा रहेगा.
6. कुछ नए पिताओं के लिए अपने बच्चे को गोद में पकड़ना एक डरावना एक्सपीरियंस होता है. वो इसलिए क्योंकि आदमी ख़ुद डरे हुए होते हैं. कहीं बच्चे को गिरा न दें. उसे चोट न पहुंचा दें. पर डरने की ज़रुरत नहीं है. धीरे-धीरे आपको आदत पड़ जाएगी. बस अपना सीधा हाथ बच्चे के सर के नीचे रखिए.
(फ़ोटो कर्टसी: Pixabay)
7. एक चीज़ जिसकी आपको आदत डालनी पड़ेगी वो है डायपर बदलने की. दिन में कई बार. उससे भागना छोड़िए और बच्चे का डायपर बदलने में अपनी पत्नी का साथ दीजिए.
8. सबसे ज़रूरी बात. आपके पार्टनर और बच्चे को इस समय आपकी सबसे ज्यादा ज़रुरत होती है. इसलिए आपको अपना ध्यान रखना होगा. दिन में उतना ही काम लीजिए जितना आप आराम से कर पाएं. ऑफिस का स्ट्रेस घर मत लाइए.
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