100 साल पुरानी जामिया मिलिया इस्लामिया की पहली महिला VC नजमा अख्तर से मिलिए
जो यूनिवर्सिटी अभी दिल्ली में है, पहले अलीगढ़ में थी.
दिल्ली में एक यूनिवर्सिटी है. जामिया मिलिया इस्लामिया. सेंट्रल यूनिवर्सिटी है. काफी नाम है इसका. अभी इस वक्त ये यूनिवर्सिटी काफी चर्चा में है. क्यों? क्योंकि इसे पहली महिला वाइस चांसलर मिली है. नजमा अख्तर, जामिया की पहली महिला VC बनी हैं. 11 अप्रैल के दिन इन्हें इस पोस्ट पर अपॉइंट किया गया, और 12 अप्रैल के दिन इन्होंने पद संभाला.
जामिया मिलिया इस्लामिया, की स्थापना हुई थी साल 1920 में. एक इंस्टीट्यूट के रूप में, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में. बाद में इसे दिल्ली शिफ्ट कर दिया गया. जामिया मिलिया इस्लामिया को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा मिला था साल 1988 में. अगले साल, यानी 2020 में इस यूनिवर्सिटी को खुले हुए पूरे 100 साल हो जाएंगे. और इन 100 साल में पहली बार कोई महिला इस यूनिवर्सिटी की वीसी बनी है. वो इस यूनिवर्सिटी की 16वीं वीसी हैं. नजमा 5 साल तक इस पद पर रहेंगी. पिछले साल से जामिया मिलिया इस्लामिया में कोई वीसी नहीं था. क्योंकि पिछले साल तब के वीसी तलत अहमद ने कश्मीर यूनिवर्सिटी को हेड करने के लिए जामिया से इस्तीफा दे दिया था.
11 अप्रैल के दिन नजमा को इस पोस्ट पर अपॉइंट किया गया, और 12 अप्रैल के दिन इन्होंने पद संभाला. फोटो- ट्विटर
कौन हैं प्रोफेसर नजमा अख्तर?
फिलहाल तो जामिया की पहली महिला वीसी हैं. दूसरा केवल जामिया ही नहीं, बल्कि दिल्ली में बनी कोई भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी की पहली महिला वीसी हैं. एजुकेशन की फील्ड में करीब 40 साल का एक्सपीरियंस है.
नजमा ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से MSc की, और गोल्ड मेडल लिया. उन्होंने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से PhD की. यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक और नॉटिंघम से भी नजमा ने पढ़ाई की. उन्होंने अपने काम की शुरुआत अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से ही की थी. नजमा वहां प्रोफेसर के तौर पर 25 साल तक नौकरी कर चुकी हैं. और पिछले 15 साल से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड ए़डमिनिस्ट्रेश (NIEPA) की प्रमुख थीं. उन्होंने यहां भी शानदार काम किया. यहां 130 से भी ज्यादा देशों के सीनियर ऑफिसर्स को इंटरनेशनल एजुकेशन एडमिनिस्ट्रेटर्स की ट्रेनिंग दी जाती थी. नजमा इलाहाबाद के स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल मैनेजमेंट एंड ट्रेनिंग (एसआईईएमएटी) में भी रहीं.
नजमा केवल जामिया ही नहीं, बल्कि दिल्ली में बनी कोई भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी की पहली महिला वीसी हैं. फोटो- ट्विटर
क्या कहती हैं नजमा?
नजमा के दिमाग में जामिया के स्टूडेंट्स के लिए बहुत ही खास प्लानिंग्स हैं. वो चाहती हैं कि जामिया में ज्यादा से ज्यादा जॉब ओरिएंटेड कोर्सेज की शुरुआत हो. वो कहती हैं कि पहले वो जामिया में पढ़ाए जाने वाले सारे कोर्सेज को देखेंगी. वो ये देखेंगी कि कौनसे कोर्स को इम्प्रूव करने की जरूरत है.
द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नजमा कहती हैं, 'हमें नौकरी देने वाले लोग तैयार करने हैं, न कि नौकरी खोजने वाले. हमें स्टूडेंट्स को इस काबिल बनाना है.'
इसके अलावा नजमा के मन में लड़कियों के लिए बहुत ही खास प्लानिंग है. एनबीटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नजमा का कहना है कि वो सबसे पहले जामिया में लड़कियों का एनरोलमेंट बढ़ाना चाहती हैं. साथ ही नजमा चाहती हैं कि जामिया ग्लोबल रैंकिंग में भी अच्छा रैंक हासिल करे.
नजमा चाहती हैं कि जामिया में ज्यादा से ज्यादा लड़कियां एनरोलमेंट कराएं. फोटो- ट्विटर
'जामिया से जुड़ना अपनापन लग रहा है'
एनबीटी की ही रिपोर्ट में जब नजमा से सवाल किया गया, कि जामिया से जुड़कर उन्हें कैसा लग रहा है. तो नजमा ने कहा कि अपनापन लग रहा है. क्योंकि जामिया की शुरुआत अलीगढ़ से ही हुई है, और नजमा खुद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 25 साल नौकरी कर चुकी हैं. जामिया की स्थापना करने वाले स्टाफ खुद अलीगढ़ के ही थे, इसलिए नजमा को जामिया में अपनापन महसूस हो रहा है.
खैर, नजमा के दिमाग में जामिया के लिए ढेर सारे प्लान्स हैं. उन्होंने वीसी का पद संभाल लिया है. और अब वो अपना काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
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