10 लाख का तलाक वॉट्सएप पर हो गया, लेकिन कैसे?
5 साल की शादी टूटी
नागपुर के फैमिली कोर्ट ने एक दम्पत्ति को वाट्सएप वीडियो कॉल पर तलाक दे दिया है. पत्नी ने वीडियो कॉल पर अपना बयान दिया, जिसे मानकर कोर्ट ने दम्पत्ति को तलाक लेने की अनुमति दे दी है.
क्या है ये पूरी कहानी?
पति और पत्नी दोनों ही अमेरिका के मिशिगन में रहते हैं. 11 अगस्त 2013 में उनकी शादी हुई थी. दोनों इंजीनियर हैं और शादी के समय अमेरिका की ही एक ऑटोमोबाइल कंपनी में काम करते थे. तेलंगाना के सिकंदराबाद में दोनों ने अपने परिवार वालों की मर्ज़ी से अरेंज मैरिज की थी.
सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Reuters
शादी के बाद पत्नी का वीज़ा खत्म हो जाने के कारण उसे ससुराल वापस आकर रहना पड़ा. इसके बाद पति-पत्नी में झगड़े होने लगे. समय के साथ उनके झगड़े बढ़ते गए. इनकी लड़ाई इतनी बढ़ गई कि दोनों ने तलाक लेने का फैसला लिया. पति ने नागपुर वापस आकर तलाक की अर्जी दे दी. दोनों को कॉउंसलर के पास भी भेजा गया लेकिन बात नहीं बनी.
इस बीच पत्नी वापस मिशिगन चली गई. उसे वहां पर स्टूडेंट वीज़ा मिल गया. वो वहां से पढ़ाई कर रही हैं. अब स्टूडेंट वीज़ा पर उन्हें लंबी छुट्टियां नहीं मिल सकतीं. इस कारण से महिला ने कोर्ट से विनती की कि कोर्ट की कार्यवाही वॉट्सएप वीडियो कॉल पर की जाए. फैमिली कोर्ट ने पत्नी का बयान कोर्ट के नियमों के अनुसार वीडियो कॉल पर लिया. कोर्ट की कार्यवाही हुई और दोनों का तलाक पक्का हो गया.
सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Reuters
पति नागपुर के खमला का रहने वाला है. वो भी मिशिगन में था. कोर्ट की सुनवाई के समय वो नागपुर आ गया. दोनों की मर्ज़ी से उन्हें तलाक मिल गया है. दोनों के बयान लेने के बाद नागपुर फैमिली कोर्ट की जज स्वाति चौहान ने इनके तलाक को मंजूरी दे दी है. 14 जनवरी 2019 को ये दोनों आधिकारिक तौर पर अलग हो गए. ये तलाक इस शर्त पर हुआ कि पति, पत्नी को 10 लाख रुपए की एल्यूमनी देगा.
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