क्या हुआ, जब 5 लड़कियां मिलकर एक लड़के की इज्जत लूटने आईं?
प्रोमो की एंडिंग ज़रूर देखें.
चलिए एक सीन की कल्पना करते हैं.
आधी रात का समय है. सुनसान सड़क पर एक लड़का फटफटाती हुई बुलेट चलाते हुए कहीं जा रहा है. रास्ते में ताश खेलती हुई कुछ महिला पुलिस ऑफिसर उसे पलटकर दो बार देखती हैं. वह थोड़ा आगे बढ़ता ही है कि पीछे से आवाज़ आती है, ओ हीरो!
लड़का घबरा जाता है. लेकिन पीछे मुड़कर देखने की उसकी हिम्मत नहीं होती. इतने में उसके दोनों तरफ़ दो स्कूटियों पर सवार चार लड़कियां आ जाती हैं.
लड़कियां उसे देखकर सीटी बजाती हैं, फ्लाइंग किस देती हैं, ओवरटेक करने की कोशिश करती हैं और फिर गाना गाती हैं,
'किथ्थे चला ओ गोभी दा फूल बन के...
अब रुकिए. अपनी कल्पना को थोड़ा विराम दीजिए. ताकि हम आपको बता सकें कि ऐसे सीन की कल्पना करने को हमने आपसे कहा ही क्यों. इसका कारण है ‘एंड पिक्चर्स’ नाम के एक चैनल पर आ रहा एक नया सीरियल. सीरियल जिसका नाम है 'लक्ष्मणरेखा'. विचारों से बनी, इरादों से मिटी. यह इसकी टैगलाइन है.
सीरियल का कॉन्सेप्ट बिल्कुल अलग है. अलग क्योंकि आखिरकार हमारी डेली-सोप इंडस्ट्री, सास-बहू, नाग-नागिन, ससुराल-मायका से हटकर कुछ रिफ्रेशिंग सा करने जा रही है. प्रोमो देखकर तो फिलहाल यही लगता है. आगे का पता नहीं. ख़ैर, जिस सीन की ऊपर चर्चा की गई है, यह इसी सीरियल के प्रोमो का है. जिसमें चार लड़कियां एक लड़के को मिलकर छेड़ने की कोशिश करती हैं. जी, प्रोमो में लड़कियां ही लड़के को छेड़ रही हैं. अब मज़े की बात ये है कि लड़के को उन लड़कियों से बचाने वाली भी एक लड़की ही है. जो कि देखने से लड़के की बहन लगती है. बहन अपने भाई की रक्षा का कर्तव्य निभाने के साथ ही सही-गलत का लेक्चर भी देती है.
7 बजे के बाद बाहर क्यों निकलते हो? अकेले क्यों जाते हो? किसी लड़की को साथ लेकर क्यों नहीं जाते? जिंस-टीशर्ट पहनकर बाहर क्यों निकले? ठीक वैसे ही जैसे रियल जिंदगी में हमारे भाई कहते हैं. सीरियल की यही ख़ूबी है. ख़ूबी इसीलिए नहीं क्योंकि यहां एक लड़की किसी लड़के को छेड़ रही है. ख़ूबी है प्रोमो की एंडिंग में. जब लड़का पूछता है,
बहुत हंसी आ रही है न ये सब देखकर? पर असल ज़िंदगी में हमारी मां, बहन , बेटियों की यही हक़ीकत है. कभी सोचा है इस बारे में?
आप भी देखिए सीरियल के इस प्रोमो को.
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