क्या गूगल के लिए एंड्राइड बनाने वाले आदमी ने महिला का यौन शोषण किया है?
सुंदर पिचाई ने गूगल की तरफ से सफाई दी है.
गूगल ने पिछले दो सालों में यौन शोषण के आरोप में 48 लोगों को नौकरी से निकाला है. ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि ये बात खुद गूगल ने बताई है. सीईओ सुंदर पिचाई ने ईमेल के जरिए अपना स्टेटमेंट दिया है. और बताया है कि गूगल ने पिछले दो सालों में सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोपों से घिरे 48 लोगों को फायर किया है. इनमें से 13 लोग सीनियर मैनेजर के पोस्ट पर थे, या फिर उनसे भी ऊपर थे. पिचाई ने ये बताने की भरसक कोशिश की है कि गूगल काम के लिहाज से बहुत ही सुरक्षित जगह है. और उनकी कंपनी ऐसे लोगों को कतई बर्दाश्त नहीं करती, जो अनुचित बर्ताव करते हैं.
सुंदर पिचाई. फोटो- रॉयटर्स
अब अचानक से गूगल को ये सफाई क्यों देनी पड़ रही है, इसके पीछे भी एक वजह है. वो है 'द न्यू यॉर्क टाइम्स' में छपी एक रिपोर्ट. ये बात भी सुंदर पिचाई ने ही बताई, अपने ईमेल में. उन्होंने ईमेल की पहली लाइन में लिखा- न्यू यॉर्क टाइम्स की आज की स्टोरी पढ़ने में कठिनाई हुई. यहां कठिनाई का मतलब, उस रिपोर्ट में लिखी गई बातों से है. क्योंकि 25 अक्टूबर को न्यू यॉर्क टाइम्स में जो रिपोर्ट छपी है, उसमें गूगल को जमकर घेरा गया है.
सुंदर पिचाई का स्टेटमेंट. फोटो- ट्विटर
न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में क्या आरोप लगे हैं गूगल पर?
रिपोर्ट में कहा गया है कि गूगल ने कुछ ऐसे सीनियर मेल एक्जीक्यूटिव्स को बचाने की कोशिश की थी, जिन पर सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप लगे थे. इस रिपोर्ट में साफ तौर पर एंडी रुबिन का नाम लिया गया है. कहा है कि रुबिन उन तीन एक्जीक्यूटिव्स में से एक हैं, जिन्हें गूगल ने बचाने की कोशिश की है.
एंडी रुबिन. फोटो- इंडिया टुडे
रिपोर्ट में लिखा है कि 'फादर ऑफ एंड्रॉयड' एंडी रुबिन के ऊपर सेक्सुअल मिसकंडक्ट के आरोप लगे थे. गूगल की ही एक महिला कर्मचारी ने आरोप लगाए थे. जिसने आरोप लगाए थे, उसके साथ रुबिन का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर चल रहा था. महिला ने शिकायत में बताया कि साल 2013 में एक होटल के कमरे में रुबिन ने उन्हें 'ओरल सेक्स' करने पर मजबूर किया था. गूगल ने मामले की जांच की. महिला के आरोपों को सच पाया. फिर मिस्टर लैरी पेज ने रुबिन का इस्तीफा मांगा. लैरी पेज उस टाइम पर गूगल के सीईओ थे.
सुंदर पिचाई. फोटो- रॉयटर्स
उसके बाद 2014 में रुबिन को बड़ा सा फेयरवेल मिला. साथ ही 90 मिलियन डॉलर का एग्जिट पैकेज भी गूगल ने दिया. भारतीय करेंसी के हिसाब से- 660 करोड़ रुपए. लेकिन मिसकंडक्ट वाले मैटर में गूगल ने कुछ भी नहीं कहा. टाइम्स की रिपोर्ट में ये सवाल किया गया है कि जब आरोप सच साबित हो गए थे, तो रुबिन को डायरेक्ट फायर क्यों नहीं किया गया. और उन्हें इतनी बड़ी रकम क्यों दी गई. टाइम्स ने रिपोर्ट में ये भी बताया कि ये सारी बातें गूगल के एक्स एम्प्लॉई और करेंट एम्प्लॉई ने बताई हैं. हालांकि रिपोर्ट में किसी का भी नाम नहीं लिखा है.
फोटो- रॉयटर्स
पिचाई की सफाई
जब न्यू यॉर्क टाइम्स की ये रिपोर्ट सामने आई, तब गूगल के सिर पर सवालों की तलवारें मंडराने लगीं. इसलिए सुंदर पिचाई ने बयान जारी किया. लेकिन उन्होंने अपने बयान में कहीं भी रुबिन का नाम नहीं लिया. केवल ये कहा कि इस रिपोर्ट को समझना कठिन है. पिचाई ने बताया कि जिन 48 लोगों को निकाला गया, उनमें से किसी को भी एग्जिट पैकेज नहीं दिया गया.
फोटो- रॉयटर्स
एंडी रुबिन के स्पोक्सपर्सन सैम सिंगर ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है. कहा कि रुबिन ने अपनी मर्जी से गूगल छोड़ा था. और उन्हें सेक्सुअल मिसकंडक्ट के आरोपों के बारे में जानकारी भी नहीं थी.
कौन हैं एंडी रुबिन?
एंड्रॉयड के पापा कहलाते हैं. 2005 में गूगल से जुड़े थे. एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया. कुछ ही सालों में इस सिस्टम ने स्मार्टफोन्स पर कब्जा कर लिया. अभी दुनिया के 80 फीसदी से ज्यादा स्मार्टफोन्स में ये सिस्टम है. 2014 में कंपनी छोड़ दी. तब हीरो वाला फेयरवेल मिला. उस वक्त कंपनी छोड़ने का कारण कन्फर्म नहीं हुआ. ये पता लगा कि अपना कुछ बिजनेस शुरू करेंगे. अब जो कारण सामने आ रहे हैं, उनकी भी पुष्टि नहीं हुई है. फेयरवेल में रुबिन के लिए लैरी ने कहा था- 'एंड्रॉयड बनाकर बेहतरीन चीज दी.'
लैरी पेज. फोटो- रॉयटर्स
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