मिजोरम की उस 'सुंदर' कैंडिडेट के बारे में और नहीं जानेंगे, जिसकी हार से आप दुखी थे?

जिसको वोट नहीं दिया. पर आंखें खूब सेंकीं.

प्रेरणा प्रथम प्रेरणा प्रथम
दिसंबर 13, 2018

व्हाट्सएप पर आपके पास रोज कितनी फॉरवर्ड्स आती होंगी. मैसेजेस होते होंगे, फोटोज भी आती होंगी. उनमें से कई ऐसी होती होंगी जिनको आप बिना देखे डिलीट भी कर देती होंगी. अब ज़रा इस फोटो को ध्यान से देखिए.

lalrutfeli_121318060630.jpgइस तरह की झूठी तस्वीरें वायरल हो रही हैं.

ये फोटो इस कैप्शन के साथ वायरल की जा रही है कि ये मिजोरम से चुनाव लड़ने वाली एक लड़की है. इसने इंडिपेंडेंट चुनाव लड़ा और हार गई. इसमें कई जगह जो नाम लिखा गया है वो नाम है Lalruatfeli Hlawndo. लेकिन दिक्कत इस बात से नहीं है कि एक लड़की चुनाव लड़ी और हार गई. दिक्कत इस बात से है कि इसे पेश किस तरह से किया जा रहा है.

पहली बात तो ये है, कि ये फोटो ध्यान से देखने पर फेक नजर आती है.

अधिकतर कैप्शंस जो इस फोटोज के साथ चल रहे हैं वो ये कह रहे हैं कि इतनी सुन्दर लड़की थी, उसे भी हरवा दिया बताओ तो. यानी कि चुनाव लड़ने के लिए लायक या नालायक होना इस बात पर डिपेंड करता है कि आप कितनी सुन्दर हैं. ये सुन्दरता भी एक ख़ास नज़रिए से देखी जाने पर ही डिसाइड की जा सकती है. आप कितनी पतली हैं, कितनी गोरी हैं, कितने घने या लम्बे आपके बाल हैं. जो एक पुरुष की नज़र से सुन्दर लगे वही जमाने में सुन्दर है और वही डिसाइड करेंगे कि इस सुन्दरता की कीमत वो किस तरह लगा रहे हैं. चाहे वो इस तरह से झूठी बातें लिख कर किसी की बेइज्जती करना ही क्यों न हो. इस फोटो में मौजूद लड़की की यही तस्वीर कई दूसरी वेबसाइट पर भी डली हुई है. एक डेटिंग वेबसाइट पर इस लड़की का नाम प्रिया है.

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एक इन्स्टाग्राम अकाउंट पर ये जटनियों के नाम से चलाई जा रही है. ये फोटो वहां जुलाई में ही अपडेट हो गई थी. कुछ फॉरवर्ड के कैप्शंस ऐसे भी हैं जिनमें कहा गया है कि सिर्फ सुन्दर होने से चुनाव नहीं जीते जायेंगे. इस लड़की को ही देख लो.

अब जिस लड़की के नाम से ये फोटो चलाई जा रही है, उसके बारे में भी जान लीजिए. ये सच है कि मिजोरम से इस लड़की ने इंडिपेंडेंट चुनाव लड़ा. ये भी सच है कि वो जीत नहीं पाई. ये भी सच है कि आइजौल उत्तर की सीट पर इनको सिर्फ 700 वोट मिले. लेकिन ललरुअतफेली ह्लान्दो सिर्फ एक नाम नहीं हैं.

इनके पिता जाईछौना ह्लान्दो पादरी हैं. मां बाप दोनों मिशनरी. पांच बेटियां. ललरुअतफेली ह्लान्दो दूसरी सबसे छोटी बेटी हैं. अमेरिका और इंग्लैंड में पली बढ़ीं. नौकरी भी इंग्लैंड में कर रही थीं कि वहां से मिजोरम आने की सोची और यहां आने के बाद पिता के साथ पॉलिटिक्स में कूद पड़ीं. इनका मानना है कि मिजोरम की सबसे बड़ी दिक्कत करप्शन है. ये भी कि बाइबल से प्रेरित होकर लोग इससे जूझ सकते हैं. इनकी बड़ी बहन भी चुनाव लड़ीं इंडिपेंडेंट. हालांकि अपने समूह को इन लोगन ने जोरम थार का नाम दिया है जिसका मतलब है नया मिजोरम. लेकिन इसे वो लोग पॉलिटिकल पार्टी मानने से इनकार करते हैं. इसे लोगों का एक समूह कहना ज्यादा बेहतर समझते हैं. ललरुअतफेली ह्लान्दो इंग्लैंड में बना हुआ अपना करियर छोड़ कर आईं, और उन्होंने ये फैसला लिया कि लोगों के लिए काम करेंगी.

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ये है उस लड़की की कहानी जिसके नाम के साथ आप ये फोटो इधर उधर देख रही होंगी. अगली बार कोई फॉरवर्ड करे ऐसा कुछ तो उनको बता दीजिएगा. किसी भी औरत को उसकी शकल या शरीर तक सीमित कर उसके हर दूसरे आस्पेक्ट को नज़रंदाज़ कर देना पुरुषवाद और उससे जन्मे मार्केट को मजबूत बनाता है. किसी भी औरत को चुनाव लड़ने, किसी कम्पनी की CEO बनने, NASA का साइंटिस्ट बनने या अपने काबिलियत की हर वो चीज़ करने का हक़ है जिसके लिए वो खुद तो तैयार समझती है. उसमेंफर्क किसी और का उसके शरीर और चेहरे के बारे में क्या सोचना है, ये कतई पॉइंटलेस था, है और रहेगा.

 

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