पीजी-हॉस्टल में कमरा लेने के पहले जांचें ये 8 चीजें, वरना इन लड़कियों सा हाल हो सकता है

दिल्ली के जनकपुरी में एक गर्ल्स हॉस्टल में हुआ डराने वाला वाकया.

वेस्ट दिल्ली में जनकपुरी नाम का इलाका है. यहां के एक कावेरी नाम का गर्ल्स हॉस्टल है. इसमें आग लग गई. मामला हाल का ही है. अभी एक हफ्ते पहले सूरत के एक कोचिंग सेंटर में आग लग गई थी. वहां का वीडियो वायरल हो गया था. बच्चे छलांग लगा रहे थे अपनी जान बचाने के लिए. क्योंकि फायर ब्रिगेड के पास उतनी ऊंची सीढ़ी नहीं थी.

कुछ बच्चे बच गए. कुछ नहीं बच पाए. खबर बन कर रह गई. कुछ दिन टीवी पर चली. फिर लोग भूल गए.

surat-fire_750_053119083845.jpgतस्वीर: ट्विटर

अभी इस पीजी में लगी आग में पांच लड़कियां हॉस्पिटल ले जाई गईं.

आग रात के तीन बजे लगी. ग्राउंड फ्लोर पर मीटर लगा हुआ था. जांच हुई तो ये पता चला कि सर्किट के ओवरलोड होने की वजह से आग शुरू हुई. ग्राउंड फ्लोर और बेसमेंट में आग फैली, तो सिक्यूरिटी गार्ड ने देख कर शोर मचाया. वहां हॉस्टल में मौजूद एक लड़की ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया कि वो लोग भाग कर बालकनी में गई थीं क्योंकि सीढ़ियों पर धुआं भर गया था और बिल्डिंग का मेन गेट जाम था. लोगों ने उसे तोड़ने की भी कोशिश की.

मामला ज्यादा सीरियस नहीं हुआ. जान नहीं गई कोई. जिन लड़कियों को हॉस्पिटल भेजा गया था, वो ठीक होकर घर आ गईं.

कॉलेजों में एडमिशन शुरू हो गए हैं. अपने-अपने घर से दूर जाकर पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट अपने लिए पीजी और हॉस्टल ढूंढ रहे हैं. सरकारी कॉलेज हों या प्राइवेट, सभी में कैम्पस का हॉस्टल मिलना मुश्किल होता है. क्योंकि सीटें इतनी नहीं होतीं कि सभी को एडजस्ट किया जा सके. और भी कई कारण हैं.

hostel-iimc_750_053119083928.jpgसरकारी हॉस्टल की एक सांकेतिक तस्वीर. तस्वीर: IIMC साईट

इस वजह से प्राइवेट पीजी और हॉस्टल चलाने वालों की चांदी हो जाती है. उदाहरण ले लीजिए. बेहतर समझने के लिए. मुख़र्जी नगर के आस-पास के इलाकों में दड़बों की तरह कमरे बांट देते हैं. एक कमरे में तीन से चार लोग रहते हैं. पीजी की सुविधा के नाम पर उन्हें चार चटाई या गद्दे दे दिए जाते हैं. एक गैस का सिलिंडर. पांच किलो वाला. ‘लक्जरी पीजी’ हुआ तो शायद पेडस्टल फैन मिल जाए कमरे में एक-एक. दो टाइम का खाना भी.

जो गर्ल्स हॉस्टल चलते हैं, वो अपने आप को इस गांव के जयकांत शिकरे से कम नहीं समझते. कहीं भी चले जाइए. ‘सेफ्टी’ के नाम पर पेरेंट्स को डरा धमका कर अपना उल्लू सीधा करने वाले पीजी/हॉस्टल गर्ल्स को अक्सर टार्गेट करते हैं. लेकिन अक्सर इनके पास दिखावे की कुछ फैंसी चीज़ों के अलावा कुछ नहीं होता.

pg-rep-image_750_053119083953.jpgसांकेतिक तस्वीर: ट्विटर

अगर आप भी पीजी या हॉस्टल में रहने जा रहे हैं या रही हैं, तो कुछ बातों का ख्याल ज़रूर रखना चाहिए आपको.

  1. सबसे पहली बात तो जहां रहने जा रही हैं, वहां की सिक्यूरिटी असल में कैसी है इसकी जानकारी ले लीजिए. गार्ड के पास ट्रेनिंग है या नहीं. अगर बड़ा हॉस्टल है तो सभी रास्ते गार्डेड हैं या नहीं.
  2. बिल्डिंग जहां है, वहां पर बाहर निकलने के रास्ते कैसे हैं. आग लगने या भूकंप आने की स्थिति में क्या बंदोबस्त है. फायर एक्स्टिंगुशर (आग बुझाने वाला यंत्र/अग्निशमन यंत्र) सही जगह पर लगे हैं या नहीं.
  3. आस-पास मार्केट है या नहीं. पास नहीं है तो कितनी दूर है. वहां से आपका कॉलेज कितनी दूर है. अगर रात बिरात कहीं निकलना पड़े या कहीं से आना पड़े, तो साधन मिल जाएंगे या नहीं.
  4. सिर्फ पीजी में गार्ड हैं या आस-पास की लोकैलिटी में भी गार्ड का इंतजाम है. ये ज़रूर चेक करें. सबसे नजदीकी पुलिस थाने और चौकी की जानकारी जुटा लें.
  5. रूम कितने लोगों के साथ शेयर करना है. खाने का क्या सीन है. बिजली के लिए आपका अलग मीटर लगेगा, या कॉमन मीटर होगा. ये सभी बातें पहले पूछ लें. बाद में इन्हीं छोटी-छोटी चीज़ों पर बहस होती है. अगर ध्यान न दिया जाए तो कई बार पीजी या हॉस्टल ओनर इसमें धोखाधड़ी भी करते हैं. बिल पर ध्यान रखें. डीटेल मिस ना करें.
  6. किसी भी पीजी या हॉस्टल में शिफ्ट करने से पहले वहां पहले से रह रहे लोगों से एक बार बात ज़रूर करें. किन बातों की मनाही है और कौन सी बातें ध्यान रखने लायक हैं, ये वो आपको बेहतर बता पाएंगे. अगर कोई चीज़ है जिससे आप को सचमुच प्रॉब्लम होगी, वो आपको इन लोगों से पता चल जाएगी. वार्डन वगैरह के बिहेवियर के बारे में ज़रूर पूछें. वो ज्यादा खुलकर आपको बता पाएंगे. 

    pg-in-mukherjee_750_053119084134.jpgसिंगल रूम बेहतर है या शेयरिंग, ये आप अपने कम्फर्ट लेवल और बजट पर डिसाइड कर सकती हैं.

  7. जो भी फीस है, उसमें क्या क्या शामिल है. खाना-पीना क्या अलग से करना है. कहीं कुक लगवानी पड़ी तो उसके क्या चार्जेज हैं.
  8. पीजी है तो क्या दोस्त आ सकते हैं. क्या टाइमिंग है गेस्ट्स के आने की. क्या आप को अगर बाहर जाना हो तो क्या नियम हैं. अगर आपके पेरेंट्स से बात करानी ज़रूरी है नाइट आउट के लिए, तो उसका क्या प्रोसीजर है. एप्लीकेशन की ज़रूरत है तो उसे कैसे मैनेज करना है. लोकल गार्जियन की कहां-कहां ज़रूरत पड़ेगी.

इन सभी चीज़ों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है. आपकी अपनी सेफ्टी के लिए. आपकी अपनी सुविधा के लिए. छोटी-मोटी एडजस्टमेंट की दिक्कतें हर जगह आती हैं. लेकिन अपनी सुरक्षा से कोई समझौता किसी भी कीमत पर नहीं किया जाना चाहिए. अगर आपको ऐसा कोई पीजी या हॉस्टल दिखे जो सेफ्टी नियमों का उल्लंघन कर रहा हो, तो उनके खिलाफ शिकायत ज़रूर करें. ज़रुरत से ज्यादा रेंट ले रहे हो. नजदीकी थाने में जाकर बताएं. आप अपने साथ-साथ कई दूसरे लोगों की सुरक्षा का भी बंदोबस्त कर सकते हैं, केवल कुछ सिंपल स्टेप्स फॉलो करके.

 

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