किसी मां को ये बदकिस्मती ना झेलनी पड़े, जो इस मां ने झेली
अस्पतालों में धक्के खाती रही, हाड़तोड़ सर्दी में सड़क किनारे बच्चे को जन्म दिया
श्रीनगर में इस वक़्त भारी ठण्ड पड़ रही है. ऐसे में वहां के मशहूर हॉस्पिटल लाल देद में एक प्रेग्नेंट औरत पहुंची. उसे लेबर पेन हो रहे थे. हालत खराब थी. डॉक्टर्स ने उसकी जांच की. अंडर ऑब्जरवेशन रखा. लेकिन फिर उसे एडमिट नहीं किया.
परिवार वाले मरते क्या न करते. बाहर आ गए. औरत ने बच्चे को सड़क किनारे जन्म दिया. बच्चे की मौत हो गई.
दैनिक जागरण में छपी खबर के अनुसार मूरी की सुरैया बेगम को गुरुवार को लेबर पेन शुरू हुए. मूरी ऐसी जगह है जहां इस वक़्त कई फीट मोटी बर्फ गिरी हुई है. वैसे भी वहां आना जाना मुश्किल हो रखा है. सुरैया को लोकल अस्पताल ले कर गए घर वाले. कलारूस में. वहां से कुपवाड़ा भेज दिया गया . जिला अस्पताल है. डॉक्टरों ने देखा हालत सीरियस है. श्रीनगर रेफर कर दिया. वहां का लाल देद अस्पताल मैटरनिटी केसेज के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. वहीं ले गए सुरैया को. डॉक्टर्स ने जांच की, लेकिन एडमिट नहीं किया. ऐसे में परिवार वालों को मजबूरन सुरैया को बाहर ले जाना पड़ा. इतनी ठण्ड में बच्चे को खुले में जन्म देने की वजह से बच्चा बच नहीं सका. उसकी मौत हो गई.
सांकेतिक तस्वीर: birth india
अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं. किसी भी दूर के इलाके के मरीज को वापस ना भेजा जाए. ख़ास तौर पर जब अंधेरा हो. फिर भी ऐसा हुआ, तो अब इस मामले को लेकर जांच समिति बनाई गई है.
महबूबा मुफ़्ती ने ट्वीट किया इस मामले पर. इस बात की तरफ भी ध्यान खींचा कि संत लालदेद (ललद्यद या लल्लेश्वरी) के नाम पर बने हॉस्पिटल में ऐसा होना कितना दुखद है. संत लाल देद कश्मीर की मशहूर संत थीं. कश्मीरी भाषा में ‘वख’ लिखती थीं. लाल वख के नाम से उनका रचा हुआ साहित्य मशहूर है.
Heart wrenching that a pregnant woman was turned away from a hospital which ironically is named after the great Kashmiri mystic saint Lal Ded . She later gave birth to a still born in frigid temperatures. Cannot even begin to fathom the pain & trauma the parents must feel. https://t.co/NizgjW46W4
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) January 19, 2019
कश्मीर में प्रेग्नेंट औरतों के ऊपर आने वाले मुसीबतें भी कम नहीं हैं. ये उन कई मामलों में से एक मामला है जो सामने आया. 2016 में बुरहान वानी का एनकाउंटर हुआ था. तब कर्फ्यू लग गया था घाटी में. उस समय भी प्रेग्नेंट औरतों को नसीहत दी गई थी कि अस्पतालों के पास घर खोजें.
सांकेतिक तस्वीर:AP
उस समय भी खबर आई थी एक. जिसके बाद से इस पर ध्यान गया था लोगों का. एक प्रेग्नेंट औरत को डिलिवरी के लिए उसके घरवाले बाइक पर लेकर जा रहे थे. सिक्यूरिटी गार्ड ने रोक लिया था. बहुत हाथ पैर जोड़ने के बाद जाने दिया. तब तक औरत का बच्चा पेट में ही मर गया था.
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