'मेरा पति रोज मेरा रेप करता था, लेकिन तलाक का जिम्मेदार सब मुझे मानते हैं'
सबका कहना था कि पति, पत्नी का रेप नहीं कर सकता.
(ये ब्लॉग मैरिटल रेप की शिकार एक महिला का है. उनकी पहचान छिपाने के लिए उनका नाम प्रकाशित नहीं किया जा रहा है. ये ब्लॉग हमारी सहयोगी वेबसाइट DailyO से अनूदित है. इसका अनुवाद हमारे इंटर्न अनुराग अनिमेष ने किया है.)
‘तुमने अपना पति खुद चुना है, शिकायत बंद करो और उससे डील करो.’
'देखो बेटा, पति-पत्नी के संबंध मे रेप जैसी कोई चीज़ नहीं होती. तुम दोनों की शादी हो चुकी है. और शादी के बाद पति-पत्नी को समाज सेक्स का लाइसेंस दे देता है. तुम्हारे शरीर पर अब तुम्हारे पति का हक है.’
'रेप? पति है वो आपका मैडम. ऐसे कैसे केस दर्ज कर सकते हैं?'
'मैं समझ रही हूं कि आपके साथ जो हो रहा है वो गलत हो रहा है. लेकिन पति अगर रेप करता है तो उसके लिए कोई कानून नहीं है.’
ये वो बातें हैं जो मुझे सुनने को मिलीं. जब मैंने लोगों को बताया कि मेरा पति मेरा रेप करता है. मेरे पेरेंट्स, मेरी गायनैक, पुलिस, वकील... मैं मदद के लिए जिसके पास गई उसने मुझसे ऐसी ही बातें कही.
मेरी वकील ने मुझे कहा कि पति अगर मार-पीट करता है, मानसिक रूप से परेशान करता है तो मैं केस फाइल कर सकती हूं. सबूत मिलने पर उसे सजा हो सकती है. घरेलू हिंसा के केस में आसानी होगी. नहीं तो तलाक तो सबसे आसान तरीका है ही.
'आकाशवाणी' फिल्म का एक सीन. ये फिल्म 2013 में आई थी. इसमें लड़की का पति उसकी मर्जी के बिना उसके साथ सेक्स करता है.
मैंने तलाक के लिए आवेदन किया. मेरे तलाक के आदेश में लिखा है-
‘यह वैवाहिक जीवन में सामंजस्य न होने का केस है. पति-पत्नी एक दूसरे के साथ रहने में असमर्थ हैं. ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं, जिससे यह साबित हो कि पति ने पत्नी पर किसी प्रकार का अत्याचारकिया है. ऐसा प्रतीत होता है कि पत्नी दिमागी रूप से कमजोर है और सेक्स संबंधी बीमारी से ग्रसित है. तलाक को मंजूरी शादी सही से नहीं चलने के बिनाह पर दी जाती है.’
लेकिन यह कोई नहीं जानता कि हर एक रात मेरा रेप होता था. मेरे न कहने के बावजूद मेरा पति जबरदस्ती करता था. उसे इस बात की भी परवाह नहीं होती कि मेरे पीरियड चल रहे हैं. और मैं सेक्स नहीं करना चाहती. वह मेरे अंदर मोमबत्ती, पेन जैसी सॉलिड चीज़ें डालता था. एक बार तो उसने मेरे अंदर सिक्का डालने की कोशिश की, यह देखने के लिए कि वो अपने लिंग से उसे बाहर निकाल पाता है या नहीं.
मेरा पति खुद को मेरे ऊपर कभी भी थोप देता था. अगर हम किसी पार्टी मे होते तो वो मुझे जबरदस्ती बाथरूम में ले जाकर सेक्स करने की कोशिश करता. यदि हम किसी दोस्त के घर पर होते तो वो उन्हें बताता कि वो मुझे रेसिस्ट नहीं कर सकता है. वह उनसे पूछता कि क्या हमें कुछ देर के लिए एक कमरा मिल सकता है?
ये सीन भी 'आकाशवाणी' फिल्म का है. फिल्म में मैरिटल रेप पर फोकस करती है.
उसकी हरकतें सबको नॉर्मल लगती थीं. इसीलिए सब मुझे चुप रहने और शिकायत न करने की सलाह देते. वह अपने दोस्तों को लेकर घर आता था, ताकि वो लोग हमारा वीडियो बना सकें. मैं इसके लिए राज़ी नहीं होती तो वह मुझे घसीटता, मेरे कपड़े फाड़ देता. वो तब तक ऐसा करता जब तक मैं हार न मान जाती.
जिस दिन मुझे पता चला कि मैं कुछ हफ्ते की प्रेग्नेंट हूं. उस दिन उसने मुझे अबॉर्शन की गोलियां खिला दीं. क्योंकि बच्चा उसके लिए एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी.
कहते हैं कि शादी की मेहंदी में पति का नाम लिखने से शादीशुदा जिंदगी अच्छे और प्यार से चलती है. आज मैं अपनी हथेली कि उस खाली जगह को देखती हूं जहां कभी उसका नाम अच्छा लगता था. मैं ये कभी सोच भी नहीं सकती थी कि जिससे मैं इतना प्यार करती थी, वो हैवान भी हो सकता है.
आज पूरी दुनिया को दिखता है कि वो एक बेहद प्यार करने वाला पति था. जबकि मैं एक निर्मम-भावशून्य औरत. लेकिन मैं किस दर्द से गुजरी यह कोई नहीं देखता.
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