ऐतिहासिक फैसला- रेप के मामले में औरत को सज़ा सुनाई गई

अब 20 साल तक जेल काटेगी

आपात प्रज्ञा आपात प्रज्ञा
जनवरी 11, 2019
वर्षा गायकवाड़ और तीनों आदमियों को 20 साल की सज़ा हुई है. फोटो क्रेडिट- ऑडनारी/समीर शेख

रेप के आरोप में पहली बार, महाराष्ट्र में एक 34 साल की महिला को, तीन आदमियों के साथ 20 साल की सज़ा हुई है. ये मामला महाराष्ट्र के पुणे का है.

पुणे में एक जगह है केशव नगर. साल 2016 में यहां की पिंगले बस्ती में एक लड़की अपने रिश्तेदारों के यहां छुट्टी मनाने आई थी. लड़की 13 अप्रैल से लेकर 25 मई तक यहां रहने वाली थी. वो वर्षा गायकवाड़ के यहां रहने आई थी. उसके आने के कुछ दिन बाद वर्षा उसे प्रशांत गायकवाड़ के यहां ले गई. यहीं पर उसे मनोज जाधव से मिलाया. वर्षा ने लड़की से कहा कि वो मनोज से शादी कर ले. उस पर मनोज के साथ शारीरिक संबंध बनाने का दबाव भी डाला. इसके बाद 14 मई को उसे एक खोली में ले गई. खोली में प्रशांत, अजय जाधव और मनोज पहले से ही मौजूद थे. यहां पर मनोज ने लड़की का रेप किया.

मामला पुलिस में दर्ज़ हुआ. अब सेशन कोर्ट ने चारों आरोपियों को 20 साल की सज़ा सुनाई है. कोर्ट ने कहा कि वर्षा गायकवाड़ ने ही इस घटना की पूरी प्लानिंग की थी. वो ही इसकी सरगना थी. 2016 से ही वर्षा येरवड़ा जेल में सजा भुगत रही है. जबकि मनोज, प्रशांत और अजय को सुप्रीम कोर्ट से बेल मिल गई थी लेकिन अब चारों को अपने किए की सज़ा मिली है. पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर येरवड़ा जेल भेज दिया है.

img-20190111-wa0002_750x500_011119063152.jpgवर्षा गायकवाड़ के घर छुट्टी मनाने आई थी विक्टिम. फोटो क्रेडिट- ऑडनारी/समीर शेख

एडिशनल पब्लिक प्रोसिक्यूटर राजेश कवेड़िया ने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' से बात करते हुए कहा-

'एडिशनल सेशंस जज एस. के. करहले ने चारों को आरोपी पाया है. आरोपियों को आईपीसी और पोक्सो एक्ट के तहत सज़ा हुई है. सेक्शन 367-डी के तहत चारों आरोपियों को दोषी पाया गया. ये धारा गैंग रेप के आरोप को लैंगिक आधार पर निष्पक्ष बनाती है.' यानी कि पुरुष, महिलाएं और समलैंगिक अगर रेप के आरोप के दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें बराबर सज़ा होगी.

रेप. ये सुनते ही सबसे पहले किसी घटिया से आदमी की शक्ल सामने आती है. मन करता है कि उसका गला घोंट दो. ये हमारा लैंगिक पक्षपाती रवैया ही है कि रेप के आरोपी के रूप में हम हमेशा एक आदमी या लड़के को ही सोचते हैं. हालांकि, अधिकतर केसों में ये सही भी है. 100 में से 99 केस ऐसे ही आते हैं जहां किसी आदमी ने एक महिला का रेप किया होता है. पर, ये भी सच है कि लड़के और समलैंगिक लोग रेप का शिकार होते हैं. और ये भी उतना ही सच है कि महिलाएं भी रेप की आरोपी होती हैं. पुणे का ये केस इस ही की पुष्टि करता है. 

 

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