मोदी ने रक्षाबंधन पर 55 औरतों को फॉलो किया, पर उनको अनफॉलो नहीं किया जो बहन की गाली देते हैं
शास्त्रों में इसे ही डबल स्टैंडर्ड कहा गया है.
आपका अलावा एक और व्यक्ति है जिसने रक्षाबंधन को सोशल मीडिया पर मनाया. पीएम मोदी. और इस उपलक्ष में, 50 महिला पत्रकारों, नेता-मंत्रियों और खिलाड़ियों को ट्विटर पर फॉलो किया. कुछ अखबारों ने ये संख्या 55 भी बताई है. ऐसा कहा जाता है कि पीएम अपना सोशल मीडिया खुद हैंडल करते हैं. तो जाहिर है वो इन महिलाओं के ट्वीट्स अपनी आंखों से देख पाएंगे. तो जिन महिलाओं को पीएम ने ट्विटर पर फॉलो किया है, उनकी जिम्मेदारी अब थोड़ी बढ़ जाती है.
पीएम मोदी ने इतनी महिलाओं को फॉलो करना तो अभी शुरू किया है. जबकि महिलाओं को गालियां देने वालों को वो पहले से फॉलो करते आ रहे हैं. एक नाम तो बहुत अच्छे से याद होगा.
निखिल दधीचि. इसने एक पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या पर उनको गाली दी थी. पीएम मोदी ने अभी तक निखिल दधीचि को अनफॉलो नहीं किया. ट्विटर पर दधीचि का प्रमोशन जरूर हो गया. उसका अकाउंट वेरिफाइड हो चुका है. एक तो करेला उस पर नीम चढ़ा. एक तो पीएम फॉलो करते हैं, दूसरे ब्लू टिक वाला अकाउंट. अब गालियों पर ठप्पा लग गया है. महिलाओं को जितना मन हो ट्रोल करो या गालियां दो.
ये एक सतीश जैन हैं. @ActIndia नाम से इनका ट्विटर हैंडल है. महिलाओं पत्रकारों को लेकर इनके विचार मुखर हैं. यहां मुखर का मतलब बेहद घटिया है. इन्हें पीएम मोदी दोनों हैंडल से फॉलो करते हैं. यानी गलती का कोई चांस न रहे.
इनके अलावा एक अविनाश चौबे भी हैं. खोजिएगा तो मिल जाएंगे. उन्हें भी पीएम मोदी फॉलो करते हैं और वो महिलाओं के लिए बहुत गंदी भाषा का प्रयोग करते हैं.
जिन महिलाओं को पीएम ने फॉलो किया है उन्हें रोजाना ऐसे ट्वीट्स करने होंगे जिनसे पीएम मोदी को पता चले. कि महिलाओं को गाली देने वालों को फॉलो करते हुए महिलाओं को फॉलो करना दोगला व्यवहार है. रक्षाबंधन पर महिलाओं को फॉलो करने की बजाय गालीबाजों को अनफॉलो कर देते तो शायद ज्यादा अच्छा उपहार होता. अगर रक्षाबंधन ट्विटर पर मनाना ही था तो उनकी अंधभक्ति में तैयार खड़ी ट्रोल आर्मी से उन्हें कह देना था, कि महिला पत्रकारों और नेताओं के चरित्र पर कीचड़ उछालना बंद कर दें.
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