धोखा देकर शादी की, दहेज के लिए पीटा, बेटी हुई तो उसे भी मारने की कोशिश की
सास, देवर, ननद, पति मिलकर दो साल तक टॉर्चर करते रहे.
एक आदमी खुद को एमबीबीएस डॉक्टर बताता है. जो वो है नहीं. शादी करता है. फिर दहेज मांगता है. दहेज की डिमांड पूरी नहीं होती तो पत्नी को मारता-पीटता है. बेटी होती है तो ससुराल में उसे मारने की कोशिश शुरू हो जाती है. फिर अपनी पत्नी को तीन तलाक देकर घर से निकाल देता है. सोचिये, धोखाधड़ी, दहेज हिंसा, लड़की होने पर अत्याचार और फिर तीन तलाक. एक के बाद एक अपराध. मामला दिल्ली के गांधीनगर का है. आरोपी का नाम है आसिफ. पत्नी का नाम बबली है.
दोनों की शादी 2017 में हुई थी. 10 दिसंबर को. शादी में आसिफ को भारी-भरकम दहेज भी मिला था. लेकिन उससे आसिफ और उसके परिवारवाले खुश नहीं थे. उन्हें और दहेज चाहिए था. पर बबली के परिवार वाले इतने सक्षम नहीं थे, कि वो डिमांड पूरी कर पाते. फिर क्या था. आसिफ और उसके घरवालों ने बबली को मारना-पीटना शुरू कर दिया. और जब उन्हें लगा कि उनकी डिमांड पूरी नहीं होगी, तो आसिफ ने तीन तलाक कहकर रिश्ता खत्म कर दिया.
बबली और आसिफ के शादी का कार्ड.
पूरे मामले की जानकारी के लिए हमने बबली से बात की. उसने बताया :
'मेरी शादी एक रिश्तेदार ने तय करवाई थी. उन्होंने बताया था कि लड़का एमबीबीएस का कोर्स कर रहा है, फाइनल ईयर है. पापा ने भी अच्छा रिश्ता समझकर शादी करवा दी. 10 दिसंबर को शादी हुई. उन्होंने शादी के समय ही पूरा दहेज मांगा था. साथ ही एक जमीन और चार पहिया की भी डिमांड की थी. पापा ने जमीन और कार तो नहीं दी. पर पांच लाख कैश और घर का पूरा सामान दिया था.
बबली ने बताया कि उसके पिता ने कर्ज लेकर दहेज के 5 लाख रुपये पूरे किये थे. जरूरत का पूरा सामान दिया गया था. लेकिन आसिफ और सास इस बात से नाराज थे कि उन्हें जमीन और कार नहीं मिली. शादी के बाद वो अपने पति और ससुर के साथ अलीगढ़ चली गई थी.
बबली ने आगे कहा-
शादी के कुछ दिन बाद मालूम चला कि आसिफ कुछ नहीं करता. कोई एमबीबीएस नहीं है. सिर्फ एक छोटी सी क्लीनिक खोल रखी है. जिसमें वो दवा वगैरह देता है. पर शायद ही वहां कोई आता हो. शादी के डेढ़ महीने ही बीते होंगे कि उन्होंने मुझे मारना-पीटना शुरू कर दिया. फरवरी, 2017 में मालूम हुआ कि मैं पेट से हूं. फिर भी मुझे मारा-पीटा जाता था.
पति आसिफ, देवर आरिफ, उनका ममेरा भाई जाकिर, ननद अनीशा और सास नगीना उसे बेहद टॉर्चर करते थे. बीमार होने पर कोई दवाई तक नहीं देता था. उसने बताया कि 25 अक्टूबर 2018 में उसकी बेटी हुई. तो सास ने ताना मारना शुरू कर दिया कि लड़का क्यों नहीं हुआ. जाकिर कहता कि 10-20 लाख जितना भी लगे दोनों का तलाक करवा दो.
आसिफ और बबली.
बबली के मुताबिक, उसने अपने ससुराल वालों के खिलाफ दो तीन बार शिकायत करने की कोशिश की, पर लड़के के ताऊ हमेशा मना कर देते थे. पांच- छह बार तो पंचायत बैठी पर कोई असर नहीं हुआ. हर बार लड़के के ताऊ समझाने आ जाते और ऐसा दोबारा न होने की बात कहते थे. बबली ने बताया कि आरिफ(देवर) बच्ची को उठा-उठाकर बेड पर फेंक देते था. सास ने तो उसे भी जान से मारने की कोशिश भी की थी. बबली के मुताबिक, सास बच्ची को ठंड के मौसम में नहलाकर बिना कपड़ों के लिटा देती थी.
इसके बाद 5 दिसंबर को आसिफ ने बबली को उसके मायके यानी गाजियाबाद में छोड़ दिया. और उसके पापा से कहा कि जिस दिन प्लॉट और कार का इंतजाम हो जाए, उस दिन बता देना, बेटी को लेने आ जाऊंगा. नहीं तो कभी नहीं आऊंगा.
बबली के मुताबिक, वो 8 महीने से अपने घर पर ही थी. ससुराल से कोई भी न लेने आया और न ही किसी ने फोन करके हालचाल पूछा. 9 अगस्त तो आसिफ के ताऊ बबली को लेने के लिए आए थे. बबली ताऊ के साथ उनके घर गांधीनगर पर गई. वहां से आसिफ को उसे अलीगढ़ लेकर जाना था. पर बबली के मुताबिक, आसिफ उसे देखते ही मारने-पीटने लगा. और बाद में बोला कि मैं तुम्हें नहीं रखूंगा, जाओ तुम्हें तलाक देता हूं. तलाक, तलाक, तलाक कहकर रिश्ता खत्म कर दिया.
इसके बाद बबली के परिवार वालों ने तलाक का केस गांधीनगर थाने में दर्ज करवाया. हमने एएसआई संजीव त्यागी से बात की. उन्होंने बताया कि केस दर्ज कर लिया गया है. आसिफ को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. केस से जुड़े सभी का स्टेटमेंट रिकॉर्ड करके चार्जशीट फाइल की जाएगी.
तो इस तरह एक आदमी ने झूठ बोलकर शादी की. दहेज मांगा. बाद में डिमांड पूरी नहीं हुई तो तलाक दे दिया. मतलब लोगों को कानून का भी डर नहीं है, क्योंकि कानून के मुताबिक, तीन तलाक बोलकर अपनी पत्नी को छोड़ देने वाले पुरुष को, तीन साल तक की कैद और जुर्माने की सजा मिल सकती है.
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