Nappily Ever After: नेटफ्लिक्स की नई फिल्म का रिव्यू

बालों के भी कई माने हो सकते हैं, इस फिल्म से पता पड़ता है.

प्रेरणा प्रथम प्रेरणा प्रथम
सितंबर 25, 2018

कहते हैं कि किसी भी औरत के बाल उसकी खूबसूरती का बहुत अहम् हिस्सा होते हैं. इस चीज़ के ऊपर ही आधार बनाकर पूरा एक बाज़ार खड़ा हो गया है बालों की सुन्दरता के लिए. सीधे बाल चाहिए? स्मूदनिंग करा लीजिए. रीबॉन्डिंग करा लीजिए. सीधे बाल हैं, तो घुंघराले करा लीजिए, पर्मिंग है न. इस तरह बालों का पूरा बाज़ार तैयार है आपको बताने को कि आपके बाल कैसे होने चाहिए.

ये बाज़ार पूरी दुनिया में पैठ बनाये हुए है. भारत में तो अलग अलग तरह के शैम्पू और कंडिशनर्स के विज्ञापन देखने को मिलते हैं, लेकिन इससे भी बड़ा बाज़ार है इसका कहीं और, किसी और के लिए .

वो लोग जिनके लिए बालों की भी एक पॉलिटिक्स है.

अमेरिका के एफ्रिकन अमेरिकन निवासी.

इनके बाल प्राकृतिक रूप से इतने घुंघराले होते हैं कि गुच्छे में बन कर फ़ैल जाते हैं. इसे एफ्रो (Afro) कहा जाता है. यही नहीं, कई बार तो ये इतने फैलते हैं, कि इनकी चोटियां बनाकर इनको संभालना पड़ता है. इनको Cornrows कहा जाता है, क्योंकि ये भुट्टे के दानों की तरह कतार में बांधे जाते हैं, जड़ से. ये बाल उनकी मूल पहचान से सम्बंधित है. उनकी अपनी आइडेंटिटी से. उनकी सभ्यता और संस्कृति से.

इसी हेयर स्टाइल को cornrow कहा जाता है. फोटो: यूट्यूब इसी हेयर स्टाइल को cornrow कहा जाता है. फोटो: यूट्यूब

और इसी चीज़ से कई लोगों को प्रॉब्लम है.

भारत का पता नहीं, लेकिन अमेरिका में इस बात पर बहुत लिखा गया है कि किस तरह अश्वेत महिलाओं को उनके बालों को कंट्रोल करने के लिए कहा जाता है. इसे ‘अनप्रोफेशनल’ माना जाता है. उनके नेचुरल बालों को ‘ठीक’ करने के लिए कई तरह के केमिकल्स और लोशन बनाए जाते हैं. उन्हें ज़बरदस्ती अपने बालों को सीधा करना पड़ता है. ग्लैमर मैगज़ीन की एक एडिटर ने एक लॉ फर्म के सामने कॉर्पोरेट फैशन पर एक सेमिनार किया था. उसमें एक स्लाइड शो में ये बताया था कि अश्वेत औरतों के प्राकृतिक बाल राजनीति को बढ़ावा देते हैं, अपने आप में एक राजनैतिक स्टेटमेंट होते हैं. इस पर काफी हो-हल्ला हुआ था.

अश्वेत औरतों को जबरन सीधे बाल अपनाने के लिए मजबूर किया जाता है. फोटो: ट्विटर अश्वेत औरतों को जबरन सीधे बाल अपनाने के लिए मजबूर किया जाता है. फोटो: ट्विटर
  

बालों के ज़रिये अपने आप को चैलेन्ज करने और खुद के कई पहलू तलाशने की कहानी है ‘Nappily Ever After’. नेटफ्लिक्स पर आई है. ओरिजिनल है. नॉवेल  सीरीज है एक, त्रिशा आर थॉमस की. उसकी पहली किताब का नाम है Nappily Ever After. ये Happily Ever After के कांसेप्ट पर एक तंज है. Nappy–head एक अपमानजनक टर्म है जिसे अश्वेत लोगों के बालों के लिए इस्तेमाल किया जाता है.  उसी विषय पर बनी फिल्म है.

लीड रोल में हैं सना लथान (Sana Lathaan). काफी समय से अच्छा काम कर रही हैं. इनकी फिल्में Something New , Love and Basketball इत्यादि काफी अच्छी रही थीं. इस फिल्म में वो एक विज्ञापन कम्पनी में काम करती हैं. नाम है वायलेट जोन्स. बचपन से उसकी मां ने उसे बहुत कड़ी निगरानी में बड़ा किया. सीधे किए बाल, श्वेत बच्चों से भी ज्यादा सलीके से रहने की ट्रेनिंग, ये सब कुछ वायलेट के भीतर कूट कूट कर भरा गया. इसकी वजह से वो परफेक्शन की शिकार हो गई. उसके पास एक अच्छा जॉब है, एक अदद बॉयफ्रेंड भी है जो काफी सफल और देखने में भी अच्छा है. लेकिन इन सबके बावजूद वायलेट की जिंदगी अधूरी है क्योंकि उसकी आधी से अधिक पहचान उसके बालों में अटकी हुई है. वो बाहर रहने का मज़ा भी नहीं ले पाती क्योकि उसे लगता है कि कहीं वो भीग गई तो उसके बाल ख़राब हो जाएंगे.  

एक सीन है जिसमें वायलेट का जन्मदिन है उस दिन. सुबह सुबह उसकी मां आती हैं, उसके बाल सीधे करती है. वो मां को बताती है कि किस तरह उसका बॉयफ्रेंड (क्लिंट) उसे प्रोपोज करने वाला है. इसके बाद वो बिस्तर में जाकर अपने बॉयफ्रेंड के पास लेट जाती है. इसके बाद बिस्तर में सेक्स के समय भी वो क्लिंट का हाथ अपने बालों के पास से झटक देती है. उसे अपना सर छूने नहीं देती.

फिल्म में एक सैलोन में वायलेट एक हेयर ड्रेसर से मिलती है जिसकी बेटी जोई (Zoe) उसका आडम्बर देख लेती है. वो उसे धीरे धीरे खुद को स्वीकार करना सिखाती है. इसके बीच में ही जब उसका बॉयफ्रेंड उसे प्रोपोज नहीं करता और कहता है कि ‘तुम्हारे साथ बिताए गए दो साल पहली मुलाकात जैसे थे. तुम शादी की बात करती हो, मैं तुम्हें जानता तक नहीं’.

इसके बाद वो ब्रेक अप कर लेती है उससे, और उसकी अभी तक की एकदम सीढ़ी सपाट जिंदगी एक रोलर कोस्टर में बदल जाती है. इस फिल्म का सबसे खूबसूरत सीन है जब तंग आकर वायलेट अपने बाल काट देती है. गंजी हो जाती है. उस चंद मिनट के सीन में पूरी फिल्म की सबसे महत्वपूर्ण ताकत छुपी हुई है जो अपनी पूरी ग्लोरी में सामने आती है. सना लथान ने सच में उस सीन के लिए अपने बाल काट दिए थे. इसके लिए उन्होंने पहले से प्रैक्टिस की थी विग्स के साथ. इस सीन में वायलेट के किरदार का हर एक दर्द उभर कर सामने आता है.  वो हंसती है, रोती है, चौंकती है, फिर से रोती है. इस एक सीन की शूटिंग के समय सना ने वायलेट के किरदार को खुद के भीतर उतार लिया था. सना ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब ये सीन शूट हुआ, और उन्होंने पहली बार क्लिपर (रेजर जैसा होता है, इलेक्ट्रिक, बाल ट्रिम करता है) को अपने सर से लगाया, पूरी शूटिंग यूनिट ने एक साथ गहरी सांस ली. पुरुष भी रो दिए थे.

यह सीन इस पूरी फिल्म के सबसे खूबसूरत दृश्यों में से एक है. फोटो: Netflix यह सीन इस पूरी फिल्म के सबसे खूबसूरत दृश्यों में से एक है. फोटो: Netflix

ये फिल्म सिर्फ एक पॉलिटिकल स्टेटमेंट नहीं देती. हलके मिजाज़ की है. कॉमेडी भी होती है इसमें. लेकिन इसका मकसद यही याद दिलाना है कि आप चाहे जैसे भी हो, खुद से प्यार करना आपकी पहली ज़िम्मेदारी होनी चाहिए.

 

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