मूवी रिव्यू - 'बधाई हो'

एक अधेड़ उम्र की औरत और उसकी प्रेग्नेंसी की कहानी

आपात प्रज्ञा आपात प्रज्ञा
अक्टूबर 18, 2018
'बधाई हो.' फोटो क्रेडिट- यूट्यूब

‘मां प्रेगनेंट है मेरी... क्या?’

इस खबर और सवाल के साथ नकुल गायब है. उसे समझ नहीं आता कि वो क्या करे? नकुल यानी आयुष्मान खुराना. नकुल एक प्राइवेट फर्म में काम करता है. उसकी गर्लफ्रेंड है, रैने. वो भी उस ही कंपनी में काम करती है. पापा रेलवे में जॉब करते हैं और मां हाउसवाइफ है. एक मध्यमवर्गीय परिवार है. मां-बाप के अलावा दादी हैं. एक छोटा भाई है. बारहवीं में पढ़ता है. नॉर्मल परिवार है. एक दिन अचानक इस घर में भूचाल आ जाता है. सच वाला भूचाल नहीं. एक खबर भूचाल मचा देती है. खबर क्या, खुशखबरी. खुशखबरी मतलब खुशी की खबर. लेकिन इस घर में खुशी, खुशी नहीं नाराज़गी लेकर दस्तक देती है क्योंकि ये खुशखबरी मां की तरफ से होती है. अब इस ही जद्दोजहद में फिल्म चलती है.

7_101818042126.pngनीना गुप्ता. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब

जैसे ही दोनों बेटों को पता चलता है कि उनकी मां प्रेगनेंट हैं दोनों किसी और ही दुनिया में चले जाते हैं. कुछ बोल तो नहीं पाते लेकिन उनके हाव-भाव पूरी तरह बदल जाते हैं. यहां जो बोल पाता है वो हैं दादी. दादी यानी सुरेखा सीकरी. दादी फट पड़ती है. उसका गुस्सा और तानों की झलक आप ट्रेलर में भी देख सकते हो.

2_101818042455.jpgसुरेखा सीकरी ने दादी का चटपटा किरदार बखूबी निभाया है. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब

अब आगे फिल्म में क्या होता है. कैसे परिवार मां की प्रेग्नेंसी को अपना पाता है. कैसे चीज़ें बदलती हैं. इस ही उधेड़बुन में फिल्म चलती है.

अब इस सबसे थोड़ा पहले चलते हैं. बच्चों और दादी को पता चलने से पहले. मां-बाप को पता चलने पर. मां-बाप बने हैं नीना गुप्ता और गजराज राव. डॉक्टर कहते हैं, जल्दी सोच लो अब भी ऑपरेशन हो सकता है. यहां ऑपरेशन से मतलब है, अबॉर्शन. गजराज इस बारे में सोचते हैं. नीना को समझाने की भी कोशिश करते हैं. यहां नीना के कैरेक्टर की ताकत पता चलती है. ताकत इसलिए क्योंकि समाज और दुनिया की परवाह न करते हुए वो तय करती हैं कि अपने बच्चे को जन्म देंगी. उसे नहीं गिराएंगी. ये निर्णय ही उनकी ज़िन्दगी को बदल देता है.

5_101818042048.jpgबधाई हो में पिता का रोल निभाया है गजराज राव. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब

गजराज अपनी जगह गलत नहीं लगते. न ही वो नीना पर दबाव बनाते हैं. परिवार का कोई भी कैरेक्टर गलत नहीं लगता. सब अपनी जगह बिल्कुल ठीक हैं. बस गले में फंसी हड्डी न निगलते बन रही हैं न उगलते. कैसे अपनाएं कि मां प्रेग्नेंट है?

नीना भी रिश्तेदारों और समाज की बातों को समझती हैं. किसी को जवाब नहीं देतीं. न अपनी सास को. न बच्चों को कुछ कहती हैं. न आस-पड़ोस के लोगों को. न रिश्तेदारों को पर अपने फैसले पर अडिग रहती हैं. इस ही तरह फिल्म कोई संदेश नहीं देती. न कोई ज्ञान. बस घटनाएं दिखाती जाती है. एक अधेड़ उम्र की औरत और उसकी प्रेग्नेंसी की कहानी. जहां वो कोई लड़ाई नहीं लड़ती पर उसका निर्णय ही उसकी लड़ाई बन जाता है.

3_101818042253.jpgरैने बनी हैं सान्या मल्होत्रा. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब

रैने एक जगह नकुल से कहती है- ‘यही प्रॉब्लम है. हम मां को भगवान की मूरत बना कर देवी का दर्जा दे देते हैं.’

‘बधाई हो’ फिल्म की पटकथा बेहतरीन है. डायलॉग्स खूबसूरत हैं. सभी कलाकारों को एक्टिंग जबरदस्त है. इन सबमें जो सबसे बढ़िया बात है वो है सबके एक्सप्रेशंस. यानी चेहरे के हाव-भाव. फिल्म में एक कैरेक्टर इनका भी है. कई जगह पर बिना कुछ बोले ही कैरेक्टर्स के एक्सप्रेशंस सबकुछ बोल जाते हैं. एक बेहद संवेदनशील मुद्दे को लेकर हास्य फिल्म बनाना मुश्किल काम है. ‘बधाई हो’ इसमें पूरी तरह सही बैठती है. ये फूहड़ नहीं होती. न जबरदस्ती हंसाने की कोशिश करती है. फिल्म को इस तरह बनाया गया है कि आप अपने आप हंसने लगते हो.    

6_101818042341.jpgआयुष्मान नाराज़गी में किसी से बात ही नहीं करते. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब

फिल्म के डायरेक्टर हैं अमित रविन्दरनाथ शर्मा. अमित ने इससे पहले तेवर फिल्म बनाई है. साथ ही एड फिल्म्स को डायरेक्ट किया है. अमित का डायरेक्शन बहुत सुंदर है. फिल्म के छोटे-छोटे दृश्य इतनी खूबसूरती से गढ़े गए हैं कि देखने में मज़ा आ जाता है.  

फिल्म में चार गाने हैं. बैकग्राउंड में चलते हैं. वैसे फिल्म में गानों की कमी नहीं खलती. फिल्म इतनी स्मूद चलती है कि आपको गानों की ज़रूरत महसूस ही नहीं होती. जहां होती है वहां गानें मिलते हैं.  

4_101818042619.jpgआयुष्मान खुराना. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब

सॉफ्ट सी फिल्म है ‘बधाई हो’. एक गंभीर मुद्दे को आसानी से सामने रखती है. कहीं-कहीं थोड़ी खिंचती सी लगती है. लगता है थोड़ी स्लो चल रही है लेकिन फिल्म कहीं अपने मुद्दे से नहीं भटकती. जो दिखाना चाहती है उस ही पर केंद्रित रहती है. हीरो-हीरोइन भले ही फिल्म में आयुष्मान खुराना और सान्या मल्होत्रा हों ये फिल्म नीना गुप्ता और गजराज राव के बारे में है. यानी मां-बाप के बारे में है. और सबसे अच्छी बात ये है कि डायरेक्टर ने इसे मां-बाप के बारे में ही रहने दिया है.

 

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