MP/छत्तीसगढ़ की महिलाएं जिनपर सबकी नजर है: युवा संयोगिता से अटल की भतीजी करुणा तक

ये महिलाएं बदल सकती हैं पूरा समीकरण.

लालिमा लालिमा
दिसंबर 11, 2018
करुणा शुक्ला, संयोगिता सिंह जूदेव, यशोधरा राजे (फोटो- फेसबुक/ट्विटर)

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के नतीजे कुछ ही समय में आपके सामने होंगे. कुछ ही टाइम बाद ये पता चल जाएगा कि दोनों राज्यों में किसकी सरकार बनेगी- बीजेपी की या फिर कांग्रेस की.

खैर, इतने दिनों की उठा-पटक के बाद, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़ने वाले लोगों, यानी पार्टी प्रत्याशियों के बारे में कुछ न कुछ तो जान ही गए होंगे. बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों ने दोनों राज्यों में ‘कुछ’ महिला उम्मीदवार भी उतारे हैं. इन महिलाओं में कुछ चेहरे ऐसे हैं, जिनके बारे में आपको जरूर-जरूर जानना चाहिए.

इस लिस्ट में जानिए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव लड़ रही दमदार महिलाओं के बारे में-

अर्चना चिटनीस-

बीजेपी की बड़ी नेता हैं अर्चना. 54 साल की हैं. बुरहानपुर की सिटिंग विधायक हैं, साल 2008 में भी थीं. एक बार फिर बीजेपी ने भरोसा जताया है. बुरहानपुर से ही फिर से खड़ी हुई हैं. सक्रिय राजनीति में साल 1998 में आईं. 1998 में नेपानगर से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं. फिर 2003 में एक बार फिर लड़ा, तब नेपानगर से जीत गईं. उसके बाद बुरहानपुर से लड़ा. शिवराज सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री हैं.

archna_121118095825.jpgअर्चना चिटनीस. फोटो- फेसबुक

मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़-

इंदौर-4 से चुनाव लड़ रही हैं. बीजेपी की लीडर हैं. अभी इंदौर-4 से ही सिटिंग विधायक हैं. एक बार फिर बीजेपी ने भरोसा जताया है. इंदौर की मेयर भी हैं. फरवरी 2015 में बनी थीं. 2008 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था, इंदौर से ही. जीत गई थीं. लक्ष्मण सिंह की पत्नी हैं. लक्ष्मण मध्य प्रदेश के पूर्व हायर एजुकेशन मिनिस्टर थे. साल 2008 में देवास में कार एक्सिडेंट में निधन हो गया था.

47689264_212305703029934_4700495140265918464_n_121118095908.jpgमालिनी लक्ष्मण सिंह. फोटो- फेसबुक

उषा ठाकुर-

बीजेपी नेता हैं. महू से विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं, इस बार. इंदौर-3 से सिटिंग विधायक हैं, इस बार सीट बदल दी गई है. अक्सर ही खबरों में रहती हैं. अपने उल्टे-पुल्टे बयानों के कारण. टिकट बदलने पर भी अजीब बयान दिया था. कहा था कि बीजेपी में वंशवाद हावी हो गया है. अब बीजेपी कांग्रेस की राह पर चल रही है. खैर, बाद में वो बयान से पलट गई थीं.

48269300_1951134175001498_1965146377725935616_n_121118095929.jpgउषा ठाकुर. फोटो- फेसबुक

कृष्णा गौर-

भोपाल के गोविंदपुरा से चुनाव लड़ रही हैं. बीजेपी के टिकट पर. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बड़े नेता बाबूलाल गौर की बहू हैं. अभी बाबूलाल इस सीट पर सिटिंग विधायक हैं. लेकिन इस बार बीजेपी ने कृष्णा पर भरोसा जताया है.

48156168_298647820782170_600254793813852160_n_121118095953.jpgकृष्णा गौर. फोटो- फेसबुक

ललिता यादव-

छतरपुर जिले में 6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं. इनमें से एक है- मल्हारा. यहां से ललिता यादव विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं. बीजेपी की टिकट पर. अभी छतरपुर से विधायक हैं. अब नहीं रहेंगी. 2008 और 2013 में छतरपुर से विधायक बनी थीं. इस बार सीट बदल दी गई है. मध्य प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री भी हैं. पिछड़ा वर्ग-अल्पसंख्यक कल्याण का स्वतंत्र प्रभार मिला है.

lalita-yadav_121118100019.jpgललिता यादव. फोटो- फेसबुक

देवती कर्मा- 

कांग्रेस के टिकट पर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा से चुनावी मैदान में हैं. 56 साल की हैं. 2013 में भी दंतेवाड़ा से जीती थीं, यानी विधायक बनी थीं. कांग्रेस के दिवंगत नेता महेंद्र कर्मा की पत्नी हैं. महेंद्र 2003 से 2008 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में लीडर ऑफ अपोजिशन थे. नक्सलियों के खिलाफ सलवा जुडूम की अगुवाई की थी. 25 मई 2013 में नक्सली हमले में मौत हो गई थी. फिर देवती कर्मा राजनीति में सक्रिय हुईं.

devti-karma_121118100104.jpgदेवती कर्मा. फोटो- फेसबुक

ममता मीणा- 

मध्य प्रदेश के गुना के चाचौड़ा से चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी की टिकट पर. 2013 में भी चाचौड़ा से विधानसभा चुनाव जीती थीं. कांग्रेस के शिवनारायण मीणा को 34,901 वोटों से हराया था. उससे पहले, 2005 से 2010 तक ममता गुना जिला पंचायत की चेयरमैन थीं. 42 साल की हैं.

mamta-meena_121118100125.jpgममता मीणा. फोटो- फेसबुक

अरुणा विवेक तिवारी-

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक टाउन है सिरमौर. यहां से कांग्रेस की टिकट पर अरुणा तिवारी चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी के दिव्यराज सिंह से सीधा मुकाबला है. दिव्यराज ने 2013 चुनाव में विवेक तिवारी को हराया था. इस बार विवेक की पत्नी अरुणा को कांग्रेस ने टिकट दिया है.

aruna-vivek-tiwari_121118100148.jpgअरुणा विवेक तिवार. फोटो- फेसबुक

करुणा शुक्ला-

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी की भतीजी हैं. पूर्व सांसद हैं. छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं, कांग्रेस के टिकट पर. मुख्यमंत्री रमन सिंह को सीधे टक्कर दे रही हैं. रमन भी इसी क्षेत्र से चुनावी रण में हैं.

करुणा 1982 से 2013 तक बीजेपी की नेता थीं. लेकिन 2014 में कांग्रेस ज्वाइन कर ली. बीजेपी छोड़ते वक्त कहा था कि पार्टी अब पावर पॉलिटिक्स का शिकार हो रही है. 14वीं लोकसभा की सदस्य थीं. यानी 2004 से 2009 के बीच लोकसभा में छत्तीसगढ़ के जांजगीर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था, बीजेपी की तरफ से. लेकिन 2009 लोकसभा चुनावों में हार गई थीं. तब कोरबा से चुनाव लड़ी थीं, मुकाबला था कांग्रेस के चरण दास महंत से. 2014 में कांग्रेस के टिकट पर बिलासपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन बीजेपी के लखन लाल साहू से हार गईं.

karuna-shukla_121118100207.jpgकरुणा शुक्ला. फोटो- फेसबुक

संयोगिता सिंह जूदेव-

31 साल की हैं. पहली बार चुनावी मैदान में उतरी हैं. बीजेपी के टिकट पर छत्तीसगढ़ के चंद्रपुर से लड़ रही हैं. 'बहूरानी' कहा जाता है इन्हें. क्योंकि ये जशपुर राजघराने के दिलीप सिंह जूदेव की बहू और युद्धवीर सिंह की पत्नी हैं. युद्धवीर चंद्रपुर से तीन बार विधायक रह चुके हैं. इस बार उनका टिकट काटकर बीजेपी ने उनकी पत्नी को मैदान में उतारा है.

युद्धवीर ने संयोगिता के लिए रायगढ़ से टिकट मांगा था, लेकिन बीजेपी ने ऐसा नहीं किया. संयोगिता पहली बार चुनाव लड़ रही हैं. हालांकि इससे पहले 2013 विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपने पति के लिए प्रचार-प्रसार किया था.

दिलीप सिंह जूदेव अटल बिहारी वाजपयी की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. बिलासपुर से सांसद थे. इन्होंने क्रिश्चियन बन चुके आदिवासियों को वापस हिंदू बनाने का अभियान शुरू किया था, जिसे 'घर वापसी' कहा गया था.

sanyogita-singh-judev_121118100229.jpgसंयोगिता सिंह जूदेव. फोटो- फेसबुक

राजमाता की सुपुत्री- यशोधरा राजे सिंधिया, शिवपुरी-

यशोधरा, मध्य प्रदेश बीजेपी का बड़ा नाम. मध्य प्रदेश की बड़ी महिला नेता. शिवराज सरकार में कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्टर. राजमाता विजयाराजे सिंधिया की बेटी. राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की बहन. कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य की बुआ.

यशोधरा शिवपुरी से चुनाव लड़ रही हैं. यहीं से सिटिंग विधायक भी हैं. शिवपुरी इलाका आजादी के पहले ग्वालियर रियासत में आता था. और यशोधरा को इसका भी फायदा पहुंचता है. पिछली लोकसभा में ग्वालियर से सांसद भी थीं.

yashodhara-raje_121118100248.jpgयशोधरा राजे सिंधिया. फोटो- ट्विटर

 

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