कई साल पहले एक संकल्प लिया था, उसे पूरा करने के लिए बेटे की शादी में 'पंडित' बनी ये मां
कभी किसी शादी में पंडित की जगह पर किसी औरत को बैठे देखा है?
क्या आपने कभी किसी शादी में किसी औरत को पंडित की जगह पर बैठा देखा है? शादी करवाते देखा है? शादी के मंत्र जाप करते देखा है? नहीं देखा होगा. क्योंकि शादी करवाने वाले पंडित की जगह पर लोग पुरुष पंडित को ही बैठाते हैं. लेकिन हाल ही में एक ऐसी शादी हुई है, जहां पंडित के आसन पर एक औरत बैठी. पूरे विधि-विधान से शादी करवाई. सारे मंत्र पढ़े.
शीला यादव, बेटे की शादी में मंत्रों का जाप करते हुए. फोटो- रिपोर्टर रोशन
ये शादी हुई उत्तर प्रदेश के बनारस में. साक्षी बना पूरा बनारस, और उस शादी में मौजूद लोग. 51 साल की शीला यादव के बेटे ऋषभ की शादी थी, वंदना से. शादी की सारी तैयारी हो गई थी. मंडप के नीचे दूल्हा-दुल्हन बैठे थे. शादी में आए सारे मेहमान भी मौजूद थे. तब शीला आईं, और पंडित की जगह पर बैठीं. पोथी खोली और मंत्रों का जाप करना शुरू कर दिया.
हर कोई हैरानी से शीला को देख रहा था. शीला ने 45 मिनट तक सारे मंत्र पढ़े. दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के मुताबित, शीला का मकसद किसी तरह का टैबू तोड़ना नहीं था, बल्कि उन्होंने कई साल पहले एक संकल्प लिया था. वो उसे पूरा करना चाहती थीं.
शीला बताती हैं, कि वो चाहती थीं कि उनके बेटे की शादी में किया जाने वाला मंत्र जाप उनके मुंह से निकले. वो चाहती थीं कि संस्कृत के मंत्रों का जाप वो खुद करें, और अपने बच्चे को आशीर्वाद दे. इसके लिए उन्होंने वंदना के घरवालों से भी परमिशन ली थी. वंदना के घरवालों को इससे कोई प्रॉब्लम नहीं थी, वो मान गए. फिर शीला ने अपना संकल्प पूरा कर लिया. मंत्रों का जाप सही तरीके से हो, इसके लिए शीला ने बहुत मेहनत की थी. अध्ययन किया था.
ऋषभ और वंदना. फोटो- रिपोर्टर रोशन
दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शीला बनारस गर्ल्स डिग्री कॉलेज में अंग्रेजी की प्रोफेसर हैं. उनके पति यानी ऋषभ के पिता राम मिलन यादव व्यापार करते हैं. ऋषभ इंजीनियर है. और वंदना टीचर है. शीला ने अपने बेटे की शादी में पंडित का रोल निभाकर कई साल से चली आ रही रूढ़ी को तोड़ा है.
इसे भी पढ़ें- शिल्पा शुक्ला: चक दे इंडिया की बिंदिया नायक से लेकर बीए पास की सारिका आंटी तक
लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे